शहर के तलवंडी स्थित निजी अस्पताल में सात दिन के एक बच्चे के हृदय के वाल्व में विकृति को नियोनेटल बीटी शंट तकनीक से जटिल ऑपरेशन कर दूर किया गया। बच्चा अब स्वस्थ है। अस्पताल का दावा है कि इस तरह के बच्चों में होने वाला कोटा में यह पहला ऑपरेशन है। शहर के छावनी में रहने वाले बच्चे के परिवार का चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में पंजीकृत होने पर यह ऑपरेशन निःशुल्क हुआ।
सुधा हॉस्पिटल के कार्डियक सर्जन डॉ. पलकेश अग्रवाल ने बताया कि बच्चे की तबीयत अधिक खराब होने पर परिजन उसे लेकर सुधा अस्पताल पहुंचे थे। जांच करने पर पाया कि बच्चे का ऑक्सीजन लेवल लगातार गिरता जा रहा है और ऑक्सीजन सैचुरेशन 35 रह गया है और बच्चे को कृत्रिम ऑक्सीजन पर रखने के बावजूद ऑक्सीजन लेवल 50 से अधिक नहीं बढ़ रहा था।
जांच में बच्चे के ह्दय में कई विकृतियां पाई गई, उसका वजन भी 2.2 किलोग्राम था, ऐसे में उसके ऑपरेशन से ही आगे विकसित होने की संभावना थी। वहीं, 7 दिन के बच्चे में ऑपरेशन करना बेहद ही जटिल था। ऐसे में अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने बच्चे का सफल ऑपरेशन कर उसे नया जीवन दिया।
फेफड़ों में नहीं जा रहा था खून , ऑपरेशन के बाद बच्चा स्वस्थ
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि बच्चे के फेफड़ों में रक्त नहीं जा पा रहा था, जिससे रक्त शुद्ध नहीं हो रहा था। ऐसे में उसे बेहद तकलीफ थी। बच्चे का विकास नहीं हो रहा था और वो बेहद कमजोर था। ऐसे में बच्चे के फेफड़ों में एक नली डालकर ब्लड को पहुंचाया गया। जिसके बाद बच्चे का ऑक्सीजन लेवल बढ गया । ऑपरेशन करने वाली टीम में कार्डियक सर्जन डॉ. पलकेश अग्रवाल, डॉ. सन्नी केशवानी, डॉ. राकेश मालव, डॉ. पुरुषोत्तम मित्तल, डॉ. प्रवीण कोठारी, डॉ. गायत्री गुप्ता, डॉ. हेमराज सोनी व डॉ. संध्या बंसल का विशेष सहयोग रहा।
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