काेटा में नए ग्रीनफील्ड एयरपाेर्ट काे लेकर राज्य सरकार “साैदेबाजी’ पर उतर आई है। इस एयरपाेर्ट काे लेकर तेजी से चल रही प्रक्रिया के बीच ही राज्य सरकार ने एक ऐसा पेंच फंसा दिया है, जिससे पूरा मामला अटक गया है। दिल्ली में मंगलवार काे नागरिक उड्डयन मंत्री ज्याेतिरादित्य सिंधिया की लाेकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात के बाद भास्कर ने इस पूरे मामले काे खंगाला ताे यह चाैंकाने वाली बात सामने आई।
पता चला कि राज्य सरकार की केंद्र काे भेजी गई एक चिट्ठी के बाद से पूरा मामला जहां का तहां अटक गया है, जबकि इससे पहले काेटा के प्रस्तावित एयरपाेर्ट काे लेकर सिविल एविएशन मिनिस्ट्री में प्रत्येक कागज काे सर्वाेच्च प्राथमिकता से लिया जा रहा था।
भास्कर की पड़ताल में सामने आया कि राज्य सरकार की नए एयरपाेर्ट के लिए जमीन देने से पहले काेटा के माैजूदा एयरपाेर्ट वाली जमीन पर निगाह है। वर्तमान एयरपाेर्ट की कोटा शहर के बीचोंबीच 172.91 हैक्टेयर जमीन है, जिसकी अनुमानित कीमत सैकड़ाें कराेड़ रुपए है। राज्य सरकार चाहती है कि नए एयरपाेर्ट के लिए जमीन देने से पहले वर्तमान एयरपाेर्ट की जमीन पर चर्चा की गई और यह सुनिश्चित किया जाए कि जमीन के माॅनिटाइजेशन (मुद्रीकरण) से होने वाली आय को राज्य सरकार को मिले।
सिविल एविएशन मिनिस्ट्री तक लंबी पड़ताल के बाद भास्कर ने वह दोनों लेटर खंगाल लिए, जिसमें इस पूरे मामले का सच छिपा था। एक पत्र राज्य के मुख्य सचिव निरंजन आर्य की ओर से सिविल एविएशन सेक्रेटरी को लिखा गया तथा उसके जवाब में सिविल एविएशन सेक्रेटरी प्रदीप सिंह खरोला ने राजस्थान के मुख्य सचिव को पत्र लिखा। पढ़िए, कोटा के प्रस्तावित एयरपोर्ट पर भास्कर की जयपुर से दिल्ली तक की गई पड़ताल के बाद यह एक्सक्लूसिव रिपोर्ट-
राजस्थान के मुख्य सचिव की चिट्ठी के बाद नए एयरपोर्ट के लिए जमीन का हस्तांतरण अटका
पुराने एयरपोर्ट की आय और अतिरिक्त भूमि पर चर्चा जरूरी: राज्य सरकार
राजस्थान के मुख्य सचिव ने 31 मई को सिविल एविएशन सेक्रेटरी को पत्र लिखा, जिसमें 2 फरवरी के उन्हीं के पत्र का हवाला देते हुए कहा कि राज्य सरकार के 1250 एकड़ में भूमि एएआई को हस्तांतरित करने के लिए कहा गया था।
लेकिन 11 मार्च के एएआई चेयरमैन के पत्र में 1675 एकड़ भूमि की मांग की गई है। उन्होंने अतिरिक्त भूमि की मांग व पुराने एयरपोर्ट के मॉनिटाइजेशन और उससे होने वाली आय राज्य सरकार को मिलने के संबंध में चर्चा के लिए बैठक की सहमति मांगी।
फाइनेंशियल मॉडल तय होने के बाद चर्चा संभव, प्रोजेक्ट के लिए जमीन दें : केंद्र
नागरिक उड्डयन विभाग के सचिव ने मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा कि वर्तमान एयरपोर्ट की क्षमता नहीं है कि उस पर ए-320 जैसे बड़े विमान उतारे जा सकें। उन्होंने आग्रह किया कि 1250 एकड़ भूमि तुरंत आवंटित कर दी जाए। भविष्य में विस्तार के लिए अतिरिक्त भूमि पर बाद में चर्चा कर ली जाएगी। वर्तमान एयरपोर्ट के मॉनिटाइजेशन पर चर्चा नए एयरपोर्ट का फाइनेंशियल मॉडल तय हो जाने के बाद की जा सकती है। फिलहाल, चिह्नित भूमि को एएआई को सौंप दें, ताकि प्रोजेक्ट शुरू किया जा सके।
कोटा में नए एयरपोर्ट के लिए अधिकारियों के साथ विशेष मीटिंग करेंगे सिंधिया
नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से भेंट की। बिरला ने सिंधिया को नए दायित्व के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उड़ान योजना से देश के कई छोटे शहर अब हवाई सेवा से जुड़ चुके हैं। इस दौरान कोटा में नए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट को लेकर भी चर्चा हुई।
