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2 लाख नॉन परमानेंट कर्मचारी मनाएंगे काली दिवाली:आंगनबाड़ी वर्कर-होमगार्ड कर्मचारी नेता बोले- रेग्युलर नौकरी दे सरकार

जयपुर8 महीने पहले
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2 लाख नॉन परमानेंट कर्मचारी मनाएंगे काली दिवाली - Dainik Bhaskar
2 लाख नॉन परमानेंट कर्मचारी मनाएंगे काली दिवाली

चुनावी मोड पर आई गहलोत सरकार ने संविदाकर्मियों के बड़े वर्ग को साधने के लिए रास्ता खोला है। राजस्थान कॉन्ट्रैक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स- 2022 लागू करते ही विरोध की आवाजें उठने लगी हैं। प्रदेश सरकार ने अपने सिर्फ 1 लाख 10 हजार संविदाकर्मियों को नियमित करने की बात कही है। जबकि कर्मचारी नेताओं के मुताबिक प्रदेश में करीब 3 लाख से ज्यादा कॉन्ट्रैक्ट वर्कर, वॉल्यूंटीयर्स, मानदेय कर्मचारी काम कर रहे हैं। 2 से ढाई लाख कर्मचारी अब भी रेग्युलर नहीं हो सकेंगे। क्योंकि सरकार उन्हें कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर ही नहीं मान रही है।

जबकि 2018 के चुनाव घोषणा पत्र में आंगनबाड़ी कर्मियों को भी नियमित करने का वादा सरकार ने किया था। जिनकी संख्या 1.60 लाख है।कांग्रेस ने जन घोषणा पत्र में संविदाकर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था। लेकिन रूल्स लागू करके आरक्षण प्रावधान के साथ पारदर्शी तरीके से भर्ती कराने की फिलहाल बात कही गई है। जिसमें कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स को प्राथमिकता देना शामिल है। अब इस फैसले पर नॉन-परमानेंट कर्मचारियों ने ही सवाल उठा दिए हैं।

इन कर्मचारियों की मनेगी काली दीपावली

सरकार ने आंगनबाड़ी वर्कर, आशा सहयोगिनी, होमगार्ड्स, जनता जल योजना के पम्प चालक, कर्मचारियों, मुख्यमंत्री नि:शुल्क जांच योजना और मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना के कर्मचारियों को लेकर चुप्पी साध ली है। इनमें सबसे बड़ा वर्ग आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का है जिनकी संख्या 1.60 लाख है। 40 हजार के करीब आशा सहयोगिनी हैं। होमगार्ड्स की संख्या 30714 है। इनमें 28 हजार 50 शहरी और ग्रामीण होमगार्ड्स हैं। 2664 बॉर्डर होमगार्ड्स हैं।6500 जनता जल योजना के कर्मचारी हैं। मुख्यमंत्री नि:शुल्क जांच योजना और मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना के कर्मचारी भी राजस्थान में 5 से 6 हजार हैं।

भगवती शर्मा,प्रदेशाध्यक्ष,अखिल राजस्थान महिला-बाल विकास आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ।
भगवती शर्मा,प्रदेशाध्यक्ष,अखिल राजस्थान महिला-बाल विकास आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ।

काली दिवाली मनाएंगी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, झूठे वादों का रिजल्ट सरकार को चुनाव में दिखेगा

अखिल राजस्थान महिला व बाल विकास आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की प्रदेशाध्यक्ष भगवती शर्मा ने कहा- गहलोत सरकार के संविदाकर्मियों के नियमितिकरण के आदेशों को मैं सिरे से खारिज करते हुए कड़ी निन्दा करती हूँ। क्योंकि प्रदेश में लगभग 2.50 से 3 लाख परिवारों का चूल्हा आंगनबाड़ी के मानदेय कर्मचारी जला रहे हैं। पिछले 15 सालों से नियमित करने, प्रमोशन और मानदेय में बदलाव के लिए संघर्ष कर रहे हैं। सत्तारूढ़ कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में लिखित में वादा किया था। लेकिन आज समय आने पर सबसे बड़े वर्ग को नजरअंदाज कर महिला शक्ति को अपमानित करने का काम किया है। हमारी सरकार से विनती है कि महिलाओं को आंगनबाड़ी महिला कर्मचारियों को नियमित करने का वादा पूरा करे। वरना प्रदेश की सभी महिला बहनें राजस्थान में काली दीपावली का जवाब विधानसभा का घेराव करके करके देंगी। साथ ही झूठे वादों के रिजल्ट आगामी चुनाव में सरकार को दिखाई देंगे।

