पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने ओबीसी आरक्षरण से जुड़ी विसंगति को दूर करने का एजेंडा कैबिनेट में मंजूर नहीं करने पर सीएम अशोक गहलोत पर निशाना साधा है। हरीश चौधरी ने कहा- ओबीसी आरक्षण की विसंगति दूर करने का एजेंडा डेफर होना बहुत दुर्भाग्यूपर्ण है। आज तक मेरे समझ नहीं आया कि मुख्यमंत्री ने इसे डेफर क्यों किया? यह एजेंडा डेफर होने के लिए केवल सीएम जिम्मेदार हैं। मैंने मुख्यमंत्री से सवाल किया है, इसमें नौकरशाही का कोई रोल नहीं है। हरीश चौधरी जयपुर में मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
हरीश चौधरी ने कहा- आठ तारीख को मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश में थे। मेरी आधी रात को उनसे मुलाकात हुई थी। मुख्यमंत्री ने मुझे जल्द कैबिनेट की बैठक बुलाकर ओबीसी आरक्षण की विसंगति का समाधन निकालने का आश्वासन दिया था। मुख्यमंत्री ने पहले इस मुद्दे प्रशासहनिक मंजूरी दी थी। सीएम की यह नैतिक जिम्मेदाररी बनती थी कि इस मुद्दे को कैबिनेट से मंजूर करवाते। हिमाचल में मुझसे बात होने के अगले दिन मुख्यमंत्री ने कैबिनेट की बैठक बुलाई लेकिन जिस एजेंडे के लिए बैठक बुलाई, उसे डेफर कर दिया गया। जिस बात के लिए कैबिनेट रखी गई उसी एजेंडे को डेफर कर दिया।
सीएम ने डेफर क्यों किया समझ से परे
हरीश चौधरी ने कहा- ओबीसी आरक्षण का एजेंडा डेफर होने पर मैं बहुत दुखी था और मैंने ट्वीट करके मेरी भावनाएं रखी। अभी तक समझ नहीं आ रहा कि सीएम ने इसे डेफर क्यों किया? एजेंडा डेफर करने का अधिकार या तो कैबिनेट का है या सीएम को है। कोई मंत्री अगर असहमत है तो वह ज्यादा से ज्यादा डिसेंट नोट लगा सकता है। मुख्यमंत्री की सैद्धांतिक स्वीकृति के बाद लीगल, RPSC व कार्मिक विभाग से स्वीकृति के बावजूद कैबिनेट बैठक में नियम डेफ़र होना दुर्भाग्यपूर्ण है। केंद्र, उत्तराखंड, पंजाब, मध्यप्रदेश सहित कई राज्यों में इसके लिए इसी तर्ज़ पर नियम बने हुए हैं।
हर मंत्री के पास जाकर मुद्दा समझाएंगे
हरीश चौधरी ने कहा- 17 अप्रैल 2018 में पूर्ववर्ती सरकार ने पूर्व सैनिकों के सम्बंध में एक अधिसूचना जारी कर उपनियम जोड़ा जिससे सभी वर्गों का आरक्षण प्रभावित हुआ है। नए नियम से भूतपूर्व सैनिकों का एक भी पद कम नहीं होगा। दुर्भाग्य है कि आज हमें ओबीसी विसंगति को लेकर नीति निर्धारकों को वापस नियम बताने पड़ रहे है। हमारी मांग को किसी भी स्तर पर कभी भी गैर वाजिब नही कहा गया। हमारा किसी से कोई विवाद नही है, मैं संघर्ष समिति के साथ सभी पूर्व पीसीसी के अध्यक्ष, कैबिनेट मंत्रियों सहित सभी वरिष्ठ नेताओं से व्यक्तिगत मांग करूंगा कि वे आगे आकर युवाओं को न्याय दिलाने में मदद करें।
मुझे कितना ही नुकसान उठाना पड़े, ओबीसी के साथियों की आवाज उठाउंगा
हरीश चौधरी ने कहा- मैं ओबीसी के साथियों के साथ हूं, चाहे मुझे कितना ही नुकसान क्यों न हो। पूर्व सैनिकों को महिला आरक्षण की तर्ज पर होरिजेंटल रिजर्वेशन हो। हमारा किसी के साथ संघर्ष नही है, इसमें असफल रहे तो आंदोलन को लोगों के बीच सड़कों पर लेकर जाएंगे। जायज मांग से पीछे नही हटेंगे। विसंगति से हजारों छात्रों के साथ खिलवाड़ हो रहा है। 1989 से राजनीति में हूं, ये मुद्दा क्रेडिट का नही है। क्रेडिट कोई भी ले, डिस्क्रेडिट मुझे दे दें।
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