नमक कारोबारी जयपाल पूनिया की हत्या के मामले में उनकी पत्नी सरिता ने शनिवार को 8 लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया था। राजस्थान सरकार में उप मुख्य सचेतक व नावां (नागौर) MLA महेंद्र चौधरी भी आरोपी हैं। आरोप है कि महेंद्र चौधरी और उनके भाई मोतीसिंह चौधरी के कहने पर मूलाराम सैनी व गुढ़ा सॉल्ट सरपंच वीरेंद्र सैनी ने कुछ अन्य बदमाशों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया है। शनिवार दोपहर सवा तीन बजे सरिता के पास राजेंद्र कुमार नाम के व्यक्ति का फोन आया था। उसने कहा- भाईसाब को गोली लग गई है, बात करो। तब घायल जयपाल ने पत्नी को बताया कि उसे किसने गोली मारी। नागौर जिले के नावां शहर में शनिवार दोपहर करीब 2.30 कार से जा रहे पूनिया की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
नावां में बीजेपी का धरना प्रदर्शन शुरू, बाजार बंद कराए
नावां में हुए जयपाल पूनिया हत्याकांड मामले को लेकर BJP का धरना-प्रदर्शन शुरू हो गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री CR चौधरी, पूर्व माटी कलां बोर्ड अध्यक्ष व भाजपा के वरिष्ठ नेता हरीश कुमावत और पूर्व नावां MLA विजय सिंह चौधरी ने सैंकड़ों भाजपाइयों के साथ नावां शहर में रविवार सुबह 11 बजे जुलुस निकाला। जानकारी है कि RLP के तीनों विधायक भी नावां पहुंच रहे हैं। मर्डर की घटना के विरोध में नावां शहर के बाजार बंद किए गए हैं। जयपाल की डेड बॉडी को नावां हॉस्पिटल की मोर्च्युरी में रखवाई गई है। तहसील के बाहर बीजेपी का धरना जारी है।
नमक उत्पादन संघ का अध्यक्ष रह चुका जयपाल
जयपाल पूनिया राजस्थान नमक उत्पादन संघ का अध्यक्ष रह चुका था। भाजपा में जयपाल किसान मोर्चा नावां का अध्यक्ष रह चुका था। साथ ही नावां थाने का हिस्ट्रीशीटर भी था। भाजपा नेता की दिनदहाड़े हत्या के बाद भाजपा भी अब आंदोलन की तैयारी में है। नावां के पूर्व MLA विजय सिंह चौधरी ने रविवार से धरने-प्रदर्शन की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज में नावां में भ्रष्टाचार चरम पर है तो बदमाशों के हौसले भी सातवें आसमान पर है। जब तक जयपाल पूनिया के सभी हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं होगी, वो धरना देंगे।
विधायक बोले- मेरा कोई लेना देना नहीं
हत्याकांड में सबसे बड़ा नाम महेंद्र चौधरी का सामने आया है। महेंद्र चौधरी नावां से मौजूदा कांग्रेस विधायक हैं। वे 2008 व 2018 में विधायक चुने गए। विधानसभा में सरकारी उप मुख्य सचेतक हैं। 53 साल के महेंद्र चौधरी 2009 से 2013 तक पब्लिक अंडरटेकिंग कमेटी के सदस्य रहे। 1985 में एनएसयूआई के उपाध्यक्ष रहे, 1998 में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य व यूथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष रहे। विधायक ने कहा कि मेरा इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। बीजेपी मेरे काम से बौखलाई हुई है। 30 साल के राजनीतिक कैरियर में मेरे खिलाफ एक भी केस दर्ज नहीं हुआ है। जिनका मर्डर हुआ है, वे हिस्ट्रीशीटर बताए जा रहे हैं। जांच में दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा।