झलकन सिंह राठौड़, प्रदेशाध्यक्ष, राजस्थान होमगार्ड कर्मचारी संगठन।
झलकन सिंह राठौड़, प्रदेशाध्यक्ष, राजस्थान होमगार्ड कर्मचारी संगठन।

होमगार्ड जवान दिवाली ही नहीं हर दिन काला मनाएंगे, ये अनदेखी सरकार का धोखा है

राजस्थान होमगार्ड कर्मचारी संगठन के प्रदेशाध्यक्ष झलकन सिंह राठौड़ ने कहा- आज राजस्थान में होमगार्ड के जवान काली दिवाली मनाने को मजबूर हैं। क्योंकि मौजूदा सरकार में मौजूद कांग्रेस ने हमसे चुनाव से पहले वादा किया था कि सत्ता में आने पर होमगार्ड्स को नियमित किया जाएगा। कांग्रेस सरकार को सत्ता में आए 4 साल बीत चुके हैं। ना तो होमगार्ड का एक भी रुपया बढ़ाया, ना ही रेगुलर किया। संविदाकर्मियों के लिए मंत्री बीडी कल्ला की अध्यक्षता में सरकार ने कमेटी बनाई। जब हमने उन्हें होमगार्ड्स को संविदाकर्मी मानते हुए रेग्युलर करने का ज्ञापन दिया, तो कोई विचार नहीं किया। ये अनदेखी सरकार का धोखा है। कांग्रेस के तमाम नेताओं ने हमारे आंदोलन में आकर ये वादा किया था कि आपका नियमितिकरण किया जाएगा। उस वक्त की बीजेपी सरकार को कोसा गया था। लेकिन 4 साल के इंतजार के बाद आज होमगार्ड के जवान काली दिवाली मनाने को मजबूर हैं।

राठौड़ ने कहा- हम लोग संविदाकर्मियों की तर्ज पर उन्हीं खाली पदों पर काम करते हैं। 1962 से स्थापित इस विभाग के कर्मचारी आज भी नियमितिकरण के इंतजार में है। ना तो सर्विस रूल्स हैं, ना ही कोई सुविधा है। कब तक होमगार्ड के जवान इस जिल्लत की जिन्दगी को जीएंगे। सरकार को जल्द से जल्द संविदाकर्मियों की तर्ज पर होमगार्ड को नियमित करना चाहिए। राजस्थान के लगभग 90 विधायकों ने CM को एक सिफारिश पत्र लिखा है कि होमगार्ड को नियमित किया जाए। अधिनियम 1962 और 1963 की धाराओं में संशोधन किया जाए। लेकिन दिवाली के खुशियों भरे त्योहार पर भी होमगार्ड मायूस हैं। पिछली बीजेपी सरकार ने भी सुध नहीं ली, मौजूदा कांग्रेस सरकार भी हमारी सुध नहीं ले रही है। अब फिर से चुनाव आने वाले हैं। फिर से लोक लुभावने वादे कर होमगार्ड की सेवाएं ले ली जाएंगी और फिर से दरकिनार कर दिया जाएगा। लेकिन होमगार्ड जवान दिवाली ही नहीं हर दिन काला मनाएंगे।

आंगनबाड़ी कर्मियों को नियमित करने का कांग्रेस पार्टी ने चुनावी जन घोषणा पत्र में वादा किया था। जिसे प्रदेश की गहलोत सरकार ने अपना विजन डॉक्यूमेंट बनाया है। लेकिन सरकार को 4 साल गुजरने पर भी अब तक इन्हें नियमित नहीं किया गया।
आंगनबाड़ी कर्मियों को नियमित करने का कांग्रेस पार्टी ने चुनावी जन घोषणा पत्र में वादा किया था। जिसे प्रदेश की गहलोत सरकार ने अपना विजन डॉक्यूमेंट बनाया है। लेकिन सरकार को 4 साल गुजरने पर भी अब तक इन्हें नियमित नहीं किया गया।

जन घोषणा पत्र में नियमित करने का वादा किया था

कांग्रेस के घोषणापत्र-2018 के पेज नंबर 15 के पैरा 3 और पेज नंबर 34 के पैरा 5 में लिखा है कि संविदाकर्मियों, आंगनबाड़ी कर्मियों आदि कर्मचारियों की समस्याओं का उचित समाधान कर नियमित किया जाएगा। गहलोत सरकार ने इसे विजन डॉक्यूमेंट भी बनाया है।

