पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
Install AppAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
राजस्थान के 21 जिलों में हुए जिला परिषद और पंचायत समिति के चुनावों के नतीजे आ गए हैं। 21 जिलों में 636 जिला परिषद सीटों में से 635 के नतीजे आ चुके हैं। 222 पंचायत समितियों के लिए 4371 सदस्यों का रिजल्ट आ चुका है। राज्य में कांग्रेस की सरकार होने और किसान आंदोलन के बावजूद भाजपा को दोनों ही चुनावों में बढ़त मिली है। जिला परिषद की 353 और पंचायत समिति की 1989 सीटों पर भाजपा की जीत हुई है। जिला प्रमुख और प्रधान का चुनाव 10 दिसंबर, उप जिला प्रमुख और उप प्रधान का चुनाव 11 दिसंबर को होगा।
जिला परिषद सदस्यों के अब तक के नतीजे
पार्टी | जीते |
कांग्रेस | 252 |
भाजपा | 353 |
CPIM | 2 |
RLP | 10 |
निर्दलीय | 18 |
पंचायत समिति सदस्यों के नतीजे
पार्टी | जीते |
कांग्रेस | 1852 |
भाजपा | 1989 |
BSP | 5 |
CPIM | 26 |
RLP | 60 |
निर्दलीय | 439 |
जेपी नड्डा का ट्वीट
राजस्थान में पंचायती राज और जिला परिषद चुनावों में प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र की जनता, किसानों व महिलाओं ने भाजपा में जो विश्वास प्रकट किया है, इसके लिए मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं। यह जीत गांव, गरीब, किसान और मजदूर के प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी में विश्वास का प्रतीक है।
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) December 9, 2020
डोटासरा, पायलट, रघु शर्मा, आंजना, चांदना के इलाकों में भी कांग्रेस की हार
पूर्व डिप्टी CM सचिन पायलट, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा, सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना और खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना के इलाकों में भी कांग्रेस हार गई।
कांग्रेस की हार की 3 बड़ी वजह
1. संगठन की गैर माैजूदगी : न तो प्रदेश और न ही जिला स्तर पर कांग्रेस का संगठन नजर आया।
2. विधायकों के भराेसे रहे : विधायकों को सिंबल दे दिए गए। पिछले दिनों जयपुर, कोटा और जोधपुर नगर निगम चुनावों में भी इसका खामियाजा उठाना पड़ा था।
3. टिकट बंटवारे में परिवारवाद के आरोप : विधायकों ने ज्यादातर टिकट रिश्तेदारों को बांटे, इससे नाराजगी बढ़ी। टिकट बेचने के आरोप भी लगे।
इस हार के 3 बड़े सियासी मायने
1. अगले साल उपचुनाव : अगले साल विधानसभा उपचुनाव होने हैं, ऐसे में पंचायत चुनावों की हार मनोबल गिरा सकती है।
2. पार्टी में असंतोष: हार का ठीकरा फोड़ने को लेकर पार्टी में असंतोष का खतरा बढ़ गया है।
3. राजनीतिक नियुक्तियों पर असर : आने वाले दिनों में पार्टी में संगठन और राजनीतिक नियुक्तियां होनी हैं, ऐसे में जिन मंत्रियों और विधायकों के क्षेत्र में कांग्रेस हारी है, उन्हें इसका खामियाजा उठाना पड़ सकता है।
कई बड़े नेता अपने रिश्तेदारों की सीट भी नहीं बचा पाए
इन 21 जिलों में हुए चुनाव
अजमेर, बांसवाड़ा, बाड़मेर, भीलवाड़ा, बीकानेर, बूंदी, चित्तौडगढ, चूरू, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, नागौर, पाली, प्रतापगढ़, राजसमंद, सीकर, टोंक और उदयपुर।
4 फेज में हुई थी वोटिंग
पहला फेज : 23 नवंबर, दूसरा : 29 नवंबर, तीसरा: 1 दिसंबर, चौथा: 5 दिसंबर
पॉजिटिव- इस समय ग्रह स्थितियां पूर्णतः अनुकूल है। सम्मानजनक स्थितियां बनेंगी। विद्यार्थियों को कैरियर संबंधी किसी समस्या का समाधान मिलने से उत्साह में वृद्धि होगी। आप अपनी किसी कमजोरी पर भी विजय हासिल...
Copyright © 2020-21 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.