कोटा में वैक्सीन लगने के 20 घंटे बाद गुरुवार सुबह 60 साल के एक बुजुर्ग की मौत हो गई। बुजुर्ग ने बुधवार को कोरोना वैक्सीन लगवाई थी। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए हेल्थ विभाग ने 15 डॉक्टरों की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। वहीं, 3 डॉक्टरों के मेडिकल बोर्ड ने शव का पोस्टमार्टम किया है। डॉक्टरों का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारण सामने आएंगे। उधर, मृतक के परिजनों का कहना है कि बुजुर्ग को किसी तरह की कोई बीमारी नहीं थी।
जानकारी के मुताबिक, 60 साल के बहादुर सिंह किसान थे। वह जिले के बालूखेड़ा ग्राम पंचायत के गरमोडी गांव में रहते थे। बुधवार दोपहर करीब 1 बजे पीएचसी बालूहेड़ा पर बहादुर सिंह ने कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगवाई थी। उन्हें डेढ़ बजे तक निगरानी में रखा गया था। उसके बाद वह घर वापस आ गए थे।
परिजनों का आरोप- चक्कर आने के बाद हुई मौत
मृतक के भाई गोविंद सिंह ने बताया कि घर पर आने के बाद बुधवार शाम को उन्हें चक्कर आए। इसके बाद वह सो गए। सुबह 6 बजे उठे तो फिर चक्कर आने की शिकायत की। इसके बाद पेशाब करने गए और वापस आकर चाय पी। उसके बाद फिर चक्कर आए और गश खाकर गिर गए। उसके बाद उठे नहीं। परिजन उन्हें तुरंत कैथून सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
भाई ने आरोप लगाया कि कोरोना वैक्सीन लगाने के बाद ही उनकी तबीयत बिगड़ी और मौत हुई। जबकि पहले उन्हें किसी तरह की कोई बीमारी नहीं थी। वह पूरी तरह ठीक थे।
हार्टअटैक से ही मौत की आशंका- सीएमएचओ
इस मामले में सीएमएचओ डॉ. बीएस तंवर ने कहा कि एईएफआई सर्विलांस सिस्टम के तहत एईएफआई कमेटी के 15 डॉक्टरों की आपात बैठक बुलाई गई है। मेडिकल बोर्ड से मृतक का पोस्टमार्टम करवाया है। रिपोर्ट के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। प्रथम दृष्टयता स्ट्रोक या हार्टअटैक ही मौत का कारण हो सकता है। फिर भी सभी प्रकार की जांच की जा रही है। बता दें कि एईएफआई वैक्सीन सेफ्टी सर्विलांस सिस्टम है।
वहीं, कोरोना वैक्सीन मॉनिटरिंग प्रभारी डॉ. सौरभ शर्मा का कहना है कि मौत का कारण अगर वैक्सीन होती तो टीकाकरण के एक-दो घंटे के बीच असर होता। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। बुजुर्ग ने रात को खाना खाया है। सुबह चाय पीने के दौरान वो अचेत होकर गिरे हैं। ऐसे में हार्टअटैक से मौत होने की आशंका अधिक है। बुजुर्ग को किस कंपनी की वैक्सीन लगी थी। यह अभी स्पष्ट नहीं है।
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