गजेंद्र सिंह राठौड़,प्रदेशाध्यक्ष,अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत
गजेंद्र सिंह राठौड़,प्रदेशाध्यक्ष,अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत

अभी भी 2 लाख कर्मचारी नियमित होने से रह जाएंगे

अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा-जिन 1.10 लाख कर्मचारियों को नियमित करने के लिए मुख्यमंत्री ने घोषणा की है,उसके लिए उनका स्वागत है। लेकिन अभी भी करीब 2 लाख कर्मचारी नियमित होने से बच रहे हैं। प्रदेश सरकार से मांग है सभी नॉन परमानेंट कर्मचारियों को कॉन्ट्रैक्चुअल रूल्स 2022 में शामिल कर परमानेंट किया जाए। सरकार 1.60 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और 40 हजार आशा सहयोगिनियों को केंद्र की योजना के अंतर्गत मानती है। जिसमें आधा मानदेय केंद्र और आधा राज्य सरकार भुगतान करती है। समय-समय पर राज्य सरकार इनका मानदेय भी बढ़ाती है।अलग-अलग राज्यों में इनके मानदेय (सैलेरी) में भी अंतर है। लम्बे समय से इन्हें परमानेंट करने की मांग उठ रही है।

30700 से ज्यादा होमगार्ड्स को राज्य सरकार वॉल्यूंटीयर मानती है। इनमें से करीब 8000 को ही ड्यूटी मिलती है। रोटेशन के आधार पर ही होमगार्ड्स को सरकार ड्यूटी देती है। होमगार्ड्स की मांग 12 महीने काम देने, सभी की कॉन्ट्रैक्ट या संविदा बेसिस पर नियुक्ति मानने और परमानेंट करने की मांग है। इसी तरह 6500 जनता जल योजना के पम्प चालक कर्मचारी हैं। इन्हें भी प्रदेश सरकार कॉन्ट्रैक्ट या संविदा पर नहीं मान रही है। इन्हें पार्ट टाइम (अंशकालिक) माना जाता है। जबकि ये गांव में बिजली आने पर पानी चलाने, टंकियों में भरने और घरों में सप्लाई देने का काम रेग्युलर करते हैं। 1994 से जनता जल योजना चालू है। इन कर्मचारियों को न्यूनतम मजदूरी 6800 रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जाता है। बीते 4 महीने से पूरा पैसा भी कर्मचारियों को नहीं मिला है। मुख्यमंत्री नि:शुल्क जांच योजना और मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना के कर्मचारी भी राजस्थान में 5 से 6 हजार हैं। इनके साथ बहुत बड़ा शोषण है। इन्हें संविदा या निविदा पर माना जा रहा है। जबकि राज्य सरकार इन्हें खुद सीधा भुगतान देती है। इन सभी कर्मचारियों के नियमितिकरण के लिए महासंघ लगातार संघर्ष कर रहा है।

महेश जोशी, पीएचईडी मंत्री, राजस्थान।
महेश जोशी, पीएचईडी मंत्री, राजस्थान।

हम आगे कुछ कर पाएंगे, तो उसके बारे में भी देखेंगे

''अगर हम कुछ लोगों को शामिल नहीं कर पा रहे तो इसका मतलब ये नहीं होता कि जो शामिल हो सकते हैं, उनको अधिकारों से वंचित रखा जाए। हमारी कोशिश है सरकार ज्यादा से ज्यादा जो कर सकती है,करे। CM अशोक गहलोत इतने संवेदनशील हैं कि वो बिना लोगों की मांग के अपनी जिम्मेदारी निभाकर फायदा पहुंचाने का काम करते हैं। OPS की मांग देश में किसी ने नहीं की थी। गहलोत के दिमाग में ये बात आई कि ये उन लोगों के साथ अन्याय हो रहा है जो 60 साल की उम्र तक प्रदेश की सेवा करते हैं। CM ने आगे बढ़कर बिना किसी मांग के ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की। हमने जो घोषणा की है उन कर्मचारियों को OPS का भी फायदा होगा। हम आगे कुछ कर पाएंगे, तो उसके बारे में भी देखेंगे। लेकिन हम ये सोचकर कि दूसरों के लिए नहीं कर पा रहे हैं, तो जिनके लिए कर सकते हैं उनके लिए भी नहीं करें, हमें इस सोच से आगे बढ़ना होगा। उन्होंने जो घोषणा की है मैं उसका स्वागत करता हूँ। बड़े लेवल पर संविदाकर्मियों और बेरोजगारों को इसका फायदा मिलेगा।''- महेश जोशी, PHED मंत्री, राजस्थान सरकार

