राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी में बुधवार से मंत्रियों की जनसुनवाई की शुरूआत हुई। पहले दिन शिक्षा मंत्री डॉ बीडी कल्ला और श्रम मंत्री सुखराम विश्नोई ने शिकायतें और प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई की। सबसे ज्यादा मामले शिक्षा विभाग में तबादलों को लेकर आए। महिला टीचर्स के परिजनों की सबसे ज्यादा यह शिकायत रही कि शिक्षिका का तबादला जिला मुख्यालय से 100 से 150 किलोमीटर दूर कर दिया गया है। जबकि जहां से उन्हें हटाया गया,उस स्कूल में या आसपास स्कूलों में कई पद खाली पड़े हैं। शिक्षा मंत्री डॉ बीडी कल्ला ने ऐसे तबादलों की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा मेरे आने के बाद तबादलों पर रोक है। पहले क्या हुआ मैं नहीं कह सकता। अब नई तबादला नीति बनाकर शिक्षकों को रिलीफ देने का काम करेंगे।
नई तबादला नीति बनाएंगे
मंत्री जनसुनवाई के बाद शिक्षा मंत्री डॉ बीडी कल्ला ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा कि मेरे आने के बाद 30 नवम्बर से तबादलों पर रोक है। अब नई तबादला नीति बनाएंगे। जिनको रिलीफ दे सकते हैं, देने की कोशिश करेंगे। लेकिन क्या पूर्व के मंत्री या अधिकारियों ने ऐसा गड़बड़ काम किया है। इस पर कल्ला बोले कि मैं ऐसा नहीं कह सकता। मैं तो कहता हूँ पूर्व में भी अच्छा काम हुआ है और आगे भी करेंगे।
पिछले करीब डेढ़ साल बाद जनसुनवाई
पिछले करीब डेढ़ साल के कोरोना काल में पीसीसी में लोगों की समस्याओं के लिए होने वाली जनसुनवाई बंद थी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर पीसीसी में एक बार फिर से जनसुनवाई शुरू हुई। मंत्री दरबार में तबादलों की समस्या के अलावा पानी-बिजली, सड़कों की समस्याएं सबसे ज्यादा आईं। मंत्रियों ने लिखित में शिकायतें लीं। जिन्हें संबंधित विभागों के अधिकारियों को भेजकर एक्शन के निर्देश दिए गए।
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