मौत का इतना खौफ, आज भी ब्रिज पर नहीं जाते:बोले- एक साल रोत-रोते निकला; जर्मनी और कोरिया के आरोपी हुए गायब

कोटा7 महीने पहले
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मोरबी पुल पर हुए हादसे ने 13 साल पुराना को मंजर याद दिला दिया - Dainik Bhaskar
मोरबी पुल पर हुए हादसे ने 13 साल पुराना को मंजर याद दिला दिया

गुजरात के मोरबी पुल पर हुए हादसे में मरने वालों की संख्या 141 हो चुकी है। सोमवार को पुलिस ने इस केस में जिन 9 लोगों को गिरफ्तार किया, उनमें ओरेवा के दो मैनेजर, दो मजदूर, तीन सिक्योरिटी गार्ड और दो टिकट क्लर्क शामिल हैं। इस हादसे ने कोटा के लोगों को 13 साल पुराना को मंजर याद दिला दिया। जहां हैंगिंग ब्रिज गिरने से 48 लोगों की मौत हो गई थी। लेकिन आज तक किसी को सजा नहीं मिली। कुछ आरोपियों को कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर रखा है। साल 2010 में चालान पेश होने के बाद से अभी तक सुनवाई जारी है। इस मामले में जिसमें 173 के करीब गवाह बनाए गए।

24 दिसंबर 2009 को शाम को 6 बजे करीब चंबल हैंगिंग ब्रिज का निर्माण चल रहा था। इस दौरान एक हिस्से का पिल्लर गिर गया था। जिस कारण वहां काम कर रहे मजदूर व इंजीनियर हादसे का शिकार हुए। करीब 48 लोगों की दबने से मौत हुई थी। 17 लोग घायल हुए थे। कई दिनों तक रेस्क्यू अभियान चलाना पड़ा।

हादसे की शुरुआती जांच के बाद पुलिस ने 5 लोगों के खिलाफ 19 मार्च 2010 में कोर्ट में चालान पेश किया था। कुछ महीने बाद एक को ओर मुलजिम राजन श्रीवास्तव के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया था। इस मामले में कोरिया निवासी जून यून यू, पार्क यू यंग, जर्मनी निवासी जे प्रुफर, रजत चट्टोपाध्याय, उपेंद्र सिंह व राजन श्रीवास्तव कुल 6 लोगों के खिलाफ चालान पेश हुआ था। इनमें से जर्मनी निवासी जे प्रुफर जमानत के बाद सितंबर 2012 से पासपोर्ट के साथ फरार है। जबकि दो अधिकारी 2016 तक सुनवाई में आते रहे, उसके बाद फरार हो गए। उन्हें भी भगोड़ा घोषित किया हुआ है। इस बीच करीब 5 जज बदल चुके हैं। मुल्जिमों की तरफ से केस लड़ने वाले 3 वकीलों में से एक वकील का देहांत हो चुका है।

हालांकि इस मामले में एसपी की ओर से सीआईडी सीबी में पत्र लिखा गया था। पर सवाल ये है कि सरकार दो मछुआरों की हत्या के आरोपी इटली की नोसैनिकों को भारत ला सकती है। फिर 48 मौतों के जिम्मेदार प्रुफर को पकड़ने के लिए इतने साल बीत जाने के बाद भी कार्रवाई क्यों नही की जा रही है।

10 साल लगे थे बनने में

बता दें कि ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर पर कोटा में चंबल नदी पर बने हैंगिग ब्रिज का पीएम नरेंद्र मोदी ने अगस्त 2017 में उद्घाटन किया था। इस ब्रिज को बनने में 10 साल लगे। इसका निर्माण साल 2007 में शुरू हुआ था। ये देश का पांचवां हैंगिंग ब्रिज है। इसकी लंबाई 1.4 किमी है। इसमें से 350 मीटर का हिस्सा हैंगिंग है। इसका निर्माण कोरिया की हुंडई व भारत की गैमन इंडिया ने किया था। सुपरविजन एलबीएस कंपनी के जिम्मे है।

भास्कर ने हैंगिग ब्रिज हादसे में अपनो को खो चुके परिवार से बात की

हादसे में दीपक यादव की भी मौत हुई थी।
हादसे में दीपक यादव की भी मौत हुई थी।

13 साल से हैंगिग ब्रिज नहीं गए

24 दिसंबर 2009 को हुए हादसे में दीपक यादव की भी मौत हुई थी। दीपक हुंडई कंपनी में इंजीनियर था। 2 दिसंबर को जन्मदिन पर उसकी शादी हुई थी। शादी के 22 दिन बाद हैंगिंग ब्रिज हादसे में उसकी लाश मिली थी। परिवार में सबसे बड़ा बेटा था। उससे छोटी दो बहिन है। बेटे की मौत से पिता पर दुखों का पहाड़ ऐसा टूटा की 13 साल बाद भी पिता हैंगिंग ब्रिज नहीं गए।

दीपक के पिता बाल किशन यादव
दीपक के पिता बाल किशन यादव

दीपक के पिता बाल किशन यादव 30 अप्रैल 2022 को PWD विभाग से प्रशासनिक अधिकारी पद से रिटायर्ड हुए है। बाल किशन ने बताया कि हादसे का ख्याल आते ही दिल दहल जाता है। 1 साल तक रोते रहे है। उन्होंने बताया कि आखिर कब तक रोऊं। अब घ्यान नहीं देता। आज तक हैंगिंग ब्रिज जाने की कोशिश भी नहीं की। साल 2016 में पत्नी की केंसर से मौत होने के बाद साल 2017 में बेटियों की शादी कर दी।

हादसे में बारां जिले के अंता के पलायथा गांव निवासी प्रवीण की भी मौत हुई थी।
हादसे में बारां जिले के अंता के पलायथा गांव निवासी प्रवीण की भी मौत हुई थी।

हर साल बरसी पर हैंगिग ब्रिज जाता है परिवार
इसी हादसे में बारां जिले के अंता के पलायथा गांव निवासी प्रवीण (20) की भी मौत हुई थी। प्रवीण की शादी को डेढ़ साल का वक्त ही हुआ था। हादसे के वक्त उसकी पत्नी 9 माह से गर्भवती थी। प्रवीण के छोटे भाई पवन ने बताया कि हादसे के वक्त उसकी उम्र 13-14 साल थी।

प्रवीण का छोटे भाई पवन
प्रवीण का छोटे भाई पवन

प्रवीण तीन भाई बहिन में सबसे बड़ा था। हर रविवार या 15 दिन में को गांव में आता था। हादसे के 7-8 दिन पहले ही गांव से गया था। वापस उसकी बॉडी आई। सरकार,कंपनी व बीमा कंपनी से मुआवजा मिल गया। लेकिन प्रवीण की याद में परिवार के सदस्य आज भी 24 दिसंबर को हैंगिग ब्रिज जाते है। वहां अगरबत्ती लगाकर व पूजा करके उसे याद करते है। पवन ने बताया कि कोर्ट में क्या चल रहा है इस बारें में उसे जानकारी नहीं है। हम अकेले केस लड़कर भी क्या कर लेंगे।

LBS कंपनी के मुल्जिमों की ओर से वकील राकेश यादव ने बताया कि अभी कोर्ट में मामला चल रहा है। चार्ज बहस में लंबित है।इसमें LBS, गैमन इंडिया व हुंडई के दो-दो आरोपी है। कुछ आरोपी पासपोर्ट रिलीज होने के बाद कोर्ट नहीं आए। कोर्ट ने भगोड़ा घोषित किया हुआ है। जो लोकल आरोपी हैं। वो सुनवाई में आ रहे है।