सरपंच की ओर से रिश्वत मांगने की शिकायतें आमतौर पर आती रहती हैं, लेकिन नागौर के खींवसर में एक ऐसा भी मामला आया है, जिसमें सरपंच से रिश्वत मांगने की शिकायत सामने आई है। आश्चर्य की बात है कि एक पंचायत एग्जीक्यूटिव ऑफिसर की ओर से बात-बात पर रिश्वत मांगने से परेशान सरपंच ने अपने पद से इस्तीफा तक दे दिया।
नागौर जिले में खींवसर पंचायत समिति के साठिका खुर्द पंचायत के सरपंच शंकरराम ने प्रधानमंत्री आवास योजना की किश्तों का भुगतान नहीं होने व पंचायत समिति कार्मिकों की कमीशनखोरी से परेशान होकर नाराज होते हुए इस्तीफा दिया है। यह इस्तीफा उन्होंने खींवसर BDO कालूराम मीणा को सौंपा। सरपंच शंकरराम ने फरवरी में स्वीकृत हुई ट्यूबवेल के कार्यपूर्ण अवधि के 2 महीने बाद भी भुगतान नहीं किए जाने और इस भुगतान के लिए पंचायत एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (PEO) भागीरथ पर 5 प्रतिशत राशि रिश्वत के रूप में मांगने का आरोप भी लगाया है।
लीपा पोती में लगे BDO
अब इस पूरे मामले में BDO कालूराम मीणा भी लीपा पोती में लगे हैं। उन्होंने फिलहाल दोषी कार्मिकों की जांच करवाने की कोई बात नहीं की है, बल्कि सरपंच के इस्तीफे प्रकरण पर कह रहे हैं कि सरपंच को सुनवाई का पूरा मौका दिया जाएगा, इसके बाद ही इस्तीफे पर विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरपंच शंकरराम ने उन्हें किश्तों का भुगतान नहीं होने के कारण इस्तीफे की बात कही है, कमीशनखोरी कि कोई शिकायत नहीं की है।
सरपंच ने स्पष्ट कहा- 5 प्रतिशत कमीशन मांग रहे अधिकारी
सरपंच शंकरलाल मंगलवार को पंचायत समिति पहुंचे और यहां BDO कालूराम मीणा को अपना इस्तीफा सौंप दिया। जब सरपंच से बात की गई तो उनका कहना रहा कि भुगतान समय पर नहीं होने से वे परेशान है और भुगतान समय पर करने के लिए कार्मिक पांच प्रतिशत राशि की मांग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि फरवरी में स्वीकृत हुई ट्यूबवेल के कार्यपूर्ण अवधि के 2 महीने बाद भी भुगतान नहीं किये जाने और इस भुगतान के लिए पंचायत समिति प्रसार अधिकारी भागीरथ पर 5 प्रतिशत राशि रिश्वत के रूप में मांग रहा है। इसके अलावा 100 से ज्यादा बन चुके PM आवास का समय पर भुगतान नहीं किया जा रहा है। इसके चलते मैं परेशान हो चुका हूँ और अपना इस्तीफा सौंप रहा हूं।
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