धर्मेंद्र राठौड़, चेयरमैन, RTDC
धर्मेंद्र राठौड़, चेयरमैन, RTDC

दिवाली पर कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, संविदाकर्मियों और जनता में खुशी की लहर

''फैसले का पूरे राजस्थान में वेलकम हो रहा है। ये इतना ऐतिहासिक फैसला है कि संविदाकर्मियों और राजस्थान की जनता में खुशी की लहर है। ओल्ड पेंशन स्कीम CM ने बिना मांगें दी है। मैं कर्मचारी नेता रहा हूँ। छोटी-छोटी मांगों के लिए बड़े-बड़े आंदोलन राजस्थान के इतिहास में हुए हैं। DA,बोनस,इंक्रीमेंट,सरेंडर लीव के लिए आंदोलन हुए हैं। OPS बीजेपी सरकार के वक्त 2003 में खत्म कर दी गई। 1 अप्रैल 2004 से देश में नई पेंशन स्कीम लागू की गई। उसका असर राजस्थान में भी हुआ। हमारे CM ने यह सोचा कि प्रदेश का कर्मचारी अपना जीवन असुरक्षित रूप से जी रहा है। तो उन्होंने आगे बढ़कर ये फैसला किया। जिसका पूरे देश में स्वागत हो रहा है। दिवाली पर हम PM से भी मांग कर रहे हैं कि वो ओल्ड पेंशन स्कीम पूरे देश में लागू करें। जहां उनकी सरकारें हैं, वहां तो OPS लागू कर ही देनी चाहिए। अब जमीनी और बुनियादी मुद्दों पर राजनीति करने का वक्त आ गया है। मैं यह कह सकता हूँ दिवाली है कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले।'' - धर्मेंद्र राठौड़, चेयरमैन, RTDC

क्या है पूरा मामला ?

CM गहलोत ने प्रदेश में राजस्थान कॉन्ट्रैक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स- 2022 लागू करने के प्रस्ताव को शनिवार को मंजूरी दी है। ये नियम राजस्थान के अलग-अलग सरकारी विभागों में काम कर रहे कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों पर लागू होंगे। सरकार ने फैसला लिया है कि प्रदेश के 1 लाख 10 हजार से ज्यादा संविदाकर्मियों को इन नियमों के दायरे में लाकर फायदा दिलाया जाएगा। दीपावली के त्योहार से ठीक पहले CM निवास पर बीती शाम हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में गहलोत ने यह फैसला लिया है। गहलोत सरकार के मुताबिक केन्द्र सरकार की चलाई गई स्कीम्स और राज्य सरकारों की जन कल्याण और सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी कई स्कीम्स के इम्प्लीमेंटेशन में ये संविदाकर्मी अहम भूमिका निभाते रहे हैं। लेकिन खुद इनकी सामाजिक सुरक्षा का ध्यान सरकारों ने नहीं रखा। कई राज्यों में तो इनका मानदेय तक नहीं बढ़ाया गया। इसलिए गहलोत ने मानवीय नजरिए से यह फैसला लिया है। जिससे इन संविदाकर्मियों को सामाजिक सुरक्षा मिल सकेगी।

1 लाख 10 हजार 279 संविदाकर्मियों को नियमित करने का रास्ता खोला

गहलोत के इस फैसले से शिक्षा विभाग के शिक्षा कर्मी, पैरा टीचर्स, ग्राम पंचायत सहायक, इंग्लिश मीडियम स्कूल टीचर समेत कुल 41423 संविदाकर्मी, ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग के राजीविका- मनरेगा के कुल 18326, अल्पसंख्यक मामलात विभाग के 5697 मदरसा पैरा टीचर्स, मेडिकल एंड हेल्थ डिपार्टमेंट और मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट के 44833 संविदाकर्मियों समेत कुल 1 लाख 10 हजार 279 संविदा कर्मचारियों को इन रूल्स का फायदा होगा। गहलोत ने सभी संविदाकर्मियों को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है। सरकार ने कहा है संविदाकर्मियों को नियमित करने को लेकर समय-समय पर कई कमेटियां बनीं, लेकिन इनकी समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं हो सका। गहलोत ने साल 2021-22 के बजट में संविदाकर्मियों का विभाग वाइज कैडर बनाने की घोषणा की और साल 2022-23 के बजट में इनके मानदेय में 20 प्रतिशत बढ़ोतरी करने की घोषणा की थी।

संविदाकर्मियों को कैसे नियमित करेगी गहलोत सरकार ?

