वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए नगर निगम की ओर से एंटी स्मोग गन मशीन है खरीदी गई थी। जोर शोर से इन दो मशीनों का ट्रायल भी लिया गया। लेकिन उसके बाद उन्हें नगर निगम के पास ही दशहरा मैदान में खड़ा कर दिया गया।
15 दिन से ज्यादा का समय बीतने के बाद भी यह मशीनें ज्यों की त्यों ही खड़ी है। ना तो प्रदूषण कम करने के काम आ रही है न ही अभी इनका रूट चार्ट बना है। प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से आवंटित बजट से निगम ने यह दोनों ट्रक माउंटेड मशीनें खरीदी थी। नयापुरा क्षेत्र में इनका ट्रायल भी लिया गया था।
मशीनें आने के बाद ही अधिकारियों ने घोषणा की थी कि जल्द ही रूट चार्ट बनाकर मशीनों को ज्यादा प्रदूषण वाले स्थानों पर लगाया जाएगा ताकि वायु में प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सके। लेकिन ट्रायल करने के बाद अधिकारी रूट चार्ट बनाना ही भूल गए। अब महापौर ना ही आयुक्त कैमरे के सामने इस मामले को लेकर बात करने को तैयार हैं।
हालांकि उनका कहना जरूर है कि 1 जनवरी से इन मशीनों को काम में लेना शुरू कर दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि रूट चार्ट, बीमा, रजिस्ट्रेशन नंबर समेत अन्य औपचारिकताओं में समय लगने के चलते मशीनों का काम नहीं लिया गया। एक करोड़ 54 लाख की लागत से यह दो मशीनें खरीदी गई थी, इनके साथ ही 5 पोर्टेबल मशीनें भी खरीदी गई है। लेकिन अभी तक मशीन नगर निगम कोटा उत्तर को मिली नहीं है।
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