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इन दिनों महंगाई बढ़ती जा रही है। बेलगाम होती पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की कीमतों के चलते ना केवल रसोई का बजट बिगड़ गया है बल्कि एक मध्यम वर्गीय परिवार की कमर टूटती जा रही है। अगर एक सामान्य परिवार की बात करें तो बढ़ती महंगाई से हर परिवार पर 10 हजार रुपए से अधिक का खर्चा बढ़ गया है।
स्कूल फीस भी जोड़ दी जाए तो अगले महीने एक परिवार को 10 हजार से लेकर 50 हजार रुपए तक अतिरिक्त भार पड़ेगा। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश के आधार पर अभिभावकों को 100 फीसदी फीस चुकानी है। एक साथ पड़े इस भार ने अभिभावकों की नींद उड़ा दी है। कोरोना के चलते लोगों के काम धंधे अभी पटरी पर नहीं आ पाए हैं।
आय में भी किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं हुई है बल्कि कई लोगों का तो रोजगार भी चला गया है। पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों के चलते ना केवल ऑफिस से घर आना जाना महंगा हुआ है बल्कि होटल-ढाबे में खाना खाना भी अब भारी पड़ने लगा है।
खाद्य पदार्थों के भावों में भी 14 फीसदी तक का उछाल आया है। इस बढ़ोतरी ने गृहणियों का अर्थशास्त्र बिगाड़ कर रख दिया है। यही नहीं बिना स्कूल गए बच्चों की फीस तो देनी ही पड़ी, दूसरा ऑन लाइन क्लास ने इंटरनेट खर्च भी बढ़ा दिया। यही नहीं घर व काम धंधे में सामंजस्य के चक्कर में मिले तनाव ने हैल्थ और बिगाड़ दी, जिससे दवा का खर्च भी बढ़ा है।
सुबह ब्रश करने से लेकर रात को सोने के समय मॉस्किटो रेपिलेंट जलाने तक सबकुछ महंगा हुआ
पिछले 11 माह में महंगाई ने आम आदमी को हैरान-परेशान कर रखा है। पहले कोरोना महामारी ने लोगों के काम धंधे छीने और फिर पेट्रोल-डीजल व एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में वृद्धि शुरू हो गई। गैस सिलेंडर ने घरेलू बजट बिगाड़ा तो बढ़ते डीजल ने बाहर से आने वाली और यहां से जाने वाली खाद्य सामग्री को 10 से 14 प्रतिशत महंगा कर दिया।
स्कूली फीस एक साथ दो-दो सत्रों की फीस का भार बढ़ा
अब 10,000 रुपए से लेकर 50,000 तक फीस अतिरिक्त जमा करानी होगी
सरकार ने 70 फीसदी फीस जमा कराने का आदेश जारी किया है।मामला कोर्ट में होने के कारण या तो अधिकांश अभिभावकों ने फीस ही जमा नहीं कराई थी। अगर कुछ ने करा भी दी थी तो अब पूरी फीस का अतिरिक्त भार पड़ेगा। अलग अलग कैटेगिरी में अभिभावकों पर एक साथ फीस जमा कराने का भार आ गया। उन्हें अब मार्च से 10 हजार रुपए से लेकर 50 हजार रुपए तक फीस अतिरिक्त जमा करानी पड़ेगी। इसके बाद अप्रैल में सत्र शुरू होते ही फिर पहली किस्त जमा कराने का समय हो जाएगा।
होटल-ढाबे में खाना हुआ 8 प्रतिशत तक महंगा
बढ़ती महंगाई के चलते लोगों का बाहर खाना खाना भी जेब पर भारी पड़ रहा है। किराना सामग्री पर 10 से 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही गत वर्ष मई माह में कमर्शियल गैस सिलेंडर 1040.50 रुपए का आ रहा था जो अब बढ़कर 1534.50 रुपए तक पहुंच गया है। ढाबे पर औसतन 20 सिलेंडर की खपत महीने में होती है तो ढाबा व होटल मालिक को करीब 10 हजार अतिरिक्त भार पड़ रहा है। इससे उन्होंने खाने के बिल में 8 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर दी।
माल भाड़ा बढ़ने से महंगाई बढ़ रही है
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