नागौर जिले के परबतसर स्थित सब डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में पिछले 2 दिन से अजीबो-गरीब स्थिति पैदा हो गई है । करीब 8 महीने पहले सीकर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) टीम के हत्थे चढ़े तत्कालीन परबतसर PMO डॉक्टर ओमप्रकाश ठोलिया ने 18 मई को यहां पहुंचकर दोबारा PMO का चार्ज ले लिया। जबकि डिपार्टमेंट ने ACB कार्रवाई के बाद उन्हें सस्पेंड कर निदेशालय में अपनी उपस्थिति देने के आदेश दिए थे। वहीं परबतसर सब डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में डॉक्टर किशन कटारिया को PMO बनाया गया था। अब अचानक ठोलिया के हॉस्पिटल में पहुंचकर यहां हाजिरी लगाने और चार्ज लेने से बड़ी समस्या हो गई है। एक ही पद पर दो दावेदार काबिज हो गए है।
मौजूदा PMO डॉक्टर किशन कटारिया ने बताया कि डॉक्टर ठोलिया को जॉइन कराने और PMO चार्ज देने को लेकर निदेशालय से उनके पास कोई आदेश नही आया है। लेकिन, शुक्रवार को डॉक्टर ठोलिया ने हाईकोर्ट स्टे का हवाला देते हुए जोनल डायरेक्टर के नाम से परबतसर PMO पोस्ट पर उपस्थिति दी है। ऐसे हालात में हमने संयुक्त सचिव व निदेशालय में पत्र भेजकर व मेल द्वारा सुचना दे दी है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नही आया है। वहीं डॉक्टर ठोलिया आने बिना सक्षम अनुमति लिए स्वंय ही अपनी उपस्थिति दी है और उपस्थिति रजिस्टर भी अपने कब्जे में ले लिया हैं।
अपेंडिक्स का ऑपरेशन करने के नाम पर ली थी रिश्वत
दरअसल, करीब 8 महीने पहले सीकर ACB टीम ने तत्कालीन परबतसर PMO डॉक्टर ओमप्रकाश ठोलिया को 8 हजार 500 रुपए की रिश्वत राशि लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। ACB के अनुसार, आरोपी ने परिवादी नानूराम पुत्र धुकलराम निवासी मालास से परबतसर के सरकारी हॉस्पिटल में उसकी बेटी रिंकू के अपेंडिक्स का ऑपरेशन करने के एवज में रिश्वत मांगी थी। डॉक्टर ओमप्रकाश ठोलिया ने परिवादी नानूराम से 29 सितंबर को अपने निवास पर 8 हजार 500 रुपए रिश्वत राशि ले ली जिस पर उसे रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था।
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