राजस्थान में कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए प्रदेश सरकार ने अस्पतालों में ज्यादा से ज्यादा ऑक्सीजन प्लांट लगाने शुरू कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर वेरिएंट में म्युटेंट होकर यह घातक हुआ तो लोगों की जान बचाने में सबसे ज्यादा ऑक्सीजन सपोर्ट ही काम आएगा। एक्सपर्ट्स की राय और कोरोना की पहली और दूसरी लहर से सबक लेते हुए प्रदेश के सभी 33 जिला अस्पतालों और सभी मेडिकल कॉलेजों के अलावा प्राइवेट अस्पतालों में भी मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट्स लगवाए जा रहे हैं।
प्रदेश में 532 मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट्स में से 473 शुरू
मेडिकल विभाग के प्रमुख सचिव वैभव गालरिया ने बताया कि प्रदेश के 532 मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट्स में से 473 शुरू हो गए हैं। बाकी के ऑक्सीजन प्लांट्स भी जल्द ही कमीशंड हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 40 हजार ऑक्सीजन कन्संट्रेटर और दूसरे ऑक्सीजन उपकरणों से 1050 मेट्रिक टन ऑक्सीजन उपलब्धता होने लगेगी।
वैभव गालरिया ने कोविड ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल की पालना, लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन, ऑक्सीजन प्लांट्स की मॉक ड्रिल करने के भी निर्देश दिए हैं। कोविड की पीक वेव जैसे हालातों में किस तरह ऑक्सीजन सप्लाई मेंटेन रखी जाएगी। इस पर टीम को अभी से रिहर्सल वर्क करने को कह दिया गया है। ताकि भविष्य में किसी भी तरह के हालात से निपटा जा सके।
जयपुर में सरकारी-प्राइवेट अस्पतालों में 50 ऑक्सीजन प्लांट
जयपुर के सीएमएचओ फर्स्ट डॉ नरोत्तम शर्मा ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा कि राजधानी जयपुर में 25 ऑक्सीजन प्लांट सरकारी अस्पतालों और 25 प्लांट प्राइवेट अस्पताल में लगाए गए हैं।
राजस्थान सरकार, पीएम केयर, स्वयंसेवी संस्थाओं, भामाशाहों के सहयोग से ये ऑक्सीजन प्लांट्स अलग-अलग हॉस्पिटल्स में लगाए गए हैं। जयपुर में सबसे ज्यादा 5 ऑक्सीजन प्लांट और दो लिक्विड ऑक्सीजन स्टोरेज एंड सप्लाई सिस्टम आरयूएचएस कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल में लगाए गए हैं।
डॉ नरोत्तम शर्मा ने बताया कि 5 हजार ऑक्सीजन कन्संट्रेटर सभी सीएचसी पर भेजे गए हैं। सीएचसी लेवल तक ऑक्सीजन सिलेंडर भी भेजे गए हैं। 8 हजार एक्सट्रा ऑक्सीजन सिलेंडर सीएमएचओ ऑफिस में एडिशनल स्टोर करके बैकअप के लिए रखे गए हैं। जयपुर में फिलहाल 20 अस्पतालों में कोविड मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। कुल 127 अस्पतालों को कोविड की तीसरी लहर के मद्देनजर अटैच किए गए हैं। जिनमें 10 हजार बेड्स की व्यवस्था है। ऑक्सीजन बेड, वेंटीलेटर बेड और आईसीयू बेड्स, जनरल बेड्स इनमें शामिल हैं।
कोविड की दूसरी वेव में ऑक्सीजन की हुई थी भारी किल्लत
कोरोना की दूसरी लहर में राजस्थान समेत अलग-अलग प्रदेशों में हालात भयावह हो गए थे। मेडिकल ऑक्सीजन सप्लाई का बड़ा संकट पैदा हो गया था। कई अस्पतालों ने ऑक्सीजन नहीं होने के कारण मरीजों को भर्ती करने से इनकार कर दिया था। राजस्थान सरकार ने ऑक्सीजन का नियंत्रण केन्द्र के हाथ में होने के कारण ऑक्सीजन सप्लाई में राजनीति और पक्षपात करने के आरोप लगाए थे। जबकि केन्द्र ने ऑक्सीजन प्लांट और सप्लाई की व्यवस्था नहीं होने को राज्य सरकार की खामी बताया था। लेकिन दूसरी वेव के अनलॉक पीरियड में राजस्थान में ऑक्सीजन प्लांट लगाने पर तेजी से काम हुआ।
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