कोटा में छठी मंजिल से गिरने से एक कोचिंग स्टूडेंट की मौत हो गई। गुरुवार रात को 11:15 बजे वह अपने तीन दोस्तों के साथ बालकनी में बैठा था। कुछ देर बाद चारों दोस्त उठकर जाने लगे। इसी दौरान छात्र उठकर चप्पल पहनने लगा तो उसका बैलेंस बिगड़ गया। पास ही बालकनी में लगी जाली को तोड़ते हुए वह सीधा नीचे जा गिरा।
डीएसपी अमर सिंह ने बताया कि मृतक इशांशु भट्टाचार्य (20) धुपगुरी, जलपाईगुड़ी (पश्चिम बंगाल) का रहना वाला था। वह कोटा के जवाहर नगर इलाके में रहकर नीट की तैयारी कर रहा था। शव को महाराव भीमसिंह अस्पताल के पोस्टमॉर्टम रूम में रखवाया गया है। अमर सिंह के मुताबिक इशांशु वात्सल्य रेजिडेंसी हॉस्टल की छठी मंजिल पर रहता था। वह यहां पिछले साल अगस्त में आया था।
डीएसपी ने बताया- हादसे की जानकारी लगते ही दूसरे स्टूडेंट भी मौके पर पहुंच गए। छात्र को तलवंडी स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया, लेकिन उसे मृत घोषित कर दिया गया। इतनी ऊंचाई से गिरने की वजह से स्टूडेंट का चेहरा बिगड़ गया।
पुलिस ने उसके घर वालों को सूचना दे दी है। उनके आने के बाद शव का पोस्टमॉर्टम करवाया जाएगा। डीएसपी का कहना है कि यह सुसाइड का मामला नहीं है। घटना का सीसीटीवी फुटेज भी है। इसमें बच्चा असंतुलित होकर गिरता नजर आ रहा है।
बालकनी विंडो की हाइट कम और कमजोर जाली के कारण हुआ हादसा यह घटना 10 मंजिला हॉस्टल में हुई है। हर मंजिल की बालकनी में एल्युमीनियम की जालियां लगाई गई हैं। बालकनी में बैठने का स्पेस भी है। हॉस्टल संचालकों ने यहां पर फर्श और जाली के बीच बहुत कम गैप छोड़ा हुआ है। जालियां भी काफी कमजोर हैं। ऐसे में हल्के झटके से जाली टूटकर गिरने का डर रहता है। लापरवाही बच्चे की जिंदगी पर भारी पड़ गई।
साथ में मोबाइल गेम खेल रहे थे दोस्त
मृतक के दोस्त अभिषेक ने बताया- हम लोग बैठकर मोबाइल में गेम खेल रहे थे, ताकि थोड़ा रिलैक्स हो सकें। गेम खत्म होने के बाद आपस में बातें करने लगे। इसके बाद वापस पढ़ाई करने के लिए कमरे में जाने के लिए खड़े हुए तभी यह हादसा हो गया। हम दौड़कर नीचे पहुंचे तो इशांशु के सिर से खून निकल रहा था। उसकी सांस उखड़ रही थी। अब इसमें गलती किसकी है, क्या है, यह तो मैं क्या कहूं। हमारा दोस्त चला गया।
निजी अस्पताल में भर्ती करने से किया इनकार
छात्र के दोस्त अभिषेक ने बताया- हादसे के तुरंत बाद इशांशु को लेकर दादाबाड़ी स्थित पारीक अस्पताल पहुंचे। इशांशु को स्ट्रेचर पर लिटा कर अंदर ले जाने लगे, लेकिन वहां के स्टाफ ने उसे एडमिट करने से ही मना कर दिया। स्टाफ ने कहा- बच्चे का इलाज यहां नहीं होगा। अगर उसे समय रहते वहां इलाज मिल जाता तो थोड़ी बहुत संभावना उसके बचने की रहती।
पारीक हॉस्पिटल के डॉक्टर केके पारीक ने बताया- बच्चे को गंभीर हालत में हमारे यहां लेकर आए थे। उसका सिर फटा हुआ था। हमारे अस्पताल में न्यूरो सर्जन की व्यवस्था नहीं है। इसलिए बच्चे को हायर हेल्थ इंस्टीट्यूट में रेफर कर दिया गया था। ताकि उसे जल्द से जल्द सही उपचार मिल सके।
5 दिन पहले ही एक स्टूडेंट चौथी मंजिल से कूदा
कोटा के विज्ञान नगर इलाके में 5 जनवरी को एक कोचिंग स्टूडेंट ने सुसाइड का प्रयास किया था। स्टूडेंट हॉस्टल की चौथी मंजिल की बालकनी से नीचे कूद गया था। गंभीर हालत में उसे प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। स्टूडेंट के बालकनी से गिरते हुए का CCTV फुटेज भी सामने आया था।
पुलिस ने बताया था कि 17 साल का कोचिंग स्टूडेंट महाराष्ट्र का रहने वाला था। स्टूडेंट सिटी मॉल के पीछे रोड नंबर 2 इलाके स्थित एक हॉस्टल में रह रहा था। पिछले 14 महीने से वह कोटा में रहकर JEE की तैयारी कर रहा है। उसके जबड़े और कमर के नीचे वाले हिस्से में चोट लगी है। इलाज चल रहा है।
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सर, लगातार तैयारी के बाद भी कुछ समझ नहीं आ रहा मरना चाहता हूं….
सुबह खाओ, पढ़ो, कोचिंग जाओ, आओ, लंच करो, कोचिंग जाओ, फिर पढ़ने बैठो, ऐसा लग रहा है जेल में हूं, सुसाइड के अलावा कुछ भी नजर नहीं आ रहा
मेरे नंबर कम आए हैं, मैं अपने पेरेंट्स से झूठ बोल रहा हूं… इन नंबर की वजह से गर्लफ्रेंड ने ब्रेकअप कर लिया
ये उन स्टूडेंट के फोन कॉल हैं, जिन्होंने सुसाइड का प्लान किया। इन जैसे और भी स्टूडेंट हैं जो मरना चाहते हैं और इन सभी का एक ही कारण है मेडिकल और इंजीनियरिंग के कॉम्पिटिशन में टॉप आने का प्रेशर। (पूरी खबर पढ़ें)
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