रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार हुए कोटा रेलवे के तत्कालीन वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक (सीनियर डीसीएम) अजय कुमार पाल व कैटरिंग वेंडर महेश शर्मा (दलाल) के खिलाफ आज ACB कोर्ट में चालान पेश किया गया। कोटा ACB टीम ने 52 दिन बाद 215 पेज की चार्जशीट कोर्ट में पेश की। डीएसपी हर्षराज खरेड़ा ने बताया कि फिलहाल दोनों आरोपी न्यायिक अभिरक्षा में जेल में बंद है। मामले में 27 जून से ट्रायल शुरू होने की संभावना है।
ये था मामला
परिवादी हेमराज मीणा खान पान निरीक्षक रेलवे स्टेशन भरतपुर ने भरतपुर ACB में शिकायत दी थी। जिसमें बताया था कि हिंडौन सिटी रेलवे स्टेशन पर कैटरिंग वेंडर का काम करने वाले महेश कुमार शर्मा ने फोन करके चार्जशीट फाइनल करवाने की बात कहते हुए 20 हजार का खर्चा पानी मांगा था। जिसके बाद शिकायत सत्यापन में रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई थी। भरतपुर की ACB टीम ने 31 मार्च रात को ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम दिया।
जैसे ही परिवादी से 20 हजार की रिश्वत लेकर केटरिंग वेंडर ने सीनियर डीसीएम अजय कुमार पाल को दिए। ACB की टीम ने दोनों को दबोच लिया। अजय पाल ने रिश्वत की रकम अपनी टेबल की रैक में रख ली थी। सीनियर डीसीएम अजय कुमार पाल के यहां हाउस सर्च में कोटा एसीबी की टीम को 8 लाख की नगद राशि मिली थी। जो अलग अलग लिफाफों में रखी हुई थी। साथ ही 3 बैंक अकाउंट, 3 एलआईसी पॉलिसी के दस्तावेज मिले। इसके अलावा यूपी के लखनऊ में 2 प्लॉट व 1 फ्लैट के दस्तावेज को जब्त किया था।
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