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जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत के बाद हुई प्रशासनिक कार्यवाही का विरोध थमने का नाम नही ले रहा। निलंबित 3 नर्सिंगकर्मियों को वापस बहाल करने की मांग को लेकर अस्पताल के नर्सिंगकर्मी आंदोलन कर रहे है। गुरुवार को नर्सिंगकर्मियों ने 12 से 2 बजे तक कार्य बहिष्कार की घोषणा की। सभी नर्सिंगस्टाफ ने दोपहर 12 से काम बंद कर दिया। आक्रोशित नर्सिंगकर्मी अस्पताल गेट पर इकट्ठा हो गए। लेकिन आधे घंटे बाद ही उच्चाधिकारियों से मिले आश्वासन के बाद वापस काम पर लौट गए।
नर्सिंगकर्मियों का कहना है कि नर्सिंग कर्मचारी दिन रात अस्पताल में काम करते हैं। एक वार्ड में 70 मरीजों की देखभाल करते है। कोरोना काल में नर्सिंगकर्मियों ने जान की परवाह किये बिना मरीजों की सेवा की। उसके बाद भी जेके लोन में गलत तरीके से 3 नर्सिंग कर्मियों को सस्पेंड किया गया है। जिसका नर्सिंगकर्मचारी लम्बे समय से विरोध कर रहे है। उसके बाद भी सुनवाई नही हुई।नर्सिंग कर्मियों की मांग है कि सरकार उनका निलंबन वापस लेकर, उन्हें बहाल नहीं किया, तो वे लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
गौरतलब है कि जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत के मामले ने सरकार कार्रवाई की थी। पहले अधीक्षक,पीडियाट्रिक के एचओडी को पद से हटाया था। फिर 24 दिसम्बर को लापरवाही बरतने के मामले पोस्टनेटल वार्ड में कार्यरत तीन नर्सिंग स्टाफ सस्पेंड किया। बच्चों की मौत के वक्त स्टाफ नर्स द्वितीय रोजी शर्मा, एएनएम सावित्री राठौर, व पुष्पलता सक्सेना की नाइट ड्यूटी थी।
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