-राजस्थान कॉन्ट्रैक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स-2022 के लागू होने से संविदाकर्मियों की भर्ती पारदर्शी तरीके से हो सकेगी।

-भर्ती में आरक्षण का पूरा ध्यान रखा जाएगा।

-जो संविदाकर्मी 5 साल तक काम कर लेंगे, भविष्य में उन पदों के नियमित होने पर उन्हीं संविदाकर्मियों में से स्क्रीनिंग कर उन्हें स्थायी किया जा सकेगा।

-नियमों में ध्यान रखा गया है कि किस पद को किस स्थायी पद के समकक्ष (बराबर) माना जाए।

- इसी आधार पर इन संविदाकर्मियों के लिए मानदेय तय किया गया है।

-स्पेशल पे प्रोटेक्शन का प्रोविजन भी किया गया है।

-नियमित होने पर इन कर्मियों को ओल्ड पेंशन स्कीम का फायदा भी लिया जाएगा।

बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ने 16 अक्टूबर 2022 को सीएम गहलोत को पत्र लिखकर जन घोषणा पत्र का यह वादा याद दिलाया था।
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ने 16 अक्टूबर 2022 को सीएम गहलोत को पत्र लिखकर जन घोषणा पत्र का यह वादा याद दिलाया था।

BJP प्रदेशाध्यक्ष पूनिया ने 16 अक्टूबर को CM को लैटर लिखा था

बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ने 16 अक्टूबर को CM अशोक गहलोत को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली प्रदेश कांग्रेस सरकार साल 2018 के कांग्रेस जन घोषणा पत्र के उस वादे से मुकर रही है, जिसमें संविदाकर्मियों को नियमित करने का वादा किया था। गहलोत सरकार लाखों संविदाकर्मियों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। जिससे ना केवल संविदाकर्मी बल्कि इनसे जुड़े हुए लाखों परिवार प्रभावित हो रहे हैं। पूनिया ने कहा- राजस्थान में लगभग 70 लाख अभ्यर्थियों ने अलग-अलग प्रतियोगी परीक्षाएं दीं, लेकिन लगभग 1 लाख युवाओं को ही प्रदेश सरकार 4 सालों में रोजगार दे सकी है। सरकार की कमजोर गवर्नेंस के कारण प्रदेश की 90 प्रतिशत से ज्यादा आबादी रोजगार से दूर होती जा रही है।

संविदाकर्मियों को नियमित करने का वादा निभाएं

संविदाकर्मियों को नियमित करने की मांग को लेकर सतीश पूनियां ने CM अशोक गहलोत को लैटर में लिखा- मैं सर्विस कर रहे संविदाकर्मियों की तरफ आपका ध्यान दिलाना चाहता हूँ। जिनके लिए कांग्रेस के घोषणापत्र-2018 के पेज नंबर 15 के पैरा 3 और पेज नंबर 34 के पैरा 5 में लिखा है कि संविदाकर्मियों और पंचायत सहायकों आदि के अन्तर्गत काम कर रहे कर्मचारियों की समस्याओं का उचित समाधान कर नियमित किया जाएगा। पूनिया ने लैटर में यह भी कहा कि 4 साल के शासनकाल के बावजूद संविदाकर्मियों को नियमित नहीं किया गया है। कैबिनेट मंत्री बीडी कल्ला की अध्यक्षता में सब कमेटी गठित होने के बाद भी संविदाकर्मियों को नियमित नहीं किया। सरकार की कैबिनेट ने भी संविदाकर्मियों को नियमित करने के बजाए संविदाकर्मियों की भर्ती से लेकर नौकरी से हटाने तक के प्रावधान कर दिए और यह भी निर्णय किया कि किसी भी संविदाकर्मियों को 5 साल से ज्यादा वक्त के लिए नहीं रखेंगे। कॉन्ट्रेक्ट खत्म होते ही नियुक्ति समाप्त मानी जाएगी।

