पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर सियासी विवाद छिड़ गया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दावों को केन्द्र सरकार ने नकार दिया है। गहलोत ने राजस्थान में अपने आप VAT घटने का ट्वीट किया था। जिससे प्रदेश को 1200 करोड़ रुपए सालाना रेवेन्यु लॉस होने की बात कही थी। साथ ही बयान भी जारी किया था। अब केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट कर दिया है कि केन्द्र ने अपने हिस्से से एक्साइज ड्यूटी घटाई है। राज्यों पर इसका बोझ नहीं पड़ेगा। इतना ही नहीं यह भी कहा है कि नवम्बर 2021 में भी केन्द्र के हिस्से से ही पूरी कटौती की गई थी। निर्मला सीतारमण के बयान से विवाद और बढ़ गया है। राजस्थान बीजेपी ने गहलोत सरकार से VAT घटाने की मांग करते हुए अब उग्र प्रदर्शन का अल्टीमेटम दे दिया है।
सबसे महंगा डीजल-पेट्रोल राजस्थान में,जनहित में VAT कम कर बड़ी राहत दें
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा है कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार की ओर से VAT में कटौती नहीं करने के कारण देश में सबसे महंगा डीजल-पेट्रोल राजस्थान में मिल रहा है। ऐसे में मुख्यमंत्री गहलोत को राज्य की जनता के हित में गम्भीरता से विचार कर वैट में कमी कर राहत देनी चाहिए। केन्द्र के खिलाफ झूठी और तथ्यहीन बयानबाजी बंद कर मुख्यमंत्री को प्रदेश की जनता के हित में VAT कम कर बड़ी राहत देनी चाहिए।
3 दिन में VAT कम नहीं हुआ तो उग्र आंदोलन होगा
बीजेपी युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष हिमांशु शर्मा ने कहा है कि गहलोत सरकार ने 3 दिन में VAT कम नहीं किया, तो भाजयुमो उग्र प्रदर्शन करेगा। उन्होंने कहा पिछली दीपावली पर केंद्र सरकार की ओर से आम जनता को पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में राहत देने के बाद भाजयुमो ने राजस्थान सरकार से केंद्र की तर्ज़ पर पेट्रोल डीज़ल पर वैट कम करने का आग्रह कर आंदोलन किया था। युवा मोर्चा के आंदोलन के कारण राजस्थान सरकार ने पेट्रोल पर 4 रुपए और डीज़ल पर 5 रुपए VAT कम करने का फैसला लिया। महंगाई के लिए केंद्र सरकार को दोष देना राजस्थान कांग्रेस सरकार की एक आदत बन चुकी है। अब राजस्थान सरकार की ज़िम्मेदारी बनती है कि केंद्र सरकार की तर्ज पर पेट्रोल और डीज़ल पर वैट को कम किया जाए। वरना भारतीय जनता युवा मोर्चा, राजस्थान की सड़कों पर आकर आंदोलन करेगा और जनता के सामने राज्य सरकार के दोहरे चरित्र को उजागर करेगा।
CM गहलोत ने एक दिन पहले ये कहा था
‘’केन्द्र सरकार की ओर से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में की गई एक्साइज कटौती से राज्य सरकार का पेट्रोल पर 2.48 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 1.16 रुपए प्रति लीटर VAT भी कम होगा। इससे प्रदेश में पेट्रोल 10.48 रुपए और डीजल 7.16 रुपए प्रति लीटर सस्ता होगा।
इससे राज्य को करीब 1200 करोड़ रुपए प्रति वर्ष की राजस्व हानि होगी और आमजन को इसका लाभ मिल सकेगा। पूर्व में दो बार की गई वैट की कमी से राज्य को 6300 करोड़ रुपए की राजस्व हानि हुई थी। आज की कटौती को जोड़कर राज्य को करीब 7500 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष की राजस्व हानि होगी।- अशोक गहलोत
केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने यह कहा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्ष की उन सभी आलोचनाओं को खारिज कर दिया जिसमें दावा किया जा रहा था कि पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती से केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी कम हो जाएगी। केन्द्र की एक्साइज ड्यूटी घटने से राज्य का वैट अपने आप ही कम हो जाएगा।
पेट्रोल पर 8 रुपए और डीजल पर 6 रुपए एक्साइज ड्यूटी में कटौती पूरी तरह रोड और इंफ्रास्ट्रक्चर सेस में की गई है। यहां तक कि नवम्बर 2021 में पेट्रोल में 5 रुपए और डीजल में 10 रुपए प्रति लीटर की कीमतों में कमी भी इसी मद में की गई थी। राज्यों के साथ शेयर होने वाली बेसिक एक्साइज ड्यूटी को टच नहीं किया गया है। इस कारण से दोनों बार ड्यूटी में हुई कटौती का पूरा भार केन्द्र सरकार की ओर से ही उठाया गया है। कल हुई कटौती से केन्द्र सरकार के राजस्व में सालाना 1 लाख करोड़ रुपए की कमी आई है। जबकि नवम्बर 2021 की कटौती से 1 लाख 20 हजार करोड़ की सालाना कमी हुई है। केन्द्र की कुल 2 लाख 20 हजार करोड़ रुपए सालाना राजस्व में कमी हुई है। - निर्मला सीतारमण
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