बोर्ड परीक्षाओं में शानदार नंबर लाने वाले टॉपर्स का लैपटॉप पाने का इंतजार खत्म होने वाला है। हालांकि इस बार सरकार लैपटॉप नहीं टैबलेट बांटने की तैयारी कर रही है। खुशखबरी ये है कि टैबलेट केवल 60 हजार नहीं बल्कि 93000 से ज्यादा स्टूडेंट्स को बांटे जाएंगे। यानी कि मेरिट लिस्ट में 30 हजार से ज्यादा नए स्टूडेंट्स को इसका फायदा मिलेगा। इसके साथ ही 3 साल तक 4जी स्पीड का इंटरनेट हर महीने फ्री मिलेगा। इसके लिए स्टूडेंट्स को एक भी पैसा नहीं चुकाना होगा।
लैपटॉप की बजाय राजस्थान सरकार की टैबलेट योजना का पूरा ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। उसे जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा, लेकिन सबसे पहले दैनिक भास्कर आपके लिए ला रहा है योजना से जुड़ी कुछ खास जानकारियां।
आखिर, वो 30 हजार अतिरिक्त स्टूडेंट्स कौन होंगे, जिन्हें टैब मिलेगा। ये स्कीम कब लागू होगी और कब तक टैब मिल जाएंगे। टैबलेट में क्या खास होगा, कितनी कीमत होगी और उसके फीचर्स क्या होंगे। इस स्कीम से जुड़े सभी सवालों का जवाब जानिए, भास्कर एक्सप्लेनर में...।
सबसे पहले बताते हैं टैबलेट का A to Z
राज्य सरकार जो फ्री टैबलेट देने जा रही उसकी कीमत 10 से 15 हजार रुपए के बीच होगी। बाजार में वर्तमान में इस रेंज में 10 इंच का टैबलेट मिल रहा है। जिसमें RAM चार GB तक है और 64GB इंटरनल मेमोरी है। ऐसे टैबलेट की स्पीड अच्छी है। अगर स्टूडेंट्स के लिए इनकी खरीद होती है तो आगे की क्लासेज में भी काम आ सकते हैं।
पिछले वर्षों में जब-जब स्टूडेंट्स को लैपटॉप वितरित किए गए तो माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ने अपने कई सॉफ्टवेयर फ्री में दिए थे। आमतौर पर चार से पांच हजार रुपए खर्च वाले इन सॉफ्टवेयर के फ्री मिलने से शिक्षा विभाग को बड़ी राहत मिली थी। संभावना है कि इस बार भी स्टूडेंट्स के काम के कुछ सॉफ्टवेयर फ्री मिल सकते हैं।
इन टैबलेट में स्कूल की पढ़ाई के सॉफ्टवेयर होंगे। स्टूडेंट्स चाहें तो खाली समय में टैबलेट से पढ़ाई कर सकते हैं। इसके साथ ही तीन साल तक इंटरनेट फ्री मिलेगा, जिससे सिर्फ पढ़ाई वाली साइट्स ही टैबलेट में खुल सकेगी।
अब इस योजना से जुड़े आपके सवालों के जवाब
सवाल : 33 हजार टैबलेट ज्यादा हैं, वो किन्हें बांटे जाएंगे?
मेरिट का दायरा बढ़ा दिया जाएगा ताकि ज्यादा बच्चे आ सकें। सरकार चाहती है कि ज्यादा बच्चों को टैबलेट मिलेंगे तो ज्यादा लोगों को फायदा होगा।
सवाल : इंटरनेट कितना फ्री मिलेगा?
स्कीम के तहत टैबलेट पाने वाले सभी स्टूडेंट्स को 3 साल के लिए 4जी स्पीड वाला इंटरनेट फ्री मिलेगा। रिचार्ज के लिए स्टूडेंट्स को कोई पैसा नहीं देना होगा। एक महीने में कितना डेटा मिलेगा, इसके बारे में खुलासा नहीं हो सका है।
सवाल : टैबलेट कौन से महीने से बांटे जाएंगे?
अभी टैबलेट वितरण की पूरी योजना का खाका तैयार कर लिया गया है। खरीदने के लिए टेंडर निकाले जाएंगे। सरकारी सूत्रों की मानें तो नवंबर के बाद कभी भी इस योजना को शुरू किया जा सकता है।
सवाल : टैबलेट कौन सी कंपनी के हों और उसके फीचर क्या हैं?
