पुणे में महिला कॉमर्स कॉलेज के भवन का लोकार्पण:स्पीकर ओम बिरला बोले- पंचायत से लेकर राष्ट्रपति पद तक महिलाएं अपने कौशल से राह दिखा रही

कोटा6 महीने पहले
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स्पीकर ओम बिरला ने पुणे में  महिला कॉमर्स कॉलेज के नए भवन के लोकार्पण किया। - Dainik Bhaskar
स्पीकर ओम बिरला ने पुणे में महिला कॉमर्स कॉलेज के नए भवन के लोकार्पण किया।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि देश में पहले महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की बात होती थी। अब महिलाओं की नेतृत्व क्षमता की चर्चा होती है। पंचायत से लेकर राष्ट्रपति पद तक महिलाएं अपने सामर्थ्य और कौशल से राह दिखा रही हैं। वे बुधवार को पुणे में महाराष्ट्र गर्ल्स एजुकेशन सोसायटी के महिला कॉमर्स कॉलेज के दुर्गाबाई मुकुंददास लोहिया नाम से नामकरण तथा कॉलेज के नए भवन के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

हुजुरपागा क्षेत्र में आयोजित भव्य समारोह को संबोधित करते हुए बिरला ने कहा कि छात्रपति शिवाजी महाराज की जन्मस्थली पुणे में ही मां सावित्री बाई फूले और महात्मा ज्योतिबा फूले ने महिला शिक्षा की अलख जगाई थी। उसके बाद गोपाल कृष्ण गोखले, वीर सावरकर, महादेव गोविंद रानाडे, बालगंगाधर तिलक जैसे महान स्वतंत्रता सेनानियों ने स्वाधीनता आंदोलन को तो मजबूत किया साथ ही महिला शिक्षा को भी प्रोत्साहित किया।

पुणे में रहने वाले राजस्थानी समुदाय ने बिरला का अभिनन्दन किया।
पुणे में रहने वाले राजस्थानी समुदाय ने बिरला का अभिनन्दन किया।

उन्होंने कहा कि भावी पीढ़ी तो अब शिक्षा के प्रति जागरूक है, लेकिन हमारे वरिष्ठजनों को साक्षर बनाने के अभियान में तेजी लाने की जरूरत है। इसकी शुरूआत भी पुणे से ही होनी चाहिए। बिरला ने कहा कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे हैं। इंजीनियरिंग, मेडिकल, डिफेंस, राजनीति, सामाजिक क्षेत्र, कला, संगीत सहित सभी जगह महिलाएं आगे दिखाई देती हैं। इसका कारण उन महापुरूषों की प्रेरणा है जिन्होंने आजादी के पहले से ही महिलाओं की शिक्षा को बढ़ावा दिया। अब जब हम विकसित भारत के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे हैं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी महिलाओं की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए उन्हें अवसरों की उपलब्धता सुनिश्चित कर रहे हैं।

बिरला ने कहा कि देश जब आजादी हुआ, तब हमारी साक्षरता दर महज 18 प्रतिशत थी। आज हम 80 प्रतिशत साक्षरता दर तक पहुंच रहे हैं। इस उपलब्धि में महिला शिक्षकों की भी अहम भूमिका है जिन्होंने इन 75 वर्षों के दौरान दुर्गम और दूरस्थ इलाकों में जाकर शिक्षा का प्रकाश किया। इसके साथ ही विद्यार्थियों को संस्कृति और संस्कारों से भी सींचा। यही कारण है कि भारतीय शिक्षण पद्धति को विश्व में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है और शिक्षकों का सर्वाधिक सम्मान भी यहीं होता है।कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू ने की। इससे पूर्व सोसायटी की अध्यक्ष रेखाताई ने अतिथियों का स्वागत किया।

कार्यक्रम के बाद पुणे में रहने वाले राजस्थानी समुदाय ने बिरला का अभिनन्दन किया। बिरला ने कहा कि राजस्थान के लोग अपनी मेहनत, लगन, अपने मधुर व्यवहार, प्रतिभा एवं कौशल के लिए पूरे विश्व में जाने जाते हैं। उन्होंने आगे कहा की वह जहां जाते हैं, चाहे वह कोई भी स्थान हो, वहाँ उस समाज में घुल मिल जाते हैं।

बिरला जोर देकर कहा कि कि राजस्थान के लोगों की एक और विशेषता है कि वे कहीं भी रहें अपनी जड़ों से जुड़े रहते हैं, अपनी संस्कृति और अपनी परंपराओं से जुड़े रहते हैं, उन्हें कभी नहीं भूलते। उन्होंने आगे कहा कि राजस्थान के लोगों ने अपने संस्कारों से जुड़े रहकर महाराष्ट्र के विकास में अपना बहुमूल्य योगदान दिया है।