विधायक महेंद्र चौधरी के अलावा हत्याकांड में दूसरा नाम मोती सिंह चौधरी है। मोती सिंह विधायक महेंद्र चौधरी के भाई हैं। मोती सिंह नमक कारोबारी हैं और माइनिंग का बिजनेस है। नावां ही रहते हैं। तीसरा आरोपी गुढ़ासाल्ट सरपंच वीरेंद्र सैनी है। दो दिन पहले सैनी ने जयपाल के खिलाफ नावां थाने में अवैध बोरिंग व गाली-गलौच की एफआईआर दर्ज कराई थी। अन्य आरोपी मूलचंद सैनी है इसने सांभर साल्ट से नमक की जमीन (खारड़े) अलॉट करा रखी है। इसके अलावा मनोज चौधरी का नाम भी एफआईआर में है, जो विधायक महेंद्र चौधरी का साला है। ये नागौर का रहने वाला है। आरोपी छोटूराम गुर्जर नावां में ही बोरिंग मशीन चलाने का काम करता है।
बेनीवाल ने पुलिस पर उठाए सवाल
RLP प्रमुख व नागौर MP हनुमान बेनीवाल ने भी कारोबारी की हत्या को लेकर सोशल मीडिया के जरिए नावां विधायक व पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा- राजस्थान सरकार के उप मुख्य सचेतक व नावां विधायक तथा उनके परिजनों का नाम नावां में हुए जयपाल पूनिया के जघन्य हत्याकांड में सामने आया है। इसका जिक्र FIR में भी हुआ है। इसलिए मामले की गंभीरता को देखते हुए राजस्थान सरकार को इस हत्याकांड मामले की जांच CBI को देनी चाहिए, क्योंकि सत्ता पक्ष के विधायक का नाम मुकदमे में आया है। ऐसे में राज्य सरकार की कोई भी एजेंसी मामले में निष्पक्ष जांच नही कर सकती है।
इससे पहले भी RLP प्रमुख व नागौर MP हनुमान बेनीवाल ने कहा था कि नावां कुचामन के पुलिस अधिकारी MLA व उनके घरवालों के साथ मिलकर समानांतर सरकार चला रहे हैं। इससे इलाके में अपराध बढ़ता जा रहा है। उन्होंने RLP कार्यकर्ताओं से भी आह्वान किया कि मृतक कारोबारी के परिजनों का साथ दें।
झील में वर्चस्व की लड़ाई बनी मर्डर की वजह
जयपाल पूनिया हत्याकांड की जड़ में नावां की नमक झील के क्षेत्र में वर्चस्व और अकूत अवैध कमाई है। आरोपियों और जयपाल पूनिया के बीच वर्चस्व की ये लड़ाई लम्बे समय से चली आ रही थी। यहां की सरकारी जमीनों व सांभर साल्ट कंपनी की जमीन में बोरिंग और कब्जे को लेकर दोनों पक्षों के बीच कई बार विवाद हो चुके थे। कई मुकदमे भी दर्ज हुए।
3 दिन पहले भी जयपाल पूनिया और आरोपियों के खिलाफ परस्पर FIR दर्ज हुई थी। गांव गुढ़ासाल्ट के सरपंच वीरेंद्र ने उसके खिलाफ जमीन पर अवैध बोरिंग करने और जातिसूचक गालियां देने को लेकर नावां थाने में बुधवार को मामला दर्ज कराया था। वहीं इसके उलट इसी मामले को लेकर उसी दिन सांभर साल्ट कंपनी के प्रॉपर्टी ऑफिसर रमेश चौरसिया ने गुढ़ा साल्ट सरपंच वीरेंद्र सैनी और उसके पिता मूलचंद सैनी के खिलाफ सांभर साल्ट कंपनी के क्षेत्र में काम कर रहे कंपनी ठेकेदार को परेशान करने, उनका सामान लूटने और मारपीट करने का मामला दर्ज करवाया था।
कार पर फायरिंग कर की हत्या
शनिवार दोपहर में नावां के बालिका स्कूल चौराहे के पास तहसील रोड पर 4-5 हमलावर बोलेरो गाड़ी से आए थे। बोलेरो से उन्होंने नमक कारोबारी जयपाल पूनिया की कार का रास्ता ब्लॉक किया। इसके बाद नीचे उतरकर कार के शीशे तोड़े और व्यापारी पर ताबड़तोड़ फायर कर दिए। फायरिंग के बाद हमलावर मौके से भाग गए। घायल पूनिया को जयपुर रेफर किया गया । रास्ते में पूनिया ने दम तोड़ दिया।
इनके खिलाफ दर्ज हुआ मामला
जयपाल पूनिया की पत्नी सरिता चौधरी ने नावां MLA महेंद्र चौधरी, मोतीसिंह चौधरी, वीरेंदर सैनी, मूलचंद सैनी, मनोज चौधरी, छोटूराम गुर्जर, पुनाराम जाट और हनीफ के खिलाफ धारा 147, 427, 302, 120 B, और आयुध अधिनियम की धारा 3 व 25 के तहत मामला दर्ज कराया है।
नमक कारोबारी की गोली मारकर हत्या:बोलेरो में आए थे 4-5 हमलावर, कार को रोककर ताबड़तोड़ फायरिंग की
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