गहलोत बोले-अडाणी के शेयर डाउन होने से तलहका मचा है:कर्मचारियों को शेयर बाजार की दया पर नहीं छोड़ सकते,इसलिए OPS लाए

जयपुर2 महीने पहले
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राज्यपाल के अभिभाषण के जवाब में सीएम अशोक गहलोत ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने चुन-चुनकर आरोपों के जवाब दिए। गहलोत ने कहा- बीजेपी ने चार साल निकाल दिए, लेकिन कोई मुद्दा खड़ा नहीं कर सकी। अभी बीजेपी ने जन आक्रोश यात्रा निकाली, उसमें न जन दिखा, न आक्रोश।

....इसलिए OPS जरूरी
गहलोत ने ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को सही ठहराते हुए अडाणी ग्रुप के शेयर डाउन होने का जिक्र किया। कहा- अभी अडाणी साहब का शेयर डाउन हो रहा है तो देश सहित पूरी दुनिया में तहलका मच गया। मैंने इसी हाउस में कहा था कि हम हमारे कर्मचारियों को शेयर मार्केट की दया पर नहीं छोड़ सकते। आज मेरी बात सही साबित हो गई। पूरा देश हिल गया है। दुनिया के कई देशों में चर्चा हो रही है। अडाणी के तमाम शेयर नीचे आ गए तो अब एलआईसी, एसबीआई के भी शेयर नीचे आ गए। जिसने भी अडाणी को लोन दिया है उन सब के शेयर धड़ाम हो गए हैं। वही बात मैंने कही थी कि एनपीएस के माध्यम से पूरा पैसा शेयर मार्केट में जमा हो रहा है, वह धड़ाम हो जाएगा तो कर्मचारियों के भविष्य का क्या होगा? इसका जवाब प्रधानमंत्री को देना चाहिए। हमारा कर्मचारी है, उससे क्या इसके लायक नहीं रखेंगे कि उसका भविष्य सुरक्षित रहे

पीएम को आज नहीं तो कल, OPS लागू करनी होगी
गहलोत ने कहा- प्रधानमंत्री देश में एनपीएस क्यों लागू रखना चाहते हैं? मैंने उनसे भी बात की है। मैं किसी को छोड़ने वाला नहीं हूं। मेरा बस चलता तो मैं पहुंच जाता, बात करता, मुझे आप सब ने मिलकर यहां बैठाया है तो मेरी ड्यूटी बनती है कि मैं खुलकर बात करूं। मैंने उनसे बात की है। फिर कहना चाहूंगा, पूरे सदन को एकजुट होकर बात करनी चाहिए। ओल्ड पेंशन स्कीम को आज नहीं तो कल भारत सरकार को लागू करना पड़ेगा।

केंद्र एनपीएस का हमारा जमा पैसा नहीं दे रहा, हम सुप्रीम कोर्ट जांएगे
गहलोत ने कहा- एनपीएस का हजारों करोड़ रुपए केंद्र सरकार में जमा है। भारत सरकार हमारा पैसा दे नहीं रही। अगर पैसा नहीं मिला तो हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। हर हाल में पैसा लेकर रहेंगे। ओपीएस का हिमाचल प्रदेश के चुनाव में मुद्दा बनाया तो बीजेपी हाईकमान ने सबक लिया होगा। हिमाचल के लोगों ने दिखा दिया।

गजेंद्र सिंह संजीवनी घोटाले में अभियुक्त, ऐसे व्यक्ति को प्रधानमंत्री ने इतना बड़ा पॉर्टफोलियो कैसे दे दिया?

गहलोत ने ईआरसीपी को लेकर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर बड़ा हमला बोला। गहलोत ने कहा- पीएम दौसा आ रहे हैं, ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना की मांग पर मांग रखने का इससे बड़ा मौका नहीं मिलेगा इसलिए हम सब मिलकर चलें। वसुंधरा राजे के वक्त ईआरसीपी का प्रोजेक्ट बना था। अब केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह 75:25 की बात करके राजस्थान को गुमराह कर रहे हैं। उनसे कोई उम्मीद भी नहीं कर सकते। संजीवनी उनके पीछे पड़ी है। संजीवनी चिट फंड घोटाले में जगह-जगह बेचारे गरीब लोगों का पैसा डूब गया। सभी कौम के लोग हैं ,क्या गजेंद्र सिंह को चिंता नहीं होनी चाहिए। कई लोगों ने पूरी जिंदगी की कमाई डूबो दी। मेरे पास बुजुर्ग लोग सीएम हाउस आए थे उनकी पीड़ा सुनकर आंसू आ जाए। सबके पैसे डूब गए। कैसे पैसा वापस दिलवाएं। उनके लोग जेल में बैठे हुए हैं। वे गजेंद्र सिंह खुद अभियुक्त बन गए हैं। उनके परिवार के लोग भी हैं। उनको चिंता नहीं है। ऐसे व्यक्ति को प्रधानमंत्री ने इतना बड़ा पॉर्टफोलियो कैसे दे दिया?

ईआरसीपी बहुत अहम परियोजना : गहलोत
गहलोत ने कहा- पीएम दौसा आ रहे हैं। यह सुन रहे हैं। यह अच्छा मौका है। हम उन्हें ERCP का मुद्दा याद दिलाएं या हम सब मिलकर दिल्ली चलें। पीएम चाय पिलाएं तो ठीक, इतनी तो पीएम की याददाश्त है कि उनका किया हुआ वादा याद आ जाएगा। नहीं तो हम साथ में उनके भाषण की रिकॉर्डिंग ले जाएंगे। ईआरसीपी बहुत अहम परियोजना है। इस पर हम सबको मिलकर प्रयास करना चाहिए।

विधानसभा में गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भाजपा पर हमलावर रहे। उन्होंने ईआरसीपी को लेकर पीएम पर भी निशाना साधा। कहा- पीएम दौसा आ रहे हैं। यह अच्छा मौका है। हम उन्हें ERCP का मुद्दा याद दिलाएं।
विधानसभा में गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भाजपा पर हमलावर रहे। उन्होंने ईआरसीपी को लेकर पीएम पर भी निशाना साधा। कहा- पीएम दौसा आ रहे हैं। यह अच्छा मौका है। हम उन्हें ERCP का मुद्दा याद दिलाएं।

पेपरलीक गंभीर मामला
गहलोत ने कहा- पेपरलीक का मामला बहुत गंभीर है। पूरे देश में पेपरलीक के गैंग बन चुके हैं। गुजरात में पेपरलीक हो गया, वहां बच्च्चे सड़कों पर आ गए। हमें दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सोचना होगा। हम सब मिलकर इसे रोकने पर चिंतन करें।

सोशल सिक्योरिटी का कानून बनाएं मोदी
गहलोत ने कहा- राजस्थान ने इतिहास बनाया है। मोदीजी को दो बातों के लिए आगे आना चाहिए। पूरे देश में सोशल सिक्योरिटी का कानून बनाना चाहिए। बुजुर्गों को पेंशन के लिए कानून बनाइए। मोदीजी ऐसे कानून बनाइए। जिंदा रहने के लिए मिनिमम तो मिले यह हमें करने की जरूरत है। यूनिवर्सल हेल्थकेयर हमारा सपना है। 'चिरंजीवी' योजना में केवल आईपीडी (इनडोर पेशेंट) में 31 लाख लाभार्थी हो चुके हैं।

लोकसभा-राज्यसभा में बीजेपी का एक मुस्लिम सांसद नहीं,किस डेमोक्रेसी की बात करते हो

सीएम गहलोत ने कहा- नेता प्रतिपक्ष का पूरा भाषण भावनाओं पर टिका था और झूठ का पुलिंदा था। नेता प्रतिपक्ष का यह कहना कि केंद्र सरकार सबको साथ लेकर चल रही है, इससे बड़ा झूठ हो नहीं सकता। हमारा तो मुद्दा ही यही है। आज देश में किस तरह का माहौल है। लोकसभा-राज्यसभा में बीजेपी से एक भी सांसद मुस्लिम नहीं है, आप किस डेमाक्रेसी की बात करते हो। बीजेपी ने एक मुस्लिम को टिकट नहीं दिया। इतना बड़ी कम्युनिटी है, उसे आप इस तरह का बर्ताव करते हैं।

गहलोत ने कहा- उपचुनाव में कांग्रेस लगातार जीत रही है। एक जगह बीजेपी तीसरे नंबर पर आई है, यह मत भूलिए। जनता माई बाप होती है।

कटारिया बोले- पेपरलीक में चोर की मां को पकड़े बिना बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं रुकेगा
विधानसभा में एक बार फिर पेपर लीक के मुद्दे पर बीजेपी ने सरकार को घेरा है। राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि पेपर लीक बहुत गंभीर मामला है। पहले रीट परीक्षा का पेपर जयपुर में शिक्षा संकुल से बाहर कैसे आ गया? प्राइवेट लोगों को किसने लगाया? डबल लॉक की चाबी से पेपर निकल जाए तो राजस्थान का बच्चा किसको दोष देगा?

कटारिया ने कहा- सीनियर टीचर भर्ती का पेपर लीक हुआ। यह पेपरलीक लीक नहीं हुआ, यह बहुत बड़ा स्कैंडल है। यह तो बच्चों ने ही सूचना दे दी और उदयपुर एसपी ने कार्रवाई कर दी। रात आठ बजे नकल करने के लिए गाड़ी में बैठाया और दो बजे पेपर दिया। एसपी ने पीछा करके सभी साधनों सहित पकड़ लिया।

उदयपुर एसपी को सूचना नहीं मिलती तो कितनी गाड़ियों में पेपर सॉल्व करवाए जा रहे थे? अब पेपर लीक हो गया और कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति से कुछ होने वाला नहीं है। आखिर पेपर निकला होगा तो एक जगह से निकला होगा। जब तक चोर की मां को नहीं मारोगे, तब तक पेपरलीक से बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं रुकेगा।

भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी क्यों नहीं दे रही सरकार
एसीबी ने जिस तरह के कड़े केस दर्ज किए उससे देश में राजस्थान का मान बढ़ा है, लेकिन सरकार ने मुकदमा चलाने की मंजूरी नहीं देकर सब बेड़ागर्क कर दिया। आईएएस, आईपीएस और बड़े अफसरों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में साल 2017 से अभियोजन स्वीकृति के मामले पेंडिंग पड़े हैं।