राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कोरोना और वैक्सीनेशन को लेकर अफसरों और मेडिकल एक्सपर्ट के साथ ओपन वीसी की। करीब 2 घंटे चली बैठक में बच्चों का वैक्सीनेशन का मामला छाया रहा। सीएम ने कहा- भारत सरकार को सभी बच्चों के लिए वैक्सीनेशन शुरू करना चाहिए। इसमें केवल 15 से 18 साल के बच्चों से काम नहीं चलेगा। हमें सभी बच्चों को टीका लगाना चाहिए। 60 साल से ऊपर के लोगों को बूस्टर डोज के लिए को-मॉर्बिट (पहले से ही गंभीर रोगों से घिरे हुए लोग) का राइडर हटाना चाहिए। सभी आयु के मॉर्बिट को बूस्टर डोज लगना चाहिए।
सीएम ने कहा कि कई राज्यों में हॉस्टल, काचिंग, स्कूल-कॉलेज बंद हो गए हैं। अभी एक्सपर्ट ने कहा कि यह कोई तोड़ नहीं हैं। स्वाइन फ्लू के समय भी स्कूलों की छुट्टियों की बात चली थी। स्कूल बंद करते ही बच्चे घूमने लगे तो और ज्यादा मुसीबत हो जाएगी। हम स्कूल-कॉलेज पर सोच-समझकर फैसले करेंगे। कई बार लोगों में मैसेज के लिए फैसले करने पड़ते हैं कि हालत कितनी गंभीर है।
गहलोत ने कहा- भारत सरकार स्वीकार करे कि एक साथ इतने बड़े देश में एक साथ इंतजाम नहीं हो सकता, लेकिन जनता को आश्ववस्त करें कि धीरे-धीरे सबको वैक्सीन लगा दी जाएगी। दुनिया के 40 देशों में 2 साल तक के बच्चों को वैक्सीन लग चुकी है। हम हमारे बच्चों को कैसे वंचित रख सकते हैं।
चौथी लहर आ गई तो क्या कर लोगों आप?
सीएम ने कहा कि बच्चों के वैक्सीनेशन की मांग आज नहीं तो कल भारत सरकार को और प्रधानमंत्री को माननी पड़ेगी। अभी प्रधानमंत्री को सही राय नहीं मिल रही है। इतने बड़े मुल्क की आबादी में बच्चों की संख्या करोड़ों में है। हम अगर बच्चों के लिए वैक्सीन की व्यवस्था नहीं करेंगे तो पछताएंगे। चौथी लहर आ गई तो क्या कर लेंगे आप? दुनिया के देशों से अजीब खबरें आ रही हैं। कई देशों में नए वैरिएंट पैदा हो गए हैं।
वैक्सीनेशन से छूटे हुए वर्गों पर फोकस करें
सीएम ने अफसरों से कहा कि घुमंतू जातियों, कच्ची बस्तियों पर फोकस करें। ऐसे लोगों को देखें, जो इस बीमारी की गंभीरता को नहीं समझ रहे हैं। वैक्सीनेशन से छूटे हुए वर्गों पर फोकस करें। हमें हर हाल में वैक्सीनेशन पूरा करना है, तभी राजस्थान सेफ होगा।
31 जनवरी बाद नो वैक्सीन, नो एंट्री
सीएम ने कहा- ओमिक्रॉन खत्म होने के बाद कौन सी बीमारी आएगी, यह अभी किसी को नहीं पता। जिस तरह पोस्ट कोविड बीमारियों के नतीजे आ रहे हैं, वह सबके सामने है। ओमिक्रॉन में अभी मौतें नहीं हो रही हैं। इसलिए लोग परवाह नहीं कर रहे हैं। इस लापरवाही का नतीजा हमें बाद मेंं भुगतना पड़ेगा। हम आम जनता को समझाएं कि वह लापरवाही नहीं करें। वैक्सीन लगाएं। प्रोटोकॉल का पालन करें। 31 जनवरी के बाद नो वैक्सीन, नो एंट्री लागू करेंगे। 31 जनवरी तक वैक्सीन की दोनों डोज लगा लो, वरना हम सख्ती करेंगे। तब जाकर हम लोगों को बचा पाएंगें।
PM को लिखेंगे चिट्ठी
गहलोत ने कहा कि हम जल्द प्रधानमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को चिट्ठी लिख रहे हैं कि बच्चों को वैक्सीन लगे। सभी आयु के मॉर्बिट को वैक्सीन लगे। पीएम को लिखने से पहले चर्चा के लिए ही यह वीसी की जा रही है। सीएम ने कहा- कोविड प्रोटोकॉल के अलावा वैक्सीन ही बचा सकती है। यह रिसर्च में सिद्ध हो चुका है। पूरे देश-प्रदेश का ध्यान वैक्साीनेशन पर जाना चाहिए। पीएम और स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखूंगा। इससे पहले अफसरों और मेडिकल एक्सपर्ट की राय लेनी थी। हम चाहेंगे कि हम वैक्सीनेशन में पहल करें।
तीसरी लहर के बारे में कहा जा रहा था कि वह बच्चों के लिए घातक होगी। अभी उस लहर का असर नहीं हुआ। एक्सपर्ट कह रहे हैं कि वैक्सीन की वजह से बच गए। हम भारत सरकार पर दबाव बनाएंगे कि 60 साल से ऊपर वालों के लिए को-मॉर्बिट का राइडर हटे और सबको वैक्सीन लगे।
मैं खुद भुगतभोगी हूं, पोस्ट कोविड बीमारी का खतरा
सीएम ने बताया कि मेरे हार्ट में स्टंट लगा है। वह इसलिए क्योंकि पोस्ट कोविड इफेक्ट था। जितनी बीमारियां आ रही हैं, वह पोस्ट कोविड की वजह से। ओमिक्रॉन का पोस्ट कोविड असर क्या होगा, इसके बारे में किसी को नहीं पता। पोस्ट कोविड बीमारियों का मैं भुगतभोगी हूं। प्रदेशवासियों की दुआओं से मैं बच गया। देश भर के कई प्रसिद्ध डॉक्टरों ने मुझे बताया कि एसएमएस के डॉक्टरों ने बहुत फुर्ती से काम किया। उसी की बदौलत मैं जिंदा हूं। इसीलिए मैंने तय किया कि वीसी करके वैक्सीन के बारे में बताएं।
बचेंगे तो राजनीति करेंगे
गहलोत ने कहा- प्रदेशवासियों ने कोरोना की पहली और दूसरी लहर में भी भरपूर साथ दिया। अभी तक हमने सामूहिक प्रयासों से विजय प्राप्त की है। कोविड में कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता भी मिलकर काम करें। जनता और हम बचेंगे तो ही राजनीति करेंगे। लोगों को बचाने में काहे की राजनीति।
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