मथुरा जेल से बाहर आने के एक दिन बाद गुरुवार को डॉ. कफील खान जयपुर पहुंचे। यहां प्रेस कॉफ्रेंस में उन्होंने कहा, 'प्रियंका गांधी ने मुझसे राजस्थान आने के लिए कहा था। उन्होंने कहा था कि हम आपको सुरक्षित जगह देंगे। यूपी सरकार शायद कोई दूसरा केस लगा दे।' डॉ. कफील ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जिंदगी का खतरा है। इसलिए, अब यूपी से थोड़ा दूर रहेंगे।'
डॉ. कफील ने कहा कि मथुरा राजस्थान बॉर्डर से लगा हुआ है। इसलिए, जेल से छूटने के बाद मैं भरतपुर आ गया। प्रियंका जी ने भी मदद की। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है। इसलिए हम यहां सुरक्षित रह सकते हैं। परिवार को भी ऐसा ही लग रहा है। क्योंकि, पिछले साढ़े सात महीने मेरा मेंटल हरेसमेंट हुआ। फिजिकली टॉर्चर भी किया। हर बार मुझसे यही कहा जाता था कि सरकार के खिलाफ मत बोलो। इसलिए चाहता हूं कि ऐसी जगह पर रहूं, जहां परिवार के साथ वक्त बीता सकूं।
बिहार, असम और केरल में भी सुरक्षित रहूंगा
डॉ. कफील ने कहा कि मेरे परिवार को लगता है कि मुझे फिर से किसी केस में फंसाया जा सकता है। बिहार, असम और केरल जाऊंगा तो भी सुरक्षित रहूंगा। मेरे खिलाफ आधारहीन और साजिश के तहत रासुका लगा दिया गया था। मुझे बेवजह जेल में रखा गया। इलाहबाद कोर्ट ने साफ लहजे में कहा कि अलीगढ़ के डीएम ने कानून व्यवस्था का दुरुपयोग किया।
नौकरी ज्वॉइन करने के लिए मुख्यमंत्री से करूंगा गुजारिश
डॉ. कफील ने दूसरी तरफ यह भी कहा कि मैं अपने प्रदेश के सीएम को लेटर लिखूंगा। उनसे गुजारिश करुंगा कि फिर से अपनी नौकरी ज्वॉइन कर सकूं। 10 साल का मेरा एक्सपीरियंस है। इसलिए शायद कोरोना से लड़ने के लिए अपना योगदान दे सकूं। मैं अपने आप को वालंटियर के तौर पर प्रेजेंट करूंगा। जो इंस्टीट्यूट वैक्सीन बना रहे हैं, मेरे ऊपर रिसर्च कर सकते हैं। मुझे वैक्सीन की डोज दे सकते हैं।
भड़काऊ भाषण देने के बाद हुए थे गिरफ्तार
गौरतलब है कि बुधवार को ही डॉ. कफील खान जेल से रिहा हुए हैं। डॉ. खान पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में 13 दिसंबर 2019 को भड़काऊ भाषण देने का आरोप था। यूपी पुलिस ने उन्हें जनवरी में मुंबई से गिरफ्तार किया था। बाद में अलीगढ़ कलेक्टर ने नफरत फैलाने के आरोप में उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई की।
फरवरी में उन्हें फिर गिरफ्तार कर मथुरा जेल भेज दिया गया। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर उन्हें रिहा किया गया।
ऑक्सीजन कांड के बाद चर्चा में आए थे
डॉ. कफील गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 2017 में ऑक्सीजन की कमी से कुछ ही दिनों में 60 बच्चों की मौत की घटना को लेकर चर्चा में आए थे। आपात स्थिति में ऑक्सीजन सिलेंडरों की व्यवस्था कर बच्चों की जान बचाने को लेकर डॉ. कफील की प्रशंसा हुई थी। बाद में 9 अन्य डॉक्टरों और कर्मचारियों के साथ उन पर कार्रवाई हुई। विभागीय जांच में डॉ. कफील को क्लीनचिट दी गई थी।
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