गुटबाजी की सियासत में पायलट-चौधरी में नजदीकियां बढ़ीं:गहलोत विरोधी एक और नेता सचिन के साथ, बन रहे नए समीकरण

जयपुर4 महीने पहले
  • कॉपी लिंक

कांग्रेस में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट खेमों के बीच जारी तनातनी के बीच अब नए समीकरण बन रहे हैं। खेमेबंदी की इस सियासत में अब सचिन पायलट और हरीश चौधरी की नजदीकियां बढ़ रही हैं।

दोनों के बीच 25 जनवरी को सियासी मुद्दों पर लंबी चर्चा हो चुकी है। पायलट के बंगले पर हुई इस मुलाकात को गहलोत विरोधी नेताओं के बीच नए सियासी गठबंधन से जोड़कर देखा जा रहा है। पायलट और हरीश चौधरी के बीच पश्चिमी राजस्थान में सभाओं के कार्यक्रम को लेकर भी बात हुई है।

हरीश चौधरी पहले सीएम के साथ थे, लेकिन कुछ मुद्दों पर पिछले कई महीनों से उनके रिश्तों में तल्खी आ चुकी है। हरीश ओबीसी आरक्षण सहित कई मामलों में खुलकर गहलोत के खिलाफ बयानबाजी कर चुके हैं। अब नाराजगी का स्तर काफी बढ़ चुका है। गहलोत से नाराजगी बढ़ने के साथ ही हरीश पायलट के नजदीक आए हैं। पिछले महीने भर में दोनों नेताओं के बीच कई बार लंबी चर्चाएं हो चुकी हैं।

चौधरी ने पायलट से इन मुलाकातों को केवल शिष्टाचार मुलाकात बताया है, लेकिन दोनों नेताओं के नजदीकी इसे नए सियासी गठबंधन से जोड़कर देख रहे हैं। सचिन जल्द बाड़मेर-जैसलमेर और जोधपुर जिलों में किसान सम्मेलन करने की तैयारी कर रहे हैं। इन किसान सम्मेलनों में पायलट काे हरीश खेमे का साथ मिलना तय माना जा रहा है।

28 दिसंबर को जयपुर में हुए कांग्रेस अधिवेशन का फोटो। यहां सचिन पायलट और हरीश चौधरी बात करते हुए दिखे।
28 दिसंबर को जयपुर में हुए कांग्रेस अधिवेशन का फोटो। यहां सचिन पायलट और हरीश चौधरी बात करते हुए दिखे।

पहले पायलट समर्थक मंत्री हेमाराम से रिश्ते सुधारे
हरीश चौधरी जब गहलोत सरकार में राजस्व मंत्री बने थे, तब सचिन पायलट समर्थक हेमाराम चौधरी नाराज हो गए थे। हरीश चौधरी ने नवंबर 2021 में मंत्री पद से इस्तीफा दिया।

उसके बाद हेमाराम चौधरी को मंत्री बनाया गया। मंत्री पद छोड़ने के बाद हरीश और हेमाराम के रिश्तों में सुधार हुआ। अब दोनों नेता बाड़मेर जिले में कई कार्यक्रमों में साथ जा रहे हैं।

​नवंबर के अंत में भारत जोड़ो यात्रा की बॉर्डर पर निकाली गई रैली में हरीश चौधरी और हेमाराम चौधरी एक मोटरसाइकिल पर बैठे थे। हेमाराम से रिश्ते सुधरने के बाद पायलट से भी सियासी बातचीत बढ़ी है।

पायलट के साथ आने के मायने
चौधरी सियासी संकट के समय गहलोत के साथ थे। हरीश चौधरी का गहलोत से नाराज होकर पायलट के साथ जाने की शुरुआत के बीज काफी पहले पड़ गए थे। सियासी रूप से दोनों नेता अब गहलोत के विरोधी हैं। ऐसे में दो विरोधियों का साथ आना फिलहाल दोनों को ही फायदेमंद दिख रहा है। कांग्रेस की केंद्रीय राजनीति में हरीश चौधरी की भी पकड़ है। पायलट भी दिल्ली की राजनीति में दखल रखते हैंं।

इस नए गठबंधन का असर अब चुनावी साल में कांग्रेस की अंदरूनी सियासत पर दिखेगा। चुनावी साल में टिकट बांटने से लेकर पार्टी के अहम मुद्दों पर दो गहलोत विरोधी नेता एक दूसरे का साथ दे सकते हैं।

एकजुट कर अपने पक्ष में करने की रणनीति
चुनावी साल में सचिन पायलट अपने समर्थक नेताओं की संख्या बढ़ाने की कोशिश में लग गए हैं। गहलोत विरोधी नेताओं पर खास निगाह है। हरीश और सचिन की सियासी नजदीकियों के पीछे भी एंटी गहलोत फैक्टर ही सबसे बड़ा कारण है। गहलोत से नाराज चल रहे नेताओं से पायलट लगातार संपर्क बढ़ा रहे हैं।

फोटो 2017 की है। जब कांग्रेस विपक्ष में थी। इस दौरान सचिन पायलट और हरीश चौधरी बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने पहुंचे थे।
फोटो 2017 की है। जब कांग्रेस विपक्ष में थी। इस दौरान सचिन पायलट और हरीश चौधरी बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने पहुंचे थे।

किसान सम्मेलनों पर निगाह​
बाड़मेर, जैसलमेर और जोधपुर जिलों में सचिन पायलट के किसान सम्मेलनों की रुपरेखा बन चुकी है। किसान सम्मेलनों पर सचिन पायलट ने हरीश चौधरी से चर्चा की है। बाड़मेर-जैसलमेर में होने वाले किसान सम्मेलनों में हरीश चौधरी सचिन पायलट की मदद करेंगे, यह तय माना जा रहा है।

हरीश का साथ मिलने से पर्सेप्शन के मोर्चे पर भी पायलट को सहयोग मिलेगा। इन नए समीकरणों से अब कांग्रेस की अंदरूनी सियासत गर्माहट आना तय माना जा रहा है।

ओबीसी मुद्दे पर धोखा देने का आरोप लगाया था
ओबसी आरक्षण की विसंगति के मुद्दे पर हरीश चौधरी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर धोखा दने का आरोप लगाया था। उन्होंने 25 सितंबर को गहलोत गुट के विधायकों के विधायक दल की बैठक करने और इस्तीफा देने पर भी हरीश चौधरी ने सवाल उठाए थे।

गहलोत के पायलट को गद्दार बताने वाले बयान पर भी कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए नसीहत दी थी। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक फिलहाल दोनों नेताओं का आपसी सहयोग दो विरोधियों के गठबंधन के तौर पर देखा जा रहा है।

इससे बाड़मेर जैसलमेर की राजनीति पर असर होने के साथ गहलोत-पायलट खेमों में टकराव और बढ़ने की संभावना है।

2017 में दोनों एक ही ट्रैक्टर पर सवार होकर बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने पहुंचे थे।
2017 में दोनों एक ही ट्रैक्टर पर सवार होकर बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने पहुंचे थे।

पेपरलीक पर पायलट ने बाहर तो हरीश ने सदन में सवाल उठाए
सचिन पायलट ने पिछले सप्ताह पांच दिन लगातार फील्ड में सभाएं करके पेपरलीक के मुद्दे पर सरकार को घेरा।

हरीश चौधरी ने पेपर लीक पर हुई बहस के दौरान सरकार को खरी खरी सुनाई थी। चौधरी ने आरपीएएससी और कर्मचारी चयन बोर्ड में अच्छे एकेडमि​सीयन को ही अध्यक्ष बनाने का सुझाव देते हुए एग्जाम सिस्टम पर सवाल उठाए थे।

ये भी पढ़ें...

पेपरलीक मामले में दोनों कमेटियों की रिपोर्ट सामने नहीं आई:सरकार को विधानसभा में भाजपा फिर घेरेगी, प्रदेश भर में धरना-प्रदर्शन करेगी

अवकाश के बाद 30 जनवरी को जैसे ही विधानसभा फिर से शुरू होगी, भाजपा एक बार फिर पेपर लीक मामले को लेकर हंगामा करेगी। भाजपा इस बार पेपर लीक प्रकरण में सरकार की ओर से गठित की गई दो कमेटियों की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं करने का मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगेगी। (पूरी खबर पढ़ें)

खबरें और भी हैं...