प्रदेश में राजनैतिक लिहाज से नागौर हमेशा केंद्र में और चर्चाओं में रहा है। इस बार भी राजनीतिक तकरार कहीं न कहीं नागौर से ही कोई नई जमीन तलाशी जा रही है। ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा ने दूसरी बार खींवसर विधानसभा क्षेत्र में आईं, जहां नाम लिए बिना सांसद हनुमान बेनीवाल पर तीखा हमला बोला।
शुक्रवार रात विधायक मदेरणा पांचौड़ी आईं और संबोधित करते हुए सांसद को उनकी ही धरती पर हुंकारा। मदेरणा ने कहा कि पिछली बार जब मैं खींवसर विधान सभा क्षेत्र में आईं तब मैंने एक बात कही कि मैं खींवसर का राजनीतिक तापमान नापने आई हूं, तब मैंने तापमान नाप लिया था। इस बार चिंतन और खींवसर का ऑपरेशन करने आईं हूं और ऑपरेशन सफल करके ही जाउंगी। मदेरणा ने कहा कि नागौर, राजनीतिक रूप से कहां था और अब कहां खड़ा है।
}दिव्या बोली- नागौर के नेता पीएम से घुटना मिलाकर बैठते थे, अब हालात खराब हो चुके
मदेरणा ने नाम लिए बिना कहा कि आपके नेता बार-बार ओसियां आते है, मेरे दादा व पिता का नाम लेते है, ये राजनीति करना बंद करे। उनके नाम मैं ले सकती हूं। नेता नावां-लोहावट-ओसियां जहां पर भी जाते है दादा पिता का नाम लेते है। क्योंकि उनके पास कहने को कुछ नहीं है। मेरे दादा परसराम व पिता महिपाल मदेरणा किसानों के लिए खून पसीना एक कर देते थे।
मेरा मकसद खींवसर से चुनाव लड़ना नहीं है और न ही मुझे यहां चुनाव लड़ना है। नागौर से पुराना नाता रहा है, यहां पीढ़ियों से दुख, दर्द व संघर्ष का रिश्ता है। उन्होंने कहा कि नागौर पिछड़ चुका है। ये वही धरती है जहां नाथूराम मिर्धा व रामनिवास मिर्धा संसद में अग्रणी पंक्ति में बैठा करते थे, वे प्रधानमंत्री से घुटने से घुटना भिड़ा (पास की कुर्सी पर) बैठा करते थे। लेकिन अब हालात खराब हो चुके है।
सांसद हनुमान बेनीवाल : जो खींवसर का टेम्प्रेचर नापने आए और ऑपरेशन करने आए उनको कहना चाहता हूं कि पहले उनका ऑपरेशन करें जिन्होंने आपके दादा व पिता का किया था। उनका इलाज करें जिन्होंने आपके दादा का सपना कभी पूरा नहीं होने दिया और पिता को जेल में डाल दिया। ओसियां की विधायक अब नहीं बन पाएंगी, पिछली बार तो मैंने लोगों को जोड़ा तो विधायक बन गईं। बात रही खींवसर की तो आज तक खींवसर ने ही बड़े-बड़े ऑपरेशन किए है। आप क्या ऑपरेशन करेंगे। इसके लिए डिग्री चाहिए, पहले भी डॉ. ज्योति मिर्धा ने कोशिश की थी, कुछ हासिल नहीं हुआ। डिग्री बिना ऑपरेशन करोगे तो कानूनन कार्रवाई होगी।
सांसद बोले: 7 बार कांग्रेस मुंह की खा चुकी, क्या टेम्प्रेचर नापेंगे : बेनीवाल ने पलटवार करते हुए कहा कि खींवसर का इतिहास बन चुका है, 7 बार कांग्रेस हार चुकी है। साल 2003, 2008, 2013, 2018 व साल 2019 में लोकसभा व विधानसभा चुनाव हार चुकी है। 4 बार तो कांग्रेस की जमानत जब्त हुई। खींवसर में बीमारी नहीं है, हमनें तो बड़ी से बड़ी बीमारी को ठीक किया। नागौर से लेकर संसद तक लड़े अौर जारी रखेंगे। जिनके नाम लिए कि वे पीएम के बगल में बैठते थे, वो घुटनों के नीचे बैठा करते थे। पीएम की मीटिंग में प्रदेश से एकमात्र सांसद मैं ही था।
यहां के नेता केवल अपनी रोटियां सेक रहे है- दिव्या
पांचौड़ी में शुक्रवार शाम को दिव्या मदेरणा ने कहा कि यहां के नेता केवल राजनीतिक रोटियां सेक रहे है। अब इनकी बातों में आने वाली जनता नहीं है। 2023 के चुनाव में इनकी आंखे खुल जाएगी। इस दौरान खींवसर सरपंच संघ अध्यक्ष जगदीश बिडियासर, शेर सिंह चांवडिया, घेवरराम बिडियासर, मुलाराम सांई, चोलाराम जाजड़ा, निम्बाराम सारण, मोहनराम बिश्नोई, मुलाराम सुथार, प्रताप सुथार आदि लोग मौजूद रहे।
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