अभी टैबलेट के लिए निविदा जारी होगी, जिसकी रेट सबसे कम होगी, उसे ही खरीदा जाएगा। इस टैबलेट में बच्चों की पढ़ाई के सॉफ्टवेयर ही चल सकेंगे। इस टैबलेट में हॉट स्पॉट या गेम्स इत्यादि रन नहीं होंगे? आइए ग्राफिक्स के जरिए समझते हैं क्या-क्या फीचर्स हो सकते हैं।
टैबलेट पाने के लिए क्या करना होगा, यह जानने से पहले नीचे दिए गए पोल में हिस्सा लेकर आप इस खबर पर अपनी राय दे सकते हैं।
टैबलेट पाने की पात्रता, कम से कम 75 फीसदी अंक
विभागीय अधिकारियों का मानना है कि लैपटॉप की तरह ही टैबलेट का वितरण होगा। लैपटॉप में छह हजार स्टूडेंट्स की मेरिट राज्य स्तर पर तैयार की जाती रही थी। इन स्टूडेंट्स के 75 प्रतिशत अंक कम से कम होने चाहिए। अब ये संख्या छह हजार से बढ़कर दस हजार तक हो सकती है। न्यूनतम अंक का दायरा इतना ही रखा जाएगा। इसी तरह हर जिले की मेरिट में सौ स्टूडेंट्स को लैपटॉप मिलता था, इनकी संख्या भी अब बढ़कर डेढ़ सौ से दो सौ हो सकती है।
राजस्थान फ्री टैबलेट स्कीम में अभी तक सरकार ने पात्र लोगों की लिस्ट जारी नहीं की है, लेकिन लिस्ट जारी होने पर आप ये आसान से स्टेप अपनाकर अपना नाम चेक कर सकते हैं।
तीन सैशन से नहीं बांटे गए लैपटॉप
बोर्ड एग्जाम के टॉपर्स को लैपटॉप देने की योजना वर्ष 2013-14 से लागू हुई थी। शिक्षा विभाग की इस योजना के तहत राज्य स्तर पर कक्षा 8वीं, 10वीं / प्रवेशिका और 12वीं सभी संकायों में 75% या इससे अधिक मार्क्स लाने वाले प्रत्येक कक्षा के 6 हजार और जिला स्तर प्रत्येक जिले के 100-100 मेधावी विद्यार्थियों को, जिन्होंने 70 फीसदी या इससे अधिक अंक प्राप्त किए है। उनको इस योजना का लाभ दिया जाता है।
लेकिन 2018 के सेशन से अब तक एक बार भी लैपटॉप नहीं दिए गए हैं। हर साल जिलेवार लिस्ट तैयार तो की गई, पर शिक्षा निदेशालय ने लैपटॉप खरीदने का प्रोसेस ही शुरू नहीं किया। नतीजा यह रहा कि सेशन 2018-19, 2019-20, 2020-21 के टॉपर्स को अभी तक लैपटॉप नहीं मिल पाए। शैक्षणिक सत्र 2021-22 का रिजल्ट आने के बाद स्कूल शुरू हुए चार महीने हो गए।
आखिर लैपटॉप की बजाय टैब क्यों दे रही सरकार?
दरअसल, पिछले तीन सेशन में लैपटॉप पाने वाले पेंडिंग स्टूडेंट्स की संख्या 60 हजार से ज्यादा हो गई है। ऐसे में इस बार योजना में थोड़ा बदलाव कर उसे फ्री टैबलेट योजना कर दिया गया है। क्योंकि जितनी राशि में 60 हजार लैपटॉप खरीदे जा रहे थे, इतने पैसों में अब 93 हजार टैबलेट खरीदे जाएंगे।
चुनावी वर्ष में हुए इस निर्णय का बड़ा आधार ये है कि लैपटॉप की कीमत करीब 22 हजार से 25 हजार रुपए के बीच में आ रही थी, वहीं टैबलेट 10 से 15 हजार रुपए के बीच मिल जाएंगे। ऐसे में कम बजट में अधिक स्टूडेंट्स को फायदा मिलेगा।
RBSE देगा बजट
हर बार लैपटॉप खरीदने के लिए राज्य सरकार अलग से बजट जारी करती है। इस बार माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर ही टैबलेट का भुगतान करेगा। सरकार का तर्क है कि बोर्ड के पास अरबों रुपए की जमा पूंजी है जो स्टूडेंट्स की है, उसी पर खर्च होनी चाहिए।
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