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पीए साहब ने जो कहा, मैने सेवा कर दी, कलेक्टर इंद्र सिंह राव बोला-'अरे भैया कुछ नहीं आप तो जो है अपना काम करो यार फालतू के चक्कर में मत पड़ो'
परिवादी गोविंद सिंह की पेट्रोल पम्प की भूमि लीज फरवरी 2019 में रिन्यूवल होनी थी। लीज रिन्यूवल के लिए इंडियन ऑयल कॉपोरेशन लिमिटेड ने बारां कलेक्टर को लिखा था। लेकिन कलेक्टर ने अक्टूबर 2019 में पेट्रोल पम्प की भूमि आवंटन ही निरस्त कर दिया व चारागाह में इंद्राज कराने के आदेश कर दिए। और पेट्रोल पंप बन्द कर भूमि खाली कराने के आदेश दिये। परिवादी ने डीलर की हैसियत से राज्य सरकार से कलेक्टर के दूषित आदेश को अपास्त करवा लिया जो कलेक्टर कार्यालय से तीन माह पहले ही सिंतम्बर 2020 में प्राप्त हो गया था। लेकिन कलेक्टर द्वारा इस पर कोई कार्यवाही नहीं की जाकर पेंडिंग रखा।
बारां कलेक्टर ऑफिस में घूसखोरी नेटवर्क की कहानी पार्ट-1
कलेक्टर राव व परिवादी गोविंद सिंह के बीच हुई वार्ता के अंश
परिवादी (गोविंद सिंह)-नमस्कार
आरोपी (कलेक्टर राव)-ओर बताओ,क्या करें,कर दिया वो लेटर जारी
परिवादी-दे दिया था वो सर मुझे पीए साहब ने
आरोपी-हां
परिवादी- ओर पीए साहब ने जो कहा मैने सेवा कर दी
आरोपी- अरे भैया कुछ नहीं आप तो जो है अपना काम करो यार फालतू के चक्कर में मत पड़ो
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सत्यापन के दौरान परिवादी गोविंद व पीए महावीर की बातचीत डिजिटल वाइस रिकॉर्डर में रिकॉर्ड हुई
कलेक्टर के चेम्बर में जाने से पहले पीए महावीर बोला-'रेट कन्वर्जन एक ही है,एनओसी की एक ही है' परिवादी बोला-'आप तो रिन्यूवल की बता दो'
कलेक्टर द्वारा जब परिवादी की फाइल पर कोई कार्यवाही नहीं की जाकर पेंडिंग रखा। इसके बाद परिवादी गोविंद 3 सिंतम्बर के आदेश में सम्बंध में भूमि की लीज रिन्यूवल आदेश कराने के लिए को पीए महावीर नागर से मिला। जिसमे कलेक्टर के लिए 2 लाख, खुद के लिए तीस हजार जिसमें एक बाबू दौलत का भी हिस्सा बताया व शंभूलाल बाबू के लिए 10 हजार रुपये अलग से कुल 2 लाख 40 हजार रिश्वत की मांग की। पीए महावीर ने परिवादी से कहा कि 'आपको पता है आपके भाई गजेंद्र सिंह ने जो किया वो आप भी कर दो'
घूसखोरी के नेटवर्क की कहानी पार्ट-2
परिवादी (गोविंद सिंह)- में तो में तो भाई ये कह रहा हूँ आपसे की भाई पहले भी में एक साल तक घूमा अटरू वाली एनओसी के लिए पम्प की.
आरोपी (महावीर)- हं
परिवादी-कन्वर्जन के लिए भी मगर कुछ भी नहीं हुआ,पचासों बार कलेक्टर साहब से भी मिला,कुछ नहीं हुआ,छोटा भाई यहां आप से मिला...
आरोपी - हूँ, हूँ, हं
परिवादी- अपने जैसे जैसे कहा के भाई दो लाख कलेक्टर के दो...
आरोपी - हं,हं
परिवादी-तो दो लाख रुपये आपको उस दिन दे दिए..
आरोपी - हं,हं
परिवादी- है ना,दस हजार शम्भूदयाल जे के दो,तो दस हजार उनके दे दिए,आपको..
आरोपी-(कोई विरोध नहीं करता है मौन स्वीकृति)
परिवादी-नही तो दस हजार शम्भूदयाल जी को दिए आपने..
आरोपी-ये तो इतने नहीं बनते उनके मक्कार लोग है इतने नहीं बनते
परिवादी- हं
आरोपी-भई ठीक है अगर आपकी मंशा ,आपका मन बोल रहा है तो 10 हजार रुपये ले लेता हूँ,बाकी ये अफसर कर रहा है,जो ओर नीचे वाले किसी का नहीं बनता ये मेरा मानना है पर फिर भी चलो अपन स्वेच्छा से.. (बिराजो सर बिराजो)
परिवादी- हं
आरोपी-अपनी स्वेच्छा से.
परिवादी-हां, हां
इस बातचीत में आरोपी पीए महावीर परिवादी गोविंद को विश्वास दिलाता है कि कलेक्टर उसी की बात मानता है ओर किसी की नहीं मानता।
इसके बाद हुई बातचीत
परिवादी-पीए साहब तीन साल हो गए यार..
आरोपी-रिन्यूवल में आपकी क्या इच्छा है,ताकि में वो इच्छा अंदर बता दूंगा ओर कुछ नहीं है..
परिवादी-नहीं भाई सुनो..
आरोपी-अंदर वो (कलेक्टर) क्या कहता है,में आपको बता दूंगा..बीच का रास्ता निकाल दूंगा,ओर पैसे की बात है यहां आपको खड़ा कर दूंगा,आपके सामने अंदर जाऊंगा।
इसी दौरान कलेक्टर इंद्र सिंह राव बेल बजाते है और आरोपी पीए महावीर कलेक्टर के चेम्बर में जाने के किये तैयार होते हुए कहता है कि
आरोपी-अपना उनका कन्वर्जन ऐसा है, रेट कन्वर्जन की एक ही है,एनओसी की एक ही
परिवादी-मतलब,कन्वर्जन का 1 लाख ,एनओसी एक लाख टोटल दो है ना, तो अब आप तो रिन्यूवल का बताओ दो ,अंदर जा ही रहे होतो पूछ लो आप तो अभी मेरे को बता दो आप अंदर जा ही रहे कलेक्टर साहब ने तो अरे नही नही उनको थोड़ी ही पता है..
पीए कलेक्टर के चेम्बर में चला जाता है 128 सेंकड बाद वापस आता है और कहता है
आरोपी (महावीर)- ये डिमांड नोटिस जमा कराओ
परिवादी-हो गए जमा बमा तो सब..
आरोपी- ऐ.
परिवादी-सब कुछ जमा हो गया, छब्बीस को ही जमा करा दिया वो तो
आरोपी-अच्छा तो मतलब पुट अप ही करनी है अब तो
इसके बाद आरोपी महावीर परिवादी गोविंद सिंह को बैठता है। ओर कहता है कि मैने फाइल मंगवाई है। साहब लंच में गए है। आ जाएंगे। परिवादी पूछता है तो बता देते ना आप बता दो। परिवादी बार बार जोर देकर कहता है। नहीं आप बताओ। इस पर आरोपी महावीर कहता है कि साहब ने साहब ने बताए कि अभी..वो जो उचित लगे वो छोड़ देना...परिवादी ठीक है।सर चलूं कहते हुए चलने लगता है। तभी आरोपी महावीर कहता है, हां लंच के बाद आ जाना।
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