सरकार लोगों को उनके मकानों के पट्टे शिविर लगाकर 500 रुपए में जारी कर रही है। दूसरी तरफ अधिकारियों की लापरवाही के चलते लोगों को सरकार की योजना के बाद भी परेशान होना पड़ रहा है। प्रशासन शहरों के संग अभियान चलाकर सरकार वार्ड वाइज शिविर लगा रही है। फाइलें तैयार कर आवेदन करते ही पट्टे देने का दावा किया जा रहा है। लेकिन स्थिति यह है कि कोटा दक्षिण में 1000 से ज्यादा पट्टों की फाइल है अटकी पड़ी है। 5 महीने से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी इन फाइलों का निपटारा नहीं हो सका।
स्थिति यह है कि छुट्टी के दिन भी महापौर पट्टो की फाइलों पर साइन कर रहे हैं लेकिन अधिकारियों के पास यह फाइले लंबित पड़ी है। सबसे ज्यादा छावनी क्षेत्र के वार्डों की फ़ाइले अधिकारियों की अलमारी में धूल खा रही है। क्षेत्र में कई बार शिविर भी लगाए जा चुके हैं लेकिन ज्यादातर में स्थिति यही रही कि कम ही लोगों के पट्टे जारी हो सके। कई बार हंगामे होते रहे तो कई बार अधिकारी कर्मचारी नहीं पहुंचे।
बताया जा रहा है कि कोटा दक्षिण में दो उपयुक्त है लेकिन उनमें तालमेल की कमी के चलते पट्टों की फाइल निस्तारित नहीं हो रही है। महापौर राजीव अग्रवाल ने बताया कि सरकार की मंशा के अनुरूप काम किया जा रहा है। उनके पास जो भी पट्टो की फाइल रही है उसे रोका नहीं जा रहा यहां तक की छुट्टी के दिन भी ऑफिस में पहुंचकर फाइलों का निपटारा किया जा रहा है। लेकिन इसके बावजूद भी हजार से ज्यादा फाइल पेंडिंग पड़ी है। कोटा दक्षिण में अब तक 2500 पट्टे बांटे जा चुके हैं। अधिकारियों का दावा है कि जो भी फाइलें पेंडिंग है वह इस महीने में निपटा दी जाएगी। इधर लोग इंतजार कर रहे हैं कि उनकी फाइलों पर जल्द से जल्द निपटारा हो ताकि उन्हें उनके मकानों के मालिकाना हक मिल सके।
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