शहर के कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र से एक नाबालिग फोन पर दोस्ती होने के बाद युवक के साथ भाग गई। और एमपी के भोपाल में एक गांव में रही। इधर परिजनों ने गुमशुदगी दर्ज करवाई। करीब 6 महीने बाद पुलिस ने नाबालिग को दस्तयाब कर बाल कल्याण समिति (CWC) के सामने पेश किया। जहां से उसे बालिका गृह में अस्थाई आश्रय (शेल्टर) दिलाया।
बाल कल्याण समिति रोस्टर सदस्य मधुबाला शर्मा ने बताया कि 16 वर्षीय बालिका 8 वीं तक पढ़ी लिखी है। चार भाई बहिन है। पिता कारीगरी का काम करते है। घर की आर्थिक स्थित कमजोर होने के कारण बालिका झाड़ू पोचे का काम करती है। काउसलिंग में बालिका ने बताया काम पर जाने के दौरान उसकी दोस्ती एक युवक से हुई। फिर दोनों फोन पर बात करने लगे। 17 मई को सुबह घर से काम पर जाने के निकली। उसने युवक को फोन करके बुलाया। फिर उसके साथ बाइक पर बैठकर एमपी भोपाल चली गई। वहां भोपाल के एक गांव में रहने लगे। युवक के पिता भी साथ रहते थे। बालिका ने बताया दोनों पति पत्नी की तरह रहने लगे और गांव में ही खेत मे मजदूरी करने लगे।
मधुबाला शर्मा ने बताया कि पुलिस ने बालिका को एमपी भोपाल के एक गांव से दस्तयाब कर बाल कल्याण समिति में पेश किया। बालिका का मेडिकल व 164 के बयान होने बाकी है। संरक्षण की आवश्यकता होने पर उसे शेल्टर दिलाया है।
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