12 साल का दिव्यांग बालक शराबी पिता की मारपीट से परेशान होकर घर छोड़कर कोटा चला आया। उसके पैर में चोट लगी हुई थी। खून बह रहा था। लावारिस हालात में रेलवे स्टेशन पर RPF की सूचना पर चाइल्ड लाइन ने रेस्क्यू किया। बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया। समिति ने दिव्यांग बालक की काउंसलिंग के बाद उत्कर्ष संस्थान में अस्थायी आश्रय दिलवाया है। बालक ज्यादा कुछ नहीं बोल पा रहा है। समिति सदस्य बालक के परिजनों की तलाश में जुटे है ताकि उसे सकुशल घर पहुंचाया जा सकें।
बाल कल्याण समिति अध्यक्ष कनीज फातमा ने बताया 12 साल का बालक, गंगधार, झालावाड़ के पास केपानिया, चोमेला एमपी बॉर्डर का रहने वाला है। और चार भाई बहिनों में सबसे छोटा है। वो जन्म से दिव्यांग है। उसके एक हाथ की हथेली मुड़ी हुई है। हकलाने के कारण उसे बोलने में तकलीफ होती है। काउंसलिंग के दौरान बालक ने बताया कि शारीरिक रूप से कमजोर होने के कारण उसके पिता शराब के नशे में मारपीट करते है। 4 दिसंबर को भी पिता ने शराब के नशे में पिटाई की थी। जिससे तंग आकर उसने घर छोड़ दिया। और भागकर कोटा आ गया। बालक ने बताया कि घर मे पढ़ाई का माहौल नहीं है। माता-पिता मजदूरी करते है।
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