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एसीबी कोर्ट ने जेल में बन्द आईएएस इंद्र सिंह राव व पीए महावीर प्रसाद की न्यायिक अभिरक्षा अवधि बढ़ा दी है। कोर्ट ने दोनों आरोपियों को 20 जनवरी तक जेल भेजने के आदेश दिए है। 6 जनवरी को न्यायिक अभिरक्षा अवधि पूरी होने के बाद दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाना था। लेकिन दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश नही किया जा सका।सेंट्रल जेल से भेजे गए वारंट में जाप्ते की कमी हवाला देते हुए अगली सुनवाई की मांग की थी। जिस पर कोर्ट ने दोनों आरोपियों की न्यायिक अभिरक्षा अवधि 20 जनवरी तक बढ़ा दी।
पेट्रोल पंप की एनओसी जारी करने की एवज में पीए के जरिये रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार हुए बारां जिले के पूर्व कलेक्टर इंद्र सिंह राव को सरकार एपीओ करके भूल गई थी। जबकि नियमानुसार किसी भी लोक सेवक के 48 घण्टे न्यायिक हिरासत में रहने पर उसे निलंबित करने होता है।
सरकार ने न्यायिक अभिरक्षा में 12 दिन गुजर जाने के दिन बाद इंद्र सिंह राव को सस्पेंड किया। कार्मिक विभाग ने 4 जनवरी को देर रात आईएएस इंद्र सिंह राव का निलंबन आदेश जारी किया। आदेश में मुताबिक 23 दिसंबर से निलंबन माना जाएगा। वहीं तबादला सूची में इंद्र सिंह राव की जगह राजेंद्र विजय को बारां कलेक्टर लगाया गया।
गौरतलब है कि कोटा एसीबी ने पेट्रोल पंप की एनओसी जारी करने की एवज में 10 दिसम्बर को बारां के तत्कालीन कलेक्टर के पीए महावीर प्रसाद को 1 लाख 40 हजार की रिश्वत लेते ट्रेप किया था। 11 दिसम्बर को राज्य सरकार ने इंद्र सिंह राव को एपीओ किया था। एसीबी ने इंद्र सिंह राव के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
23 दिसंबर को पूछताछ के बाद इंद्र सिंह राव को गिरफ्तार किया था। 24 दिसंबर को कोटा एसीबी कोर्ट में पेश किया, कोर्ट ने 1 दिन का रिमांड दिया था। 25 दिसंबर को दोबारा इंद्र सिंह राव को कोर्ट में पेश किया गया था। जहां से कोर्ट ने उसे जेल भेजने के आदेश दिए थे।
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