चंबल नदी में पानी की आवक ज्यादा होने के चलते चंबल उफान पर है। जिसके चलते कोटा बैराज से बड़ी मात्रा में पानी की निकासी की जा रही है। बुधवार सुबह कोटा बैराज के 13 गेट खोल कर 1 लाख 70 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है।
कोटा बैराज से देर रात तीन लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी की निकासी की संभावना थी जिसके चलते देर रात कलेक्टर समेत प्रशासनिक अधिकारियों ने बैराज पहुंचकर स्थितियों का जायजा लिया था और सुरक्षा टीमों को अलर्ट कर दिया था। हालांकि तीन लाख क्यूसेक की निकासी की स्थिति नहीं बनने से थोड़ी राहत प्रशासन ने ली लेकिन अभी भी रेस्क्यू टीम को अलर्ट मोड पर रखा गया है। लगातार पानी का बहाव बढ़ने के चलते बैराज से ज्यादा पानी की निकासी की संभावना बनी हुई है।
ऐसे में जिला प्रशासन ने चंबल नदी किनारे बसी बस्तियों के लोगों को अलर्ट जारी किया है। यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल भी पानी की निकासी को लेकर लगातार अपडेट ले रहे हैं। उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिए है कि पानी की निकासी के चलते जलभराव होने की स्थिति में लोगों के लिए आश्रय स्थल पर बेहतर इंतजाम किए जाए।रेस्क्यू टीमों को भी स्टैंड बाय पर रखने के निर्देश उन्होंने दिए है।
सीजन में पहली बार खुले 13 गेट
इस सीजन में कोटा बैराज के 13 गेट पहली बार खोले गए हैं। जिससे एक लाख 70 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है। कुछ दिन पहले तक 11 गेट खोल कर पानी की निकासी की गई थी। लेकिन मध्यप्रदेश में भारी बारिश के चलते चंबल उफान पर है और गांधी सागर से बड़ी मात्रा में पानी छोड़े जाने के चलते हैं कोटा बैराज के तेरह गेट खोलने पड़े।
निचली बस्तियों में पानी भरने का खतरा
कोटा बैराज से इतनी बड़ी मात्रा में पानी निकासी के चलते निचली बस्तियों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। अगर सवा दो लाख क्यूसेक पानी से ज्यादा की निकासी होती है तो निचली बस्तियों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो जाएगी। बच्चों में पानी भरने लगता है और लोगों को दूसरी जगह पर शिफ्ट करना पड़ता है। कोटा बस स्टैंड की पुलिया तक पानी पहुंच जाता है। ऐसी स्थिति की संभावना को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट जारी कर चुका है।
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