एक सड़क हादसे में भाई ने अपनी बहन को खो दिया था। इसके बाद कसम खाई कि वे अब किसी के लिए भी ब्लड की कमी नहीं आने देंगे। क्योंकि उनकी बहन के मौत की एक वजह ये भी थी। इसके बाद ठानी कि खून की कमी से किसी की भी मौत नहीं होने देंगे। इसी के चलते एक भाई पिछले 10 साल से ब्लड डोनेशन कैंप करवा रहा है। इस बार बहन के 30वें जन्म जंयती पर 11 हजार ब्लड डोनेशन का संकल्प लिया है।
ब्लड डोनेशन की ये है कहानी
उनकी बहन सुमित्रा जो कि वर्ष 2012 में गांव खारी भवाद से दुपहिया वाहन पर सवार होकर अपने ननिहाल जोधपुर की ओर आ रही थी। रास्ते में एक दुर्घटना में बरी तरह घायल हो गई। एमजीएच अस्पताल ले जाने पर रक्त की जरूरत पड़ी, लेकिन बेटी के लिए परिवार के कई सदस्य हाेने के बावजूद रक्त नहीं जुटा पाए और बहन की मृत्यु हो गई। इस हादसे के बाद से जयवीर ने रक्त के लिए अनूठी मुहिम शुरू की। पिछले 10 साल से वे पूरे साल रक्तदान शिविर लगाते हैं। साल में एक दिन 25 दिसम्बर को अपनी बहन की जन्म जयंती पर यह रक्तदान शिविर के जरिये श्रद्धांजलि देते हैं।
अब तक दो लाख से ज्यादा रक्तदान करवाए
जयवीर ने अपनी बहन की याद में सुमित्रा सेवा संस्थान शुरू की। पिछले 10 साल से यह रक्तदान के क्षेत्र में सक्रिय है। अब तक 2600 से ज्यादा शिविर में यह दो लाख 62 हजार यूनिट रक्त एकत्रित करवा चुके हैं। इस बार भी 25 दिसम्बर को शहर के भदवासिया क्षेत्र में 80 फीट रोड पर वृहद स्तर का शिविर लगाने जा रहे हैं। इस शिविर में रक्तदान के लिए अब तक 10 हजार से ज्यादा लोगों ने पंजीयन करवा लिया है। इनका लक्ष्य एक ही दिन में 11 हजार से ज्यादा यूनिट एकत्रित करना है। यदि ऐसा होता है तो यह एक रिकॉर्ड भी हो सकता है।
2 हजार से ज्यादा लोगों की टीम
सुमित्रा सेवा संस्थान के साथ 2 हजार से ज्यादा लोगों की टीम जुटी हुई है। जो कि दिनरात मेहनत कर रही है। शहर ही नहीं गांव से भी लोगों को प्रेरित कर शिविर में लाने का टारगेट है। इसके अलावा ऑनलाइन पंजीयन भी करवाए जा रहे हैं। 25 तारीख को होने वाले शिविर स्थल में एक साथ 600 से ज्यादा लोग रक्तदान कर सकेंगे।
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