कोरोना की तीसरी लहर और खतरनाक नए ओमिक्रॉन वेरिएंट की आशंका के बीच राजस्थान में भी कोरोना के आंकड़ों में तेजी शुरू हो गई हैं। इस बीच नागौर में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। मेड़ता के रहने वाले 21 साल के महेंद्र बालोटिया और उसकी माता 51 साल की मीना देवी को कोरोना वैक्सीन का दूसरा टीका लगा नहीं, लेकिन उन्हें इसका सर्टिफिकेट मिल गया है। परेशान महेंन्द्र ने इसे लेकर दैनिक भास्कर से संपर्क किया है। महेंद्र इस बात से परेशान हैं कि अब वो दूसरा डोज लें तो कैसे।
पेशे से स्टूडेंट महेंद्र बालोटिया परेशान हैं। परेशानी की वजह है स्वास्थ्य विभाग का वो कारनामा जिसकी वजह से अब वो और उनकी माता मीना देवी अपने वैक्सीनेशन का दूसरा डोज नहीं ले पा रही हैं। महेंद्र ने अब इसे लेकर दैनिक भास्कर से संपर्क किया। उन्होंने भास्कर से अपने वह सर्टिफिकेट भी साझा किये है, जिसके मुताबिक दोनों मां-बेटे ने कल 27 नवंबर 2021 को अपने दूसरे डोज ले लिए हैं। महेंद्र की मानें तो ये मैसेज गलत है। उनके मुताबिक सर्टिफिकेट में उनके फर्स्ट डोज लेने की तारीख तो सही दी गई है, लेकिन सेकंड डोज लेने की बात बिल्कुल झूठी है। सर्टिफिकेट के अनुसार उन्होंने अपना पहला डोज 8 सितंबर 2021 को लिया था। उन्होंने कोविशील्ड का डोज लिया था।
महेंद्र ने बताया कि आंगनबाड़ी विभाग से कल उनके पास फोन आया कि उनका और उनकी माता की सेकंड डोज ड्यू है। सेंटर पर जाकर लगवाए। इससे पहले कि वो अपना वैक्सीनेशन का दूसरा डोज लेने सेंटर पर पहुंचते, उनके मोबाइल नंबर पर उन्हें दोनों मां-बेटे के दूसरा डोज पूरा होने का मैसेज मिल गया। महेंद्र ने इसके बाद मेडिकल डिपार्टमेंट में भी सम्पर्क किया लेकिन वहां किसी ने भी उसे सही जवाब नहीं दिया और फोन काट दिया। अब वो ये नहीं समझ पा रहा हैं कि वो अपना दूसरा डोज कैसे लगवायेगा।
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