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स्थानीय ग्राम पंचायत के अधीन चल रही मनरेगा योजना में तय मजदूरी 220 रुपए के स्थान पर 20 से 40 रुपए मजदूरी मिलने सेे नाराज श्रमिकों ने मंगलवार को ग्राम पंचायत में एक घंटे तक नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। साथ ही समाधान नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी।मनरेगा श्रमिक रेखाबाई ढीमर, डसली, शोभा, सीमा, कृष्णा, इंद्रा, धापूबाई, राजेश सहित अन्य श्रमिकों ने बताया कि मुकंदपुरा गांव के समीप पूर्व पखवाड़े में जारी 667 श्रमिकों की मस्टररोल में 12 दिन में 8 घंटे काम के बदले श्रमिकों को 220 रुपए के स्थान पर 20 से 40 रुपए मजदूरी खाते में जमा की गई है। इतने कम पैसों से घर का खर्च कैसे चलाएं। उन्होंने बताया कि लाॅकडाउन के बाद से बड़ी मुश्किल से मस्टररोल जारी हुई थी। जिसमें रोज मजदूरी मिल रही थी, लेकिन कर्मचारियों की मनमानी के चलते 20 से 40 रुपए ही खाते में डाले गए। श्रमिकों का कहना है कि कई मजदूर मौके पर हाजरी लगवाने आते हैं और हाजरी लगवाने के बाद इधर-उधर घुमते रहते हैं। कुशीदा, मदनमोहन रिंकू सहित अन्य श्रमिकों ने बताया कि तीन से चार किमी दूर मनरेगा स्थल है। जहां रोज पैदल चलकर सुबह नौ बजे पहुंचकर कार्य करते हैं। शाम पांच बजे छुट्टी होने पर घर आते हैं। श्रमिकों ने मंगलवार शाम को पंचायत परिसर में एकत्रित होकर 220 रुपए देने की मांग करते हुए एक घंटे तक विरोध प्रर्दशन किया। पंचायत कर्मचारियों की समझाइश के बाद श्रमिक शांत हुए। वहीं महानरेगा सहायक कार्यक्रम अधिकारी कमलसिंह आमेरा ने बताया कि नरेगा स्थल पर एलडीसी को भेजकर कार्यस्थल पर मेटों को पाबंद करने के निर्देश दिए हैं। जितना काम करेंगे उतना दाम मिलेगा। जेईएन रवि प्रकाश सोनी ने बताया कि यदि मस्टररोल में फर्जी मजदूरों के नाम चल रहे हैं तो इससे ईमानदार मजदूरों को नुकसान होगा। फर्जी नामों को रोकने के लिए मजदूरों को जागरूक होना पड़ेगा।
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