नागौर से मुंदियाड़ स्थित भगवान गणेश के मेले के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु शनिवार रात को दर्शनों के लिए अलग-अलग पैदल संघ बना रवाना हुए। शहर से 25 किलोमीटर की इस दूरी के रास्ते में अलग अलग समाज की ओर से उनके खाने-पीने की सेवाओं का पांडाल भी सजाए गए।
पैदल यात्री यहां कुछ समय विश्राम कर चाय-नाश्ता कर मुंदियाड़ के लिए आगे बढ़ते गए। तीन दिवसीय खरनाल-मुंदियाड़ का मेला 100 साल से अधिक समय से भरा जा रहा है, जहां नागौर ही नहीं बल्कि यहां के निवासी जो पिछले कई दशकों से बाहर रहने लगे, वे भी मुंदियाड़ में अष्ठम और नवम के दिन परिवार सहित अन्य राज्यों से पहुंचते हैं।
मान्यता है कि मुंदियाड़ में भगवान गणेश के दर्शन कर मांगी जाने वाली मन्नत पूरी होती है। पिछले दो साल कोरोना संक्रमण के कारण मेला नहीं भरा था, वहीं इस बार बड़ी संख्या में लोग दर्शन को पहुंचे हैं। खरनाल में सोमवार सुबह 5 बजे से मेला भरेगा।
रविवार को साइकिल दौड़ का भी आयोजन होगा। जो कि मुंदियाड़ से खरनाल के लिए शाम को पांच बजे निकलेगी। इस दौरान दौड़ प्रतियोगिता में अव्वल रहने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाएगा। हालांकि इससे पहले तांगा दौड़ हुआ करती थी, लेकिन वो बंद होने के बाद अब साइकिल दौड़ से तांगा दौड़ का रोमांच पूरा करने की कवायद की जा रही है। अष्टमी का मेला नागौर का पारंपरिक मेला है। मुंदियाड़ मेले से लौटने के बाद दशमी के दिन मेले की समाप्ति भी गणेश बावड़ी के गणपति के दर्शन के साथ की जाएगी।
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