जिले के बड़ी खाटू थाना क्षेत्र में गुरुवार देर रात हुई 11 लाख 70 हजार रुपए की लूट झूठी निकली है। इस मामले में पीड़ित बन रहे मराठी दुकानदार ने ही ज्वेलर के 11 लाख 70 हजार रुपए का पेमेंट हड़पने के मकसद से अपने भाई के साथ मिलकर लूट की फर्जी कहानी गढ़ी थी। फिलहाल पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर उनसे 11 लाख 70 हजार रुपए व एक बाइक भी बरामद कर ली है।
डीडवाना ASP विमल सिंह नेहरा ने बताया कि शुक्रवार सुबह राजु सोनी पुत्र राधेश्याम सोनी (40) निवासी छोटी खाटू ने बड़ी खाटू पुलिस थाने में रिपोर्ट पेश कर बताया कि गुरुवार शाम 8 बजे उसने उसके पडोसी मराठी दुकानदार तुलछीराम उर्फ रामा मराठा को उसके रिश्तेदार हेमन्त कुमार सोनी के पास से 11 लाख 70 हजार रुपए का पेमेंट लाने के लिए राजापुरा अबास स्टैण्ड पर भेजा था। हेमंत ने करीब पौने 9 बजे वहां तुलछीराम उर्फ रामा मराठा को राजू सोनी से बात कर 11 लाख 70 हजार रुपए दे दिए थे। इसके 15 मिनिट बाद ही राजू सोनी के पास किसी दूसरे नमबर से तुलछीराम का फोन आया और तुलछीराम ने बताया कि बड़ी खाटू और राजापुरा के बीच बाइक सवार बदमाशों ने तुलछीराम से मारपीट कर 111 लाख 70 हजार रुपए लूट लिए और भाग गए।
पीड़ित ज्वेलर राजू सोनी की रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई। स्पेशल पुलिस टीमों का गठन कर इलाके के CCTV फुटेज खंगाले गए। वहीं तुलछीराम से भी पूछताछ शुरू की गई। पुलिस प्रयास रंग लाए और 3 घंटे बाद ही मामले का खुलासा हो गया। डीडवाना ASP विमल सिंह नेहरा ने बताया कि जांच पड़ताल में पुलिस को शुरुआत से ही तुलछीराम की बातों से उस पर शक था। इसके बाद जब उससे पूछताछ हुई तो पूरा मामला ही खुल गया। तुलछीराम ने बताया कि उसने अपने भाई सागर दादा काले के साथ मिलकर लूट की फर्जी कहानी रची थी। इसके बाद पुलिस ने जोधपुर की तरफ भाग रहे उसके भाई सागर दादा काले को भी गोटन के पास गिरफ्तार कर लिया। वहीं दोनों के कब्जे से 11 लाख 70 हजार रुपए व वारदात में काम में ली गई बाइक भी बरामद कर ली।
दरअसल तुलछीराम मराठा ने अपने काम से लोकल ज्वेलर्स में अपनी बढ़िया पेठ बना रखी थी। इसी विश्वास और पेठ के बुते कई बार ज्वेलर्स अपना लाखों रुपए का पेमेंट और माल इधर-उधर भेजने का काम भी उसे सौंपते थे। इस बीच उसके मन में खोट आ गई। उसने लूट की साजिश रची। 10 दिन पहले महाराष्ट्र से अपने भाई सागर दादा काले को बुलाया और मौके का इन्तजार करने लगा। गुरुवार को जैसे ही राजू सोनी ने उसे पेमेंट लाने भेजा, उसने राजापुरा और बड़ी खाटू के बीच भाई सागर काले को बुला लिया। जब वो 11 लाख 70 हजार रुपए का पेमेंट लेकर आ रहा था तो उसने रास्ते में 10 लाख रुपए अपने भाई सागर दादा काले को दे दिए और जोधपुर की तरफ रवाना कर दिया। वहीं एक लाख 70 हजार रुपए वहीं पत्थर के नीचे छुपा दिए थे ।
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