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(मनीष सोनी)
उपखंड मुख्यालय पर हाइवे नहीं होने के कारण क्षेत्र के लोगों को विकास कार्यों का लाभ नहीं मिल रहा है। साथ ही युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बंद हो रहे है। 38 किलोमीटर के लिए संशोधित प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिलना क्षेत्र के विकास के लिए बाधक बना हुआ है। उल्लेखनीय है कि लंबे समय से सड़क एवं राजमार्ग मंत्रालय की हाइवे विस्तारीकरण योजना के तहत मांडल से रास तक 116 किलोमीटर लंबे नए राजमार्ग संख्या 158 निर्माण की सौगात में महज 38 किलोमीटर के संशोधित प्रस्ताव को मंजूरी मिलना अभी भी बाकी है।
जिससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बंद होने के साथ ही क्षेत्र का विकास भी अटका हुआ है। ग्रामीण क्षेत्र को सड़क मार्ग से नहीं जोड़े जाने के कारण विकास कार्य अटके हुए है तो लोगाें का आवागमन भी बाधित है। जिससे आमजन शहर की मिलने वाली कई सुविधाओं से वंचित रह रहा है। लोगो ने बताया कि हाइवे की मांगों को लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, पूर्व राजसमन्द सांसद स्व. हरिओम सिंह राठौड़, वर्तमान राजसमन्द सांसद दिया कुमारी तक हाइवे के सम्बंध में पिछले 4 वर्षों से आए दिन ज्ञापन दिए जा रहे है मगर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिसका खामियाजा क्षेत्र के आमजन को भुगतना पड़ रहा है।
अफसरों की लापरवाही, सड़कें टूटी, वाहन चालक परेशान
हाइवे की समस्या का खामियाजा आम लोगों के साथ-साथ व्यापार जगत को भी उठाना पड़ रहा हैं, क्षेत्र में हाइवे नहीं होने से केवल 1 डिपो बस ही चालू हैं जिसके कारण रात्रि 9 बजे बाद आवागमन के लिए किसी भी प्रकार का साधन नही हैं। व्यापारियों को माल मंगवाने के लिए निजी वाहनों का प्रयोग करना पड़ता हैं, जिससे ट्रांसफॉर्मेशन चार्ज बढ़ जाता हैं और उपभोक्ता को अन्य शहरों के मुकाबले वस्तुएं महंगी मिलती हैं। क्षेत्र के लोगों को हाइवे की सौगात मिलने पर रोजगार के अच्छे आयाम स्थापित होंगे।
इन गांव-शहरों व जिला मुख्यालय से जोड़ेगा हाईवे
सड़क परिवहन मंत्रालय की हाइवे विस्तारीकरण योजना के तहत मांडल (भीलवाड़ा) से रास (पाली) तक प्रस्तावित 116 किलोमीटर लंबे एन-एच संख्या 158 पर योजनाबद्ध तरीके से कार्य शुरू है। अगर इसे एन-एच 158 को वाया कुड़की से रियां बड़ी होते हुए पादूकला एन-एच 89 से जोड़ दिया जाए तो तकरीबन 38 किलोमीटर तक सड़क निर्माण की बढ़ोतरी होगी। परंतु उक्त निर्माण बढ़ोतरी से वर्षों से प्रयास से 40 ग्राम के हजारों लोगों को राहत मिलेगी।
जिसमें मुख्य ग्राम रास, मैदास, रोहिसा, पादुकला, कोड , जाटावास, सुरीयास, झिटिया, भवाल, बड़ायली, आलनियावास, बीजाथल, सैसड़ा, इनके अलावा बड़े शहर भीलवाड़ा, पाली, ब्यावर, जैतारण, उपखंड मुख्यालय रियां बड़ी से सीधा जिला मुख्यालय से जुड़ सकेंगे। संजय ओझा ने बताया कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने देश को सड़क निर्माण में कार्य प्रणाली दी जिसको देश कभी भूल नहीं पाया है। इसके लिए सरकारों से लगातार मांग की जा रही है। वहीं व्यापार संघ के उम्मेदसिंह राजपुरोहित ने बताया कि रियां बड़ी व आस पास के गावों के विकास के लिए हाइवे का निर्माण जरुरी है।
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