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मकराना उपखण्ड के ग्राम कालवा बड़ा में जहरीला पदार्थ खाने से 50 से अधिक मोर के मरने का मामला सामने आया है। चिकित्सा विभाग की टीम घायल हुए 32 में से 25 मोर को बचाने में कामयाब रही। कालवा बड़ा के सरपंच दिलीप सिंह ने बताया कि वे सुबह लगभग 7 बजे बाहर निकले तो पंचायत भवन के पास के बरगद के पेड़ के नीचे कुछ मोर मृत तथा कुछ घायल पड़े थे। जिस पर उन्होंने इसकी सूचना प्रशासन तथा पशु धन सहायक तेजवीर सिंह को दी। सूचना मिलने पर पशु धन सहायक ने मौके पर जाकर घायल मोरों का इलाज शुरू किया। लेकिन दिन चढ़ने के साथ कालवा बड़ा की गीला की ढाणी से कालवा बाईपास के बीच के क्षेत्र में घायल तथा मृत मोरों की संख्या बढ़ती गई। सभी को ग्रामीणों की मदद से पंचायत भवन के पास एकत्रित किया गया। वहीं सूचना मिलने पर नायब तहसीलदार गजेंद्र सिंह ने मौके पर पहुंच कर वन विभाग तथा पशुपालन विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी, जिस पर वे भी तुरंत मौके पर पहुंचे।
जो चुग्गा डाला जा रहा है वह अनाज पुराना है, इसलिए फूड पॉइजनिंग का अंदेशा
सूचना मिलने पर मकराना पशु चिकित्सालय के प्रभारी डाॅ. सालिगराम पूनियां, बोरावड़ चिकित्सालय के डाॅ. विश्वास देशपाण्डे, मनाना के डाॅ. सुनिल किरडोलिया ने मौके पर पहुंच कर घायल पक्षियों का उपचार शुरू किया। जिसके बाद घायल 25 मोरों को उपचार देकर बताया और जायल की नर्सरी के लिए स्थानांतरित किया गया।
वहीं मौके पर पहुंचे विधायक रूपाराम मुरावतिया ने वन विभाग के आला अधिकारियों को इस मामले पर तीव्र गति से कार्रवाई करने के लिए कहा। इससे पूर्व 1 से 20 जून 2018 के बीच मकराना उपखण्ड के ग्राम दाबड़िया की दुजोट की नाडी में 35 मोर के मरने की घटना हो चुकी है।
उसमें जांच में सामने आया था कि मोर के लिये जो चुग्गा डाला जा रहा है उसमें पुराने अनाज के कारण फूड पॉइजन हो गया था। जानकारों के अनुसार ऐसा ही कारण यहाँ भी हो सकता है। इसलिए पक्षियों को भी चुग्गा डालने से पहले अनाज को धो कर साफ करना चाहिए। ताकि उनमें फूड पॉइजन की संभावना नहीं हो।
रक्त व स्वाब के सैंपल एवीआईएएन प्रयोगशाला भिजवाए
सुबह के समय जहां 52 मृत मोर, 1 कौआ, 6 कबूतर, 6 फाख्ता, 2 मैना तथा 32 घायल मोर मिले थे, वहीं शाम होने तक मृत मोरों की संख्या बढ़कर 56 हो गई। एक साथ इतनी संख्या में मोरों के मरने पर मोरों में किसी फ्लू के हो जाने के अंदेशे पर जिला रोग निदान कुचामन सिटी के डाॅ. भगत सिंह ने भी अपनी टीम के साथ पहुंच कर घायल मोरों के रक्त तथा स्वाब के सैम्पल लेकर उन्हें भोपाल की एवीआईएएन प्रयोगशाला में भेजने की कार्यवाही की तथा मृत मोर व अन्य पक्षियों का पोस्टमार्टम कर उनके शव को जलाकर निस्तारण किया गया।
एएसपी संजय गुप्ता, एसडीएम शिराज अली जैदी, मकराना सीओ सुरेश कुमार सांवरिया, मकराना थानाधिकारी रोशन लाल, तहसीलदार दिनेश कुमार शर्मा, सहायक वन संरक्षक आनन्द कुमार, पीसीसी सदस्य भूराराम डूडी, एएसआई असगर अली, आरआई राम प्रसाद बिश्नोई, पटवारी कंचन कंवर, संपत सिंह, गौशाला अध्यक्ष महेंद्र सिंह, पूर्ण सिंह, बीरमाराम, हिम्मत सिंह, नरपत सिंह, सहायक वनपाल झामर मल, प्रदीप कुमार चोयल, जगदीश प्रसाद, जवानाराम, महिपाल सिंह, सुरेन्द्र सिंह लोरोली आदि मौजूद रहे।
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