कभी क्राइम की दुनिया छोड़ना चाहता था मूसेवाला का हत्यारा:गैंगस्टर बाप का बदला लेने को सीकर के सुभाष बानूड़ा ने जॉइन की गैंग

नागौर10 महीने पहले
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पंजाब पुलिस ने सिंगर सिद्धू मूसेवाला के मर्डर में शामिल 8 शूटर्स की पहचान कर ली है। इनमें एक सीकर का सुभाष बानूड़ा है। ये वही बानूड़ा है, जिसने दिनेश एमएन से कहा था कि वो उनकी तरह ही IPS बनना चाहता है। अपराध की दुनिया छोड़ना चाहता है।

मूसेवाला के मर्डर में सुभाष बानूड़ा का नाम सामने आने के बाद क्राइम वर्ल्ड में खलबली है। बानूड़ा बचपन में बॉक्सिंग में स्टेट चैंपियनशिप खेल चुका था। दसवीं में 70 प्रतिशत से पास हुआ, लेकिन इसके बाद उसने जुर्म का रास्ता चुन लिया। महज 15 साल की उम्र में पहला क्राइम किया। अपने गैंगस्टर बाप की हत्या का बदला लेने के लिए उसने हथियार उठाया था।

बाप की हत्या का बदला लेने के लिए बना अपराधी
सुभाष गैंगस्टर बलवीर बानूड़ा का बेटा है। बलवीर और गैंगस्टर आनंदपाल दोस्त थे। 8 साल पहले बीकानेर जेल में बलबीर बानूड़ा व आनंदपाल पर हमला हुआ था। इसमें बलबीर की मौत हो गई थी। बलवीर की हत्या हुई तब सुभाष 14 साल का था और 10वीं में पढ़ रहा था। इसके बाद वो अपने पिता बलवीर बानूड़ा की मौत का बदला लेने के लिए आनंदपाल गैंग से जुड़ गया।

बीकानेर जेल में बलवीर बानूड़ा की मौत के एक साल बाद 13 मार्च 2015 को सुभाष अपने गांव में पिता बलवीर बानूड़ा के साथियों के साथ फ़ार्म हाउस पर था। पुलिस ने वहां छापा मारा। छह को पकड़ा। हथियार बरामद किए। इस दौरान सुभाष वहां से भाग गया था। पुलिस ने उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट का मुकदमा दर्ज कर लिया। सुभाष पर ये पहला आपराधिक मामला था। तब वो महज 15 साल का ही था।

आनंदपाल के पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने के बाद से सुभाष बानूड़ा AP गैंग को लीड कर रहे सुभाष बराल के लिए काम कर रहा था। सुभाष बानूड़ा पर फायरिंग और मारपीट सहित 7-8 मामले दर्ज हैं।

डेढ़ साल बाद किया सरेंडर, आईपीएस दिनेश एमएन से मिला
सुभाष बानूड़ा डेढ़ साल तक फरार रहा। फरारी के दाैरान बलवीर बानूड़ा के दोस्तों ने उसकी मदद की। फरारी के दौरान दार्जिलिंग गया। कुछ समय हरियाणा में भी रहा। इसके बाद अचानक वो लौटा और सीधा एसओजी ऑफिस पहुंचा। वहां तत्कालीन SOG आईजी दिनेश एमएन के सामने सरेंडर कर दिया। उस वक्त सुभाष नाबालिग था।

तब सुभाष बानूड़ा ने कहा था- अपराधी बनना तो आसान है लेकिन एक सच्चा और ईमानदार आदमी बनना बेहद मुश्किल है। मैं भी अच्छा इंसान बनना चाहता हूं और बनूंगा भी...बिल्कुल आईपीएस दिनेश एमएन की तरह। दिनेश तो मेरे आईकॉन हैं..मेरे आदर्श।

मुझे अपराध की दुनिया से दूर जाना है। इसके बाद ततकालीन SOG IG दिनेश एमएन ने उसके सिर पर हाथ फेरते हुए कहा था की तू सही राह पर है। पढ़ाई और बॉक्सिंग में कैरियर के लिए तेरी जितनी मदद होगी करेंगे।