CM के साथ बैठक में ये मंत्री-अफसर जुड़े

बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शिक्षा मंत्री डॉ बी.डी.कल्ला, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा, अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद, स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा, मुख्य सचिव उषा शर्मा, शिक्षा विभाग के एसीएस पवन कुमार गोयल, प्रिंसिपल सेक्रेट्री-फायनेंस अखिल अरोड़ा,प्रिंसिपल सेक्रेट्री-ग्रामीण विकास और पंचायती राज अपर्णा अरोड़ा, स्वास्थ्य सचिव डॉ.पृथ्वीराज, अल्पसंख्यक मामलात विभाग के सचिव पीसी किशन समेत सीनियर अफसर मौजूद रहे।

आंगनबाड़ी, होमगार्ड, जनता जल योजना कर्मियों का क्या होगा ?

प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लगभग 1 लाख 60 हजार हैं। कुल होमगार्ड 32000 के करीब हैं। जनता जल योजना में 6500 कर्मचारी मानदेय या कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे हैं। बड़ी संख्या में इन कर्मचारियों का क्या होगा, इस पर सरकार ने स्पष्टीकरण नहीं दिया है।

9 और 18 साल की गिनती कॉन्ट्रैक्चुअल सर्विस रूल्स में आने से तय होगी

शिक्षाकर्मी, पैराटीचर्स और ग्राम पंचायत सहायक को कॉन्ट्रैक्चुअल सर्विस रूल्स के दायरे में लेने का 21 अक्टूबर को ही फॉर्म्यूला तय किया था। जिन संविदाकर्मियों का पहले का वेतन ज्यादा होगा, उन्हें मिलने वाले वेतन में दो सालाना इंक्रीमेंट जोड़कर नया वेतन तय किया जाएगा। जिन कर्मचारियों का पहले से मिलने वाला वेतन संरक्षित किया गया है, उनकी 9 और 18 साल की सर्विस की गिनती इन नियमों के आने की तारीख से होगी। पहले की सर्विस 9 और 18 साल की गिनती में शामिल नहीं होगी।

एजेंसी या जॉब बेसिस पर लिए संविदाकर्मी दायरे में नहीं आएंगे

एजेंसी के माध्यम से जॉब बेसिस पर काम कर रहे संविदा कर्मचारियों को नियमित नहीं किया जाएगा। पंचायत सहायक, शिक्षाकर्मी और पैराटीचर्स को तभी नियमित किया जाएगा, जब वे इन पदों के लिए तय एजुकेशनल क्वालिफिकेशन को पूरा करते हैं। कॉन्ट्रैक्चुअल सर्विस रूल्स के दायरे में वे ही संविदाकर्मी आएंगे जो तय योग्यता पूरी करते हैं।

शुरुआत में 10,400 रुपए का वेतन मिलेगा

पंचायत सहायक, शिक्षाकर्मी और पैराटीचर्स को नियमित करने के आदेश जारी कर दिए हैं। तीनों को अब शुरुआत में 10,400 रुपए का वेतन मिलेगा। जिन संविदा कर्मचारियों को अभी 10,400 से ज्यादा मिलते हैं, उनका वेतन पहले की तरह मिलता रहेगा। 9 साल की सर्विस पूरी करने पर 18,500 और 18 साल की सर्विस पूरी करने पर 32,300 रुपए सैलरी मिलेगा।

कैबिनेट सब कमेटी की रिपोर्ट के बाद बनाए थे नियम

कांग्रेस सरकार बनने के बाद ​संविदाकर्मियों को नियमित करने के लिए मंत्री बीडी कल्ला की अध्यक्षता में कैबिनेट सब कमेटी बनाई गई थी। कैबिनेट सब कमेटी की सिफारिश के आधार पर संविदाकर्मियों को नियमित करने के लिए नियम बनाए गए थे। संविदाकर्मी सरकारी कर्मचारियों की तरह वेतन-पेंशन की मांग कर रहे थे, लेकिन कल्ला कमेटी ने दूसरा फॉर्म्यूला निकाला। सरकारी विभागों में काम करने वाले संविदाकर्मियों को नियमित करने के लिए राजस्थान कॉन्ट्रैक्चुअल सर्विस रूल्स 2021 बनाए गए। अब इन नियमों के दायरे में संविदाकर्मियों को लिया जाएगा।