प्रदेश के शिक्षा राज्यमंत्री और पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा के महिला टीचर्स को लेकर एक चौंकाने वाले बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों में महिला स्टाफ ज्यादा संख्या में हो जाता हैं, वहां पर झगड़े भी ज्यादा ही होते हैं। ऐसे हालातों में सुधार होना चाहिए। मंत्री डोटासरा ने अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर जयपुर के ओटीएस में हुए सशक्त बालिका, सशक्त राजस्थान कार्यक्रम में मौजूद महिला टीचर्स को यह बात कह दी। जिससे एक बार तो पूरे सभागार में सन्नाटा पसर गया। हालांकि मंत्री ने विधानसभा चुनाव में महिला आरक्षण देने और महिलाओं को आगे बढ़ाने की बात भी कहकर माहौल को हल्का करने की कोशिश की।
चुनाव में महिला आरक्षण देने की पैरवी
समसा और राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने यह कार्यक्रम सोमवार को रखा था। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे डोटासरा ने विधानसभा चुनाव में भी महिलाओं को आरक्षण देने की पैरवी की। उन्होंने कहा कि पहले तो बेटी को कोख में ही मार दिया जाता था। लेकिन आज महिलाएं बहुत आगे निकल चुकी हैं। सरकार ने भी ऐसी नीतियां बनाई हैं कि महिलाओं को सरकारी नौकरियों,पोस्टििंगग और प्रमोशन में प्राथमिकता दी जाती है।
अवनी लेखरा और तुलसी मीणा को किया सम्मानित
शिक्षा राज्य मंत्री डोटासरा ने कहा कि आज बालिकाएं हर क्षेत्र में अव्वल हैं। उन्होंने ओलंपिक पदक विजेता अवनी लेखरा और अंतर्राष्ट्रीय पर्वतारोही तुलसी मीणा को सम्मानित किया। अपने सम्बोधन में डोटासरा ने कहा कि जहां एक समय पर भेदभाव के चलते समाज बेटी की शिक्षा की ज्यादा चिंता नहीं करता था, वहीं आज बेटियां हालातों से जूझकर सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ रही हैं और लगातार नया इतिहास बना रही हैं। हर क्षेत्र में बुरी सोच को तोड़ते हुए बालिकाओं ने अपने प्रतिभा का लोहा मनवाया है। राज्य सरकार गार्गी पुरस्कार, इंदिरा प्रियदर्शनी, आपकी बेटी योजना, केजीबीवी स्कूलों, अलग-अलग तरह के भत्तों, लैपटॉप, साइकिल वितरण जैसी सरकारी योजनाओं से लगातार गर्ल एजुकेशन को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री गहलोत ने बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए किसी भी क्षेत्र में 11वीं और 12वीं में 500 से ज्यादा लड़कियां होने पर कॉलेज खोलने की घोषणा की है। यह घोषणा गर्ल एजुकेशन को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित होगी।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.