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नए अस्पताल में 23 जनवरी से ओपीडी व इनडाेर सेवाएं करने का मामला और लंबा खिंच सकता है। दाे दिन बचे हैं, लेकिन अभी ताे हाॅस्पिटल में फ्यूमीगेशन व सेनेटाइज करने की प्रक्रिया भी शुरू नहीं की गई। ऐसे में एमबीएस हाॅस्पिटल से मरीजाें काे शिफ्ट करने में ताे और समय लगेगा। सूत्राें ने बताया कि जिस हिसाब से हाॅस्पिटल शुरू करने की व्यवस्था बनाई गई है, उसमें कई सारे पेंच है। मसलन- नए अस्पताल के कुछ वार्ड अभी भी काेविड के रूप में संचालित हाेंगे। काेविड मरीजाें में सीटी स्कैन की जरूरत काॅमन है।
ऐसे में यदि किसी मरीज काे सीटी स्कैन के लिए लाया जाता है ताे उसके लिए रास्ता नहीं बन पा रहा। इमरजेंसी सेवाओं काे लेकर भी पेंच यह है कि पहले जिस क्षेत्र में अस्पताल की इमरजेंसी चलती थी, वह एंट्रेंस पूरा काेविड के लिए रिजर्व कर दिया गया है। ऐसे में जीरियाट्रिक्स क्लीनिक में इमरजेंसी सेवाएं चलेंगी। लेकिन इसमें पेच यह है कि ओटी नहीं है।
सी तरह ऑर्थाेपेडिक विभाग के ओपीडी के कमराें में काेविड टीकाकरण चल रहा है, इस साइट काे बदलने से पहले भी जयपुर से परमिशन लेनी हाेगी, क्याेंकि साइट प्लान स्थानीय स्तर पर नहीं बदला जा सकता। अब यदि बदलाव नहीं हुआ ताे ऑर्थाेपेडिक विभाग के ओपीडी कहां चलेंगे? इन सभी मुद्दाें पर अस्पताल अधीक्षक डाॅ. सीएस सुशील ने गुरुवार काे प्रमुख कार्मिकाें से चर्चा की।
अधीक्षक ने बताया कि एक बार फिर से प्रिंसिपल से बात करूंगा और उनकाे ये सारी दिक्कतें बताएंगे। इसके बाद वे जैसा कहेंगे, वैसे कर लेंगे। अस्पताल काे अगले दाे-तीन दिन में हर हाल में शुरू कर देंगे, लेकिन एक-एक करके विभाग शिफ्ट हाे पाएंगे। गाैरतलब है कि वर्तमान में नए अस्पताल से जुड़े विभागाें के मरीज एमबीएस हाॅस्पिटल में एडमिट किए जा रहे हैं।
पॉजिटिव- इस समय ग्रह स्थिति आपके लिए बेहतरीन परिस्थितियां बना रही है। व्यक्तिगत और पारिवारिक गतिविधियों के प्रति ज्यादा ध्यान केंद्रित रहेगा। बच्चों की शिक्षा और करियर से संबंधित महत्वपूर्ण कार्य भी आ...
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