प्रदेश के 30 हजार रिटेल केमिस्टों को एनडीपीएस एक्ट के तहत आने वाली 11 दवा की खरीद और बिक्री का डेटा अब ऑनलाइन अपलाेड नहीं करना पड़ेगा। 10 हजार थोक विक्रेताओं को भी 11 की जगह मात्र तीन दवाओं की खरीद-बेचान का सिंगल साल्ट का डेटा हर माह के पहले सप्ताह में स्टेटमेंट के रूप में अपलोड करना होगा।
यह निर्णय हाल ही फूड एंड ड्रग सेफ्टी कमिश्नर सुनील शर्मा ने लिया है। फूड एंड ड्रग सेफ्टी कमिश्नर सुनील शर्मा ने केमिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों को मेडिकल स्टोर्स का तीन साल में एक बार ही निरीक्षण करने की बात कही।
सिर्फ 3 दवा का रिकॉर्ड जरूरी
सरकार की ओर से 11 दवा की सूची में कोडिन, टर्माडोल, एल्प्राजाेलाम, कॉलोनाजेपाम, डायजापाम और डाइफेनोक्यलेट, पेंटाजॉसिन समेत नाइट्रेजेपाम, इटिजॉलम, ब्रुफेनहाइन, क्लोरडीजेपॉक्साइड की खरीद व बिक्री को ऑनलाइन रिकॉर्ड दर्ज करने के लिए पाबंद किया गया था।
प्रदेश के दुकानदारों के विरोध के बाद अब केवल तीन दवाओं की ही ऑनलाइन बिक्री व खरीद का रिकॉर्ड रखना होगा। इस निर्णय से रिटेल कैमिस्ट को काफी लाभ मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा काम भी सीमित हो जाएगा। इसके अलावा और भी सुविधा मिल सकेगी।
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