कोटा के लोगों के लिए अच्छी खबर है। नए एयरपोर्ट को लेकर राह और आसान हुई है। यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने नए एयरपोर्ट की जमीन के डायवर्जन को लेकर कहा कि हमारी की तरफ से सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है। सिर्फ डिमांड आना बाकी है, विभाग हमें डिमांड भेज दे तो हम कल ही शुल्क जमा करवा देंगे। उन्होंने कहा कि हमने जमीन फ्री दी है तो कुछ करोड़ के डायवर्जन शुल्क क्यों नहीं देंगे।
दरअसल कोटा में ग्रीनफ़ील्ड एयरपोर्ट का निर्माण करवाया जायेगा। इसके लिए शंभूपुरा में जमीन चिन्हित की गयी। वन विभाग की जमीन के डायवर्जन को लेकर केंद्र ने राज्य सरकार के पाले में गेंद डाली थी। इसमें कहा गया कि केंद्र एयरपोर्ट को लेकर गंभीर है। जमीन का डायवर्जन शुल्क राज्य को देना है। मंत्री धारीवाल ने कहा कि हम तो तैयार है। 46 करोड़ का वन भूमि डायवर्जन शुल्क भी जमा करवा दिया जायेगा। हम तो डायवर्जन के लिए अप्लाई कर सकते थे, वो कर दिया। लेकिन फोरेस्ट जमीन डायवर्जन का काम केंद्र के स्तर का है अब वहां से ही आगे की प्रोसेस होगी।
पुराने एयरपोर्ट परिसर पर बनेगा मिनी सचिवालय
मंत्री धारीवाल ने कहा कि पुराने एयरपोर्ट की 9 हैक्टेयर जमीन पर मिनी सचिवालय बनाया जाएगा। बाकि की जगह पर प्लांटेशन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि अगर कोई ये सोचता है कि उस जगह यूआईटी कोई प्लानिंग काटेगी तो ये गलतफहमी निकाल दे।
अधिकारियों ने किया दौरा
वहीं मंत्री के बयान के बाद कोटा के अधिकारी एक्टिव मोड में आ गए। जिला कलेक्टर हरि मोहन मीणा, अतिरिक्त कलेक्टर (प्रशासन) राजकुमार सिंह, यूआईटी सचिव राजेश जोशी सहित अधिकारियों ने प्रस्तावित ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट स्थल का दौरा कर निरीक्षण किया। जिला कलेक्टर ने कहा कि यूआईटी की जमीन को 7 दिन में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के नाम कर दिया जाएगा, एयरपोर्ट के कार्य को गति देने के लिए साझा कोशिशें होंगी।
कोटा में अभी नहीं है विमान सेवा
कोटा में अभी विमान सेवा संचालित नहीं है। पुराने एयरपोर्ट पर केवल वीआईपी के आने वाले प्लेन ही उतरते हैं। जबकि कोटा में लम्बे समय से हवाई सेवा की मांग उठ रही है। कुछ साल पहले 8 सीटर प्लेन शुरू किये गए थे, लेकिन कुछ ही समय बाद ये सेवा भी बंद कर दी।
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