अवकाश के बाद 30 जनवरी को जैसे ही विधानसभा फिर से शुरू होगी, भाजपा एक बार फिर पेपर लीक मामले को लेकर हंगामा करेगी। भाजपा इस बार पेपर लीक प्रकरण में सरकार की ओर से गठित की गई दो कमेटियों की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं करने का मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगेगी।
असल में पेपर लीक और नकल रोकने को लेकर सरकार ने जो दो कमेटियां गठित की थी, उनकी रिपोर्ट्स अब तक सार्वजनिक नहीं की गई है। युवाओं से जुड़े इस मुद्दे को भाजपा ठंडा नहीं होने देना चाहती। भाजपा सदन के बाहर भी इस मामले को लेकर माहौल बनाने में जुटी है। भाजपा ने इस मुद्दे पर कांग्रेस के अंदर चल रहे विरोध को भी भुनाएगी।
हाल ही पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने भी अपनी रैलियों में पेपरलीक मामले को लेकर सरकार को घेरा है। उन्होंने परीक्षाओं को ठीक ढंग से नहीं करवाने के लिए सरकारी एजेंसियों पर सवालिया निशान लगाए हैं। सत्ता पक्ष में इस मुद्दे पर अंतर्विरोध को विधानसभा में हवा देकर राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश करेगी।
विधानसभा में प्रतिपक्ष के उप नेता राजेन्द्र राठौड़ ने भास्कर को बताया कि पेपरलीक मामले में सरकार की ओर से गठित दो कमेटियों में से किसी भी कमेटी की रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है। इनमें से एक व्यास कमेटी ने रिपोर्ट दे दी लेकिन कुमावत कमेटी ने रिपोर्ट अब तक नहीं दी है। अब तक जब कमेटियों की रिपोर्ट्स का ही अता-पता नहीं तो सरकार को बताना चाहिए कि उनकी कौन-कौन सी सिफारिशें आईं और उन पर सरकार ने अब तक क्या-क्या कदम उठाए। क्या कार्रवाई अब तक प्रतियोगी परीक्षाओं को सुरक्षित बनाने के लिए की गई।
राठौड़ ने कहा-हम इस मुद्दे पर सरकार का पीछा छोड़ने वाले नहीं है। पूरे प्रदेश में धरने-प्रदर्शन किए जाएंगे। सभी सवालों का सरकार को जवाब देना चाहिए। एक महीने बाद शिक्षक भर्ती परीक्षा होनी है। लाखों युवा उज्जवल भविष्य के सपने पाले हुए हैं। इस सरकार को उन्हें भरोसा देना ही होगा कि पेपर लीक ना हो। सदन और सड़क दोनों जगहों पर भाजपा सरकार के खिलाफ और युवाओं के साथ रहेगी।
किरोड़ी धरना जारी रखेंगे, प्रदेश भर में होंगे धरने-प्रदर्शन
भाजपा के राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा पेपर लीक मामले में शुरू से ही प्रदेश सरकार पर हमलावर रहे हैं। वे धरने पर बैठे हुए हैं। उनसे गृह राज्य मंत्री राजेन्द्र यादव की बातचीत हो चुकी है, लेकिन उनका धरना जारी है। अब पार्टी इस धरने को राजधानी से लेकर दूर-दराज के कस्बों और जिला मुख्यालयों तक लेकर जाएगी।
लगातार इस मुद्दे को गर्म रखकर चुनाव में भुनाएगी भाजपा
विधानसभा चुनाव इस वर्ष के अंत में होने हैं। पेपर लीक ऐसा मामला है, जिसमें कांग्रेस सरकार फेस सेविंग के मोड में है। सरकारी नौकरियों की भर्तियां सरकार सुरक्षित ढंग से नहीं करवा पाई है। पिछले चार सालों में 10 बड़ी परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं। ऐसे में सरकार बैकफुट पर है। ऐसे में भाजपा की रणनीति है कि इस मुद्दे को लगातार हवा दी जाए ताकि चुनाव में युवाओं को अपने पक्ष में किया जा सके।
विधायकों के इस्तीफों का प्रकरण कोर्ट में होने से भाजपा ने बदली रणनीति
बजट सत्र में कांग्रेस के 91 विधायकों के इस्तीफों से बनी राजनीतिक असमंजस की स्थिति को लेकर भाजपा सदन में कांग्रेस सरकार को घेरना चाहती थी, लेकिन इस प्रकरण के न्यायालय में विचाराधीन होने और निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा द्वारा विधायकों के विशेषाधिकार का मामला उठाने से भाजपा ने अपनी पूरी रणनीति पेपरलीक मामले पर शिफ्ट कर ली है।
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