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विनय जैन| झालावाड़ मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को नए साल 2021 में नई जांचों की सुविधा मिलेगी। इसमें टीबी रोग का पता करने के लिए होने वाली कल्चर एंड सेंस्टेविटी, एलपीए और मॉलिक्यूलर जांचें भी शामिल हैं। यह जांचें टीबी बैक्टिरिया के डीएनए की जांच से होगी।अभी इन जांचों के लिए मरीजों के सैंपल बाहर भेजे जाते हैं, जिनकी रिपोर्ट के लिए सात दिन का इंतजार करना पड़ता है। अब नए साल में इन जांचों की सुविधा मरीजों को झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में ही मिल जाएगी।मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायलोजी विभाग के टीबी लैब 2021 में शुरू होगी, इसके लिए प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। तकनीकी कर्मचारियों को ट्रेनिंग कराने के लिए दो बार आईसीएमआर के साथ बैठक हो चुकी है। आगे ट्रेनिंग स्थानीय स्तर पर होती है या बेंगलुरु में होगी, इसका निर्णय होते ही ट्रेनिंग करवाई जाएगी। इसके बाद माइक्रोबायोलॉजी विभाग की टीबी लैब में टीबी की जांच शुरू हो जाएगी।बैक्टिरिया के डीएनए की होगी जांच: माइक्रो बायोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ. याेगेंद्र तिवारी ने बताया कि टीबी लैब शुरू होने पर टीबी की जांच स्थानीय स्तर पर होगी। लैब में टीबी बैक्टिरिया के डीएनए की जांच से रोग का पता किया जाएगा।अभी सैंपल जयपुर भेजते हैंमाइक्रोबायोलॉजी विभाग की टीबी लैब शुरू होने पर मात्र दो से तीन घंटे में मरीजों को रिपोर्ट मिल जाएगी। अभी इन टेस्ट के लिए सैंपल जयपुर भेजे जाते हैं। रिपोर्ट आने में सात दिन का समय लगता है। रिपोर्ट समय पर आने से मरीजों को गुणवत्तापूर्ण इलाज मिलने लगेगा।^ टीबी लैब को शुरू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। टेक्नीशियन की ट्रेनिंग होते ही लैब को शुरू कर दिया जाएगा।- डॉ. योंगेंद्र तिवारी, एचओडी, माइक्रोबायलॉजी विभाग
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