सिंधिया ने बिरला को आश्वस्त किया कि कोटा में एयरपोर्ट का निर्माण उनकी प्राथमिकता रहेगी। कोटा में बेहतरीन व आधुनिक सुविधायुक्त एयरपोर्ट का निर्माण करवाया जाएगा। वे मंत्रालय के अधिकारियों से कोटा के विषय में विशेष बैठक करेंगे। राजस्थान सरकार से भी कहा जाएगा कि वह बिना शर्त चिह्नित भूमि हस्तांतरित करे।
इसके अलावा पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी, केंद्रीय पशुपालन, मत्स्य पालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला तथा पोर्ट, शिपिंग व वाटर-वे तथा आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने भी बिरला से भेंट की।
नए एयरपोर्ट के बारे में वह सबकुछ, जो जानना जरूरी
शहर के बीचोंबीच 172.91 हैक्टेयर में वर्तमान एयरपोर्ट है, इसका रनवे छोटा है, जिस पर सिर्फ एटीआर श्रेणी यानी छाेटे विमान ही उतर सकते हैं, वह भी लोड घटाकर। एयरबस जैसे बड़े विमानों को यहां नहीं उतारा जा सकता। अतिरिक्त भूमि नहीं होने तथा चारों ओर सघन आबादी होने से इसका विस्तार संभव नहीं है। इन 4 बिंदुओं से समझिए नए एयरपोर्ट को लेकर अब तक क्या-क्या हुआ-
1 मास्टर प्लान-2031 में शंभूपुरा के नजदीक नए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के लिए भूमि चिह्नित की गई थी। नवंबर, 2019 में एएआई की टीम ने सर्वे किया। इसके बाद 10 दिसंबर, 2019 को नई दिल्ली में एएआई, सिविल एविएशन मिनिस्ट्री तथा कलेक्टर की बैठक हुई, जिसमें 836.20 हैक्टेयर भूमि नए एयरपोर्ट के लिए प्रस्तावित की गई।
इसमें 57.25 हैक्टेयर यूआईटी/सिवायचक, 56.73 हैक्टेयर चारागाह, 722.07 है. वन विभाग तथा 0.15 है. निजी खातेदारी की है। कलेक्टर ने पुराने हवाई अड्डे की भूमि यूआईटी को हस्तांतरित करने का भी आग्रह किया था।
2 कलेक्टर ने 20 अगस्त, 2020 को राज्य सरकार के नागरिक उड्डयन विभाग के विशिष्ट शासन सचिव को तथ्यात्मक रिपोर्ट भेजी, जिसमें राजस्थान के अन्य शहरों में संचालित हवाई अड्डों के क्षेत्रफल की स्थिति का भी उल्लेख किया गया। इस रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार ने केंद्र को 500 हैक्टेयर में ही नवीन एयरपोर्ट का संशोधित प्रस्ताव भेजा।
संशोधित प्रस्ताव को मानते हुए केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 2 फरवरी 2021 को मुख्य सचिव राजस्थान सरकार को पत्र लिखकर फिर से एक टीम सर्वे के लिए कोटा भेजे जाने की सूचना दी।
3 11 फरवरी 2021 को एएआई तथा नियुक्त यूआईटी सचिव व अन्य अधिकारियों ने जमीन कम करने के लिए भूमि का सर्वे किया। इसकेे बाद राज्य सरकार की ओर से 12 फरवरी 2021 को संशोधित प्रस्ताव केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय को भेजे। इस प्रस्ताव में पॉकेट-ए में 573.28 एकड़ (करीब 232 हैक्टेयर) तथा पॉकेट-बी में 1361.55 एकड़ भूमि का प्रस्ताव दिया गया। इसके बाद संशोधित प्रस्ताव में पॉकेट-ए में 482.2 एकड़ तथा पॉकेट-बी में 1467.6 एकड़ भूमि प्रस्तावित की गई।
4 इस प्रस्ताव के साथ राज्य सरकार ने जो नक्शे भेजे, उनको एएआई ने जब गूगल अर्थ पर सुपर इंपोज किया गया तो पता चला कि प्रस्तावित भूमि का कुछ हिस्सा कैचमेंट क्षेत्र में आ रहा है तथा कुछ हिस्सा दक्षिण-पश्चिम में स्थित वाटर बॉडी का भाग है।
11 मार्च 2021 को एएआई ने राजस्थान के मुख्य सचिव को इसकी सूचना देते हुए ड्राफ्ट मास्टर प्लान भेजा, जिसमें पॉकेट-ए में 314 एकड़ (करीब 127 हैक्टेयर) तथा पॉकेट-बी में 1361 एकड़ (करीब 550 हैक्टेयर) कुल 1675 एकड़ (करीब 677 हैक्टेयर) भूमि आरक्षित करने का प्रस्ताव दिया। इसके बाद से मामला अटका है।
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