शहर के महिला थाने में दो नाबालिग लड़कियों के साथ गैंगरेप के मामले पुलिस का लापरवाही सामने आई है। 18 से 21 सितंबर तक आरोपी युवक दोनों नाबालिग लड़कियों को कोटा, जयपुर और अजमेर तक ले गए। जहां दोनों के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया। आरोपियों ने नाबालिग लड़कियों को पुलिस के सामने कुछ बोलने पर जान से मारने की धमकी भी दी। इस दौरान लड़कों के पकड़े जाने के बावजूद उन्हें छोड़ दिया गया। वहीं, लड़कियों को सखी केंद्र भेजा गया।
नाबालिग लड़कियों का कहना की बारां के दो लड़के हमें 18 सितंबर को देर रात बहला-फुसला कर ले गए थे। इसके बाद कोटा, जयपुर और अजमेर में रेलवे स्टेशन के पास सुनसान जगहों पर दोनों लड़कों ओर उनके अन्य साथियों ने तीन दिन गलत काम किया। वही, कुछ नशीला पदार्थ भी खिलाकर गलत काम किया। जिसके बाद धमकी दी की घरवालों और पुलिस को कुछ भी बताया तो मां-बाप और तुम्हे मार देगें। इसके बाद दोनों आरोपी लड़कियों को कोटा लेकर आ गए। इस दौरान 21 सितंबर को पुलिस ने नाबालिग लड़कियों को और लड़कों को पकड़कर थाने लाई।
पुलिस ने किया आरोपों का खंडन
पुलिस हेडक्वार्टर ने बयान जारी करके बारां में 2 नाबालिग बालिकाओं के साथ दुष्कर्म के आरोपों का खंडन किया है। पुलिस का दावा है कि दोनों बालिकाओं ने अपने 164 के बयानों में किया स्पष्ट कि उनके साथ रेप नहीं हुआ। दोनों बालिकाओं की मेडिकल जांच कराई गई, जिसमें रेप की पुष्टि नहीं हुई है।
सुबह घर से गायब मिली बेटियां तो शुरू की तलाश
घर से बच्चियों के गायब होने पर परिवार ने महिला थाना बारां में रिपोर्ट दर्ज करवाई। तीन दिन तक उन्हें ढूंढते रहे। जांच के दौरान बच्चियों की लोकेशन लगातार बदलती रही। इस दौरान मंडाना की तरफ लोकेशन ट्रैस होने पर परिवार पुलिस के साथ मौके पर गए। फिर 21 सितंबर को एक थाने से फोन आया ही बच्चियों और दो युवक को पकड़ लिया है।
परिवार का आरोप है कि पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। लड़के-लड़की दोनों को साथ लाए थे। जिसमें से लड़कों को तो छोड़ दिया। वहीं, लड़कियों को सखी केंद्र भेज दिया गया। दोनों बहनों की उम्र 13 से 15 साल बताई जा रही है।
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