पैरों में परेशानी थी तो हाथों से और हाथों से लाचार हुए तो पैरों से स्टेज पर अपनी प्रस्तुति से जमकर तालियां बटोरी। कहीं से भी ऐसा नहीं लगा कि कुदरत ने उन्हें अलग बनाया है, क्योंकि उनका जोश और जज्बा किसी भी आम इंसान की तरह ही था। ये ही कारण था कि देशभक्ति गीत हो या बॉलीवुड मसाला, सभी में उन्होंने बेहतरीन परफॉर्म करके मैसेज दिए। मौका था, भारतीय दिव्यांग संघ, मैत्रेय संस्थान व यशस्वी प्राकृतिक फार्म की ओर जवाहर कला केन्द्र में विश्व दिव्यांग दिवस के पूर्व आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम और सम्मान समारोह का।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उमा शंकर शर्मा के साथ अमित गुप्ता, पंकज लीला, आचार्य अनुपम जौली, किशोर कुमार टांक, ललित सिंह सचोरी, नरेंद्र कुमार जैन, सांवर मल जांगिड़ मौजूद थे। कार्यक्रम आयोजक गोविंद नारायण भार्गव ने बताया की प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य दिव्यांगजनों का मनोबल बढ़ाना था।
यशस्वी प्राकृतिक फार्म के अमित गुप्ता और पंकज लीला ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान अवॉर्डीज को गोबर से बने हुए स्मृति चिन्ह दिए गए। ये सबसे बड़ा और विशेष आकर्षण था। स्मृति चिन्ह एक विशेष प्रकार की पद्धति से बनाया गया था। इसमें गाय के गोबर का इस्तेमाल किया गया।
ये हुए सम्मानित
कार्यक्रम में दिव्यांग ज्योति और दिव्यांग गौरव सम्मान दिए गए। इसमें डॉ. आशीष राणा, दिनेश शर्मा, सांवर मल जांगिड़, अमित गुप्ता व पंकज लीला, रमित, अशोक जैन, दया जैन, देव अमित सिंह को दिव्यांग ज्योति सम्मान दिया गया। इसी प्रकार दिव्यांग गौरव सम्मान लीलाधर, महेश कुमार साहू, बृजेश, मोना अग्रवाल, ममता वर्मा, नेहा अरोडा, निर्मला कुमावत, साधना मलिक सिंह, मुकेश चौधरी और महेश कुमार शर्मा को दिया गया।
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