जहां एक तरफ रेलवे का जोधपुर मंडल रेण कस्बे सहित अनेक स्टेशनोंं पर यात्री सुविधाएं मुहैया कराने के लिए भामाशाहों की तलाश कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ भामाशाह तो यहां विकास के कार्य कराने के लिए तैयार बैठे हैं मगर वह आगे इसलिए नहीं आ पा रहे थे कि उन्हें रेलवे से मिलने वाली परमिशन में काफी समय लग जाता है।
आपको बता दें कि पिछले सोमवार को ही रेण रेलवे स्टेशन का डीआरएम गीतिका पांडे ने निरीक्षण किया था। तब उन्होंने यहां यात्री सुविधाएं बढ़ाने के लिए रेलवे के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि भामाशाहों को प्रेरित किया जाए ताकी यहां बैंच, टीनशैड, प्याऊ, पानी आदि की व्यवस्था की जा सकें। मगर डीआरएम के निरीक्षण के दूसरे ही दिन हमने आपको यह बताया था कि भामाशाह तो तैयार बैठे हैं मगर उन्हें 10-10 महीनों से विकास कार्य कराने की परमिशन ही नहीं मिल रही है, मगर अब डीआरएम ने निरीक्षण के दौरान यहां आकर अधिकारियों को रेण स्टेशन पर विशेष रूप से सुविधाएं बढ़ाने को कहा है तो कस्बे के और भी भामाशाह आगे आए है।
एक ही दिन में दो भामाशाह आए आगे
1. रेण कस्बे के ही नंदलाल, मदनलाल भूतड़ा ने आज रेलवे को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने प्लेटफार्म नंबर 2 पर एक वाटरकूलर मशीन लगाने की इच्छा जाहिर की है।
2. रेण कस्बे की ही छगनी देवी भूतड़ा ने भी आज रेलवे को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्हाेंने रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुविधाओं के लिए बैंचें लगवाने के लिए परमिशन मांगी है।
इन भामाशाहों को अब भी जवाब का इंतजार
रेण कस्बे के ही पवन कुमार उपाध्याय ने 10 महीने पहले ही स्टेशन पर एक प्याऊ, हौज और वाटर कूलर लगाने की इच्छा जाहिर करते हुए परमिशन के लिए रेलवे को एक पत्र लिखा था मगर उसका जवाब अब तक भामाशाह को नहीं मिला है।
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