फोन टैपिंग केस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा से आज दिल्ली क्राइम ब्रांच ने तीन घंटे तक पूछताछ की है। दिल्ली क्राइम ब्रांच के रोहिणी ऑफिस में लोकेश शर्मा से पहली बाार पूछताछ हुई। क्राइम ब्रांच ने सीएम के ओएसडी से ऑडियो के सोर्स से लेकर फोन टैपिंग मामले से जुड़े 25 साल पूछे। मुख्य फोकस विधायक खरीद फरोख्त से जुड़े ऑडियो के सोर्स से जुड़ा था। हाईकोर्ट ने 13 जनवरी तक लोकेश शर्मा की गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी है।
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की शिकायत पर इसी साल 25 मार्च को सीएम के OSD लोकेश शर्मा और पुलिस अफसरों के खिलाफ फोन टैपिंग, ऑडियो वायरल करके छवि खराब करने के मामले में केस दर्ज किया था। लोकेश शर्मा ने इस FIR को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी हुई है। हाईकोर्ट में अब तक तीन बार सुनवाई हो चुकी है, लोकेश शर्मा को 13 जनवरी तक हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर राहत मिली है।
धारीवाल के बयान को आधार बनाकर सीएम के ओएसडी के खिलाफ मामला
सचिन पायलट कैंप की जुलाई 2020 में हुई बगावत के समय से फोन टैपिंग विवाद चल रहा है, लेकिन इस साल मार्च में विधानसभा के एक सवाल के जवाब के बाद इसने तूल पकड़ा। विधानसभा में इस मुद्दे पर भारी हंगामा हुआ। विधानासभा में फोन टैपिंग मुद्दे पर ससंदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने माना था कि विधायकों की खरीद फरोख्त की बातचीत से जुड़े ऑडियो सीएम के ओएसडी के पास कहीं से आए, उसने आगे भेज दिए। वह आगे क्यों नहीं भेजेगा? धारीवाल ने विधिक प्रक्रिया अपनाकर कुछ लोगों के फोन टैप करने का बयान दिया था। धारीवाल के इस बयान के आधार पर ही केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एफआईआर दर्ज करवाई थी।
पायलट कैंप की बगावत के समय सीएम खेमे की तरफ से जारी ऑडियो में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत और कांग्रेस विधायक भवंरलाल शर्मा,मंत्री विश्वेंद्र सिंह की आवाज होने का दावा किया गया था। बीेजेपी ने इसी दवे पर फोन टैप के आरोप लगाए।
ऑडियो कहां से आए, सोर्स के बारे में पूछताछ
मुख्यमंत्री के ओएसडी से क्राइम ब्रांच ने विधायक खरीद फरोख्त मामले से जुड़े ऑडियो के बारे में पूछताछ की। ऑडियो कहां से आया। वायरल ऑडियो का सोर्स फोन टैपिंग है या इसमें शामिल किसी व्यक्ति ने फोन रिकॉर्ड किया है, उस पर सवाल पूछे गए। ऑडियो टेप किसके कहने पर आग भेजे और मीडिया को किसके कहने पर भेजे गए। पूरे मामले में सरकार की क्या भूमिका थी।
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