शहर के विवेकानंद नगर निवासी हर्षित शर्मा (25) ने RAS 2018 में 105 वीं रैंक हासिल की है। इससे पहले 2015 में पटवारी व 2017 में हाईकोर्ट LDC में उनका सलेक्शन हो चुका था। लेकिन परिवार वालों ने नौकरी करने से मना कर दिया। खासकर बड़ी बहिन प्रज्ञा शर्मा ने हर्षित को सिविल सर्विसेज के मोटिवेट किया।उसके बाद हर्षित ने ज्यादा नहीं सोचा। जमकर मेहनत की रोज 6 से 7 घण्टे पढ़ाई की। सब कुछ भगवान पर छोड़ दिया। मन में नकारात्मक विचार आने पर गिर्राजधरण की शरण ली। गिर्राजजी की परिक्रमा लगाई। हर्षित के पिता प्रेमशंकर शर्मा हर महीने गिर्राजजी की परिक्रमा जाते है।
हर्षित ने बताया कि उनका बचपन कोटड़ादीप सिंह गांव में गुजरा। 9 वीं तक गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ाई की। उसके बाद कोटा आ गए। पिता सरकारी स्कूल में सहायक प्रशासनिक अधिकारी है। जबकि बड़ी बहिन टीचर है। बहिन ने सिविल सर्विसेज में जाने के लिए प्रेरित किया।शुरुआती पढ़ाई बहिन के सहयोग से शुरू की। एक दिन में 6 से 7 घण्टे पढ़ाई के लिए निकाले। कोई कोचिंग नही की। खुद पर भरोसा रखा। समय समय पर सेल्फ एस्सेमेंट करते रहे। कमियों को दूर किया। फिर टेस्ट सीरीज ज्वाइन की। हर सप्ताह टेस्ट देते रहे।
हर्षित बताते है कि ताऊजी ग्राम सेवक है। अक्सर बड़े अधिकारियों सम्पर्क में रहते थे। ताऊजी ने अधिकारी बनने पर सामाजिक प्रतिष्ठा,सम्मान मिलने की बात बताते हुए मोटिवेट किया। साथ ही चाचा ने भी हौसला बढ़ाया। हर्षित ने बताया कि इंजीनियरिंग करने के दौरान उनके सीनियर का RAS में चयन हुआ तो उनको हिम्मत बढ़ गई।सीनियर से समय समय पर मार्गदर्शन लिया और अपने मिशन पर जुट गए। RAS में सलेक्शन होने के बाद अब UPSC की तैयारी शुरू